इर्विन के भोजन कक्ष में रोजाना बनता है 350 मरीजों का भोजन
भोजन की गुणवत्ता के साथ ही रसोई घर की साफ-सफाई पर दिया जाता है विशेष ध्यान
अमरावती/दि.30– स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती होने वाले प्रत्येक मरीज को रोजाना सुबह-शाम दो समय के भोजन के साथ ही नाश्ता भी दिया जाता है. विशेष उल्लेखनीय है कि, भोजन कक्ष की अच्छे से साफ सफाई करने के बाद ही भोजन बनाने का काम शुरु होता है और यहां पर तैयार किया गया भोजन व नाश्ता अस्पताल के डॉक्टरों व अधिकारियों को दिया जाता है. जिसके बाद क्लियरंस मिलने पर इसे मरीजों को वितरीत किया जाता है.
बता दें कि, जिला सामान्य अस्पताल में रोजाना औसतन 300 से 350 मरीज भर्ती रहते है. जिन्हें दोनों समय का भोजन व नाश्ता नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है. अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों को रोज सुबह चाय के साथ नाश्ते में उसड, पोहा, सोजी या उपमा दिया जाता है. वहीं दोपहर में दाल-भात, सब्जी-रोटी, सलाद परोसा जाता है. शाम के नाश्ते में अंडे के साथ ही दूध व केला दिए जाते है. तथा रात में दाल-चावल, सब्जी-रोटी का भोजन देने के साथ ही सोते समय जल्दी वाला दूध दिया जाता है. ऐसी जानकारी अस्पताल प्रशासन की ओर से दी गई है.
* 350 मरीजों का भोजन रोजाना होता है तैयार
जिला सामान्य अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती होने वाले सभी मरीजों को रोजाना दोनों समय चाय-नाश्ता व भोजन दिए जाने का प्रावधान किया गया है. जिसके चलते इस अस्पताल में रोजाना करीब 350 लोगों के लिए चाय-नाश्ता व भोजन तैयार किया जाता है.
* क्या होता है नाश्ते व भोजन का मेन्यू
अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों को रोजाना सुबह चाय के साथ पोष्टिक नाश्ता दिया जाता है. साथ ही दो समय के भोजन में सब्जी-रोटी व दाल-चावल परोसे जाते है. इसके तहत रोजाना दोनों समय अलग-अलग सब्जियां परोसी जाती है. इसके अलावा शाम के वक्त चाय के साथ अंडे या केले भी दिए जाते है.
* साफ-सफाई पर दिया जाता है विशेष ध्यान
जिला सामान्य अस्पताल के आहार विभाग में भोजन कक्ष की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इसके तहत भोजन कक्ष के भीतर भोजन बनाने का काम शुरु करने से पहले सैनिटाइजेशन करते हुए यहां पर भोजन बनाने वाले महिलाओं व पुरुषों की हाईजीन पर खास ध्यान दिया जाता है.
* रोजाना सुबह रसोई घर में सबसे पहले साफ-सफाई करवाई जाती है. जिसके बाद ही भोजन बनाने वाले सभी लोग अपने काम की शुरुआत करते है. साथ ही मरीजों को भोजन देने से पहले रोजाना अस्पताल के अलग-अलग अधिकारी व डॉक्टरों को पहले से तय टाइम-टेबल के अनुरुप चाय-नाश्ता व भोजन चखने हेतु दिया जाता है और उसके बाद भी उसे मरीजों मेें वितरीत किया जाता है.
– कविता देशमुख,
आहार विशेषज्ञ, इर्विन अस्पताल