अमरावती

28 लाख लोगों की अन्न सुरक्षा भगवान भरोसे

एफडीए (FDA) के पास मनुष्यबल का अभाव

  • जवाबदारी पूरी करने में नाकाम साबित हो रहा विभाग

अमरावती/दि.22 – जिले में सभी नागरिकोें की अन्न व औषधी से संबंधित सुरक्षा की जवाबदारी अन्न व औषधी प्रशासन विभाग पर होती है. जिसे लेकर एफडीए द्वारा कुछ प्रमाण में कार्रवाई की जाती है. किंतु इन दिनों यह महकमा मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा है. जिसकी वजह से कार्रवाई की रफ्तार काफी हद तक सुस्त हुई है और इन दिनों बेहद कम पैमाने पर होटल व रेस्टॉरेंट आदि की जांच हो पा रही है. जिसके चलते जिले के 28 लाख लोगोें की अन्न संबंधी सुरक्षा को भगवान भरोसे कहा जा सकता है. क्योेंकि इन दिनों किसी के भी खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की वजह से कम गुणवत्तावाले व मिलावटयुक्त खाद्य पदार्थों की जमकर बिक्री हो रही है. जिससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में कहा जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक औषधी प्रशासन विभाग के पास औषध निरीक्षकोें के 4 पद मंजुर है. जिसमें से इस समय केवल एक निरीक्षक के पास ही पूरे जिले का जिम्मा है. जिले में कुल 2 हजार औषधी दुकाने है. जिसमें से गत वर्ष 340 प्रतिष्ठानों की ही जांच की गई और दोषी पाये गये 43 मेडिकल स्टोर के लाईसेन्स निलंबित किये गये. इसी तरह जिले में 89 होटल व 402 रेस्टॉरेंट के पास व्यवसाय परवाना है. वहीं 238 होटल व 702 रेस्टॉरेंट अन्न प्रशासन विभाग के पास पंजीकृत है. जिसमें से विगत एक वर्ष के दौरान केवल 12 आस्थापनाओें के खिलाफ ही आवश्यक जांच के बाद कार्रवाई की गई. अन्न सुरक्षा अधिकारी के भी 6 पद मंजुर है. जिसमें से केवल 4 पदों पर ही अधिकारी कार्यरत है. ऐसे में अन्न सुरक्षा विभाग भी मनुष्यबल की कमी से जूझ रहा है.

औषध दुकानों की तरह होटलोें की जांच क्योें नहीं

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, औषध प्रशासन विभाग के पास चार पद मंजुर है. जिसमें से केवल एक ही औषधी निरीक्षक कार्यरत है. साथ ही उन पर यवतमाल के सहायक आयुक्त पद का भी अतिरिक्त प्रभार है. इसके बावजूद भी विगत एक वर्ष के दौरान 340 मेडिकल स्टोर की जांच करते हुए 43 लोगोें के लाईसेन्स अस्थायी तौर पर निलंबित किये गये. वहीं अन्न प्रशासन विभाग के पास 6 की बजाय 4 निरीक्षक रहने के बावजूद भी होटलों व रेस्टॉरेंट की अपेक्षित तौर पर जांच क्यों नहीं की जा रही, यह अपने आप में एक बडा सवाल है.

  • जिले में जनसंख्या काफी तेजी से बढी है. जिसकी तुलना में अन्न प्रशासन विभाग के कामकाज का दायरा भी बढ गया है. कुल मंजूर पदों की तुलना में हमारे पास मनुष्यबल कम है. बावजूद इसके जल्द ही एक बैठक लेकर होटलों व रेस्टॉरेंट की जांच करने का नियोजन किया जायेगा. इसके अलावा यदि कोई होटल या रेस्टॉरेंट संचालक खाद्यपदार्थों की गुणवत्ता को लेकर दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी की जायेगी.
    – सुरेश अन्नपुरे
    सह आयुक्त, अन्न प्रशासन विभाग, अमरावती.

अदालती प्रक्रिया में भी जाता है समय

अन्न व औषधी प्रशासन विभाग के अधिकारियोें को नियमित कार्रवाई के साथ ही न्याय प्रविष्ठ मामलोें के लिए भी अदालत में समय देना पडता है. इस समय औषधी विभाग के 40 मामले न्यायालय में प्रलंबित है. वहीं इस बार तीन मामले नये सिरे से दाखिल किये गये है. ऐसी जानकारी प्रभारी सह आयुक्त उमेश घरोटे द्वारा दी गई है. इसी तरह अन्न सुरक्षा विभाग द्वारा भी सैंकडों मामले न्यायालय में दाखिल किये गये है.

सालभर में हुई 12 कार्रवाईयां

होटलों में स्वच्छता रखी जाती है अथवा नहीं, वहां कम व हलकी गुणवत्तावाले अन्न पदार्थों की बिक्री अथवा संग्रहण का काम तो नहीं होता, इन मसलों की जांच करते हुए अन्न प्रशासन विभाग को कार्रवाई करने का अधिकार है. जिसके चलते विगत एक वर्ष के दौरान 12 होटल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसे अमरावती शहर सहित जिले में स्थित होटलों व रेस्टॉरेंट की तुलना में बेहद अत्यल्प संख्या कहा जा सकता है. हालांकि इसके लिए अन्न सुरक्षा विभाग द्वारा अपने पास मनुष्यबल कम रहने की वजह आगे की गई है.

Related Articles

Back to top button