साडे तीन वर्षीय बालक के सीने में फंसा फुटाना
धारणी तहसील की घटना, डॉक्टरों के सामने चुनौती
* अमरावती के निजी अस्पताल में ब्रोन्कोस्कोपी ऑपरेशन कर दिया जीवनदान
अमरावती/ दि.8- धारणी तहसील निवासी साडे तीन वर्षीय बालक के सीने में फुटाना फंस गया. जिससे उसे सांस लेने में काफी तकलीफ होने लगी. वह फुटाना निकालना डॉक्टरों के लिए चुनौतीभरा था. अमरावती के निजी अस्पताल में चुनौती स्वीकार करते हुए डॉक्टरों की टीम ने ब्रोन्कोस्कोपी ऑपरेशन कर उस बालक को जीवनदान दिया.
धारणी में इलाज कराने के बाद भी किसी तरह का फायदा नहीं हुआ. बालक को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, दम भरने लगा, खांसी और बुखार भी था. इस वजह से उस बालक को उसके माता-पिता परतवाडा के एक अस्पताल ले गए. तब उसकी सिटीस्कैन की गई. सिटीस्कैन रिपोर्ट में सीने में कुछ फंसा होने की बात सामने आयी. तब उसे अमरावती के डॉ. सौरभ अंबाडेकर के अस्पताल ले जाया गया. उस समय सीने में फंसा पदार्थ फुटाना होने का संदेह उसकी मां ने व्यक्त किया. डॉक्टर ने ब्रोन्कोस्कोपी कर फॉरेन बॉडी निकालना ही एकमात्र इलाज होने की बात बताई.
ब्रोन्कोस्कोपी के दौरान बालक के फेफडे में एक जगह फुटाना एक माह से फंसकर फुल चुका था और दूसरी तरफ फुटाने का छिलका फंसा हुआ दिखाई दिया. यह काफी पेचिदा ऑपरेशन डॉ. सौरभ अंबाडेकर व डॉ. स्वप्नील शर्मा ने पूरा किया. बेहोशी तज्ञ के रुप में डॉ. शिरिष माहुरे, इसी तरह डॉ. रोहन बोबडे, डॉ. लक्ष्मी भोंड व नर्सिंग स्टॉप उपस्थित था. ऑपरेशन के बाद डॉ. भुपेश भोंड, डॉ. लक्ष्मी भोंड, डॉ. रोहन बोबडे, डॉ. सूरज राठी, डॉ. सुमित गावंडे की निगरानी में इलाज किया गया.