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20 साल से नांदगांव पेठ एमआयडीसी वीरान पडी थी, तब सो रहे थे क्या?

पत्रवार्ता में गरजे पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे

* बेतुके आरोप लगानेवालों को लिया जमकर आडे हाथ
* मेगा टेक्सटाईल प्रोजेक्ट अमरावती में ही साकार होने का किया दावा
* भाजपा सरकार ने किया नांदगांव पेठ एमआयडीसी का कायाकल्प
* वर्ष 2014 से 2019 का दौर रहा शहर व जिले सहित राज्य का सुवर्णकाल
अमरावती/दि.28– करीब 20 साल तक अमरावती की नांदगांव पेठ एमआयडीसी पूरी तरह से वीरान और सुनसान पडी हुई थी. उस समय खुद को विकास पुरूष बतानेवाले किसी भी नेता को इस एमआयडीसी में एक खीला तक गाडने की नहीं सुझी. वहीं वर्ष 2014 में जब राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार बनी, तब देखते ही देखते इस एमआयडीसी को सही अर्थों में पंचतारांकित रूप देकर विकसित किया गया और तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा ही यहां पर टेक्सटाईल पार्क शुरू किया गया. साथ ही अब इस क्षेत्र में मेगा टेक्सटाईल पार्क भी उन्हीं देवेंद्र फडणवीस की वजह से साकार होने जा रहा है. जिसे लेकर कुछ लोगों द्वारा आम जनता में गलतफहमी फैलाने हेतु झूठी जानकारियां प्रसारित की जा रही है. ऐसे लोगोें से सवाल पूछा जाना चाहिए कि, जब उनकी सरकारों के समय 20 साल तक नांदगांव पेठ की एमआयडीसी वीरान-सुनसान पडी थी, तब वे सो रहे थे क्या? इस आशय का प्रतिपादन पूर्व पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील ने आज यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में किया.
बता दें कि, दो दिन पहले ही पूर्व पालकमंत्री व कांग्रेस नेता डॉ. सुनील देशमुख ने एक पत्रवार्ता लेते हुए राज्य की शिंदे-भाजपा सरकार पर अमरावती के प्रस्तावित मेगा टेक्सटाईल पार्क को औरंगाबाद ले जाये जाने के संदर्भ में बेहद सनसनीखेज आरोप लगाये थे. जिसके जवाब में आज भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर द्वारा पत्रवार्ता बुलाई गई थी. जिसमें उपस्थित भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने उपरोक्त प्रतिपादन किया.
* रातोंरात नहीं खडा होता सीईपीटी प्लांट
इस समय इस विषय से संबंधित तकनीकी पहलुओं को सामने रखते हुए विधायक प्रवीण पोटे ने कहा कि, वे पिछली सरकार में उद्योग राज्यमंत्री भी रह चुके है और उन्हें यह अच्छी तरह से पता है कि, टेक्सटाईल पार्क बनाने के लिए संबंधित औद्योगिक क्षेत्र में कारखानों से निकलनेवाले प्रदूषित व जहरीले पानी के शुध्दीकरण हेतु सीईपीटी प्लांट का रहना बेहद जरूरी होता है, जो नांदगांव पेठ एमआयडीसी में पिछली बार फडणवीस सरकार के कार्यकाल दौरान तैयार किया गया था और ऐसा कोई प्लांट इस समय औरंगाबाद की एमआयडीसी में तैयार नहीं है. साथ ही करीब 250 करोड रूपये की लागतवाले इस प्लांट का निर्माण रातोरात नहीं हो सकता, बल्कि इसमें करीब तीन साल का समय कम से कम लगता है. ऐसे में जाहीर सी बात है कि, सीईपीटी प्लांट उपलब्ध रहने के चलते अमरावती की नांदगांव पेठ एमआयडीसी को ही मेगा टेक्सटाईल पार्क के लिए पूरी प्राथमिकता मिलेगी.
* बेलोरा एयरपोर्ट व रेलवे वैगन कारखाना भी जल्द होंगे पूर्ण
इस समय पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, राज्य की पिछली फडणवीस सरकार ने नई योजनाओं पर काम करने के साथ-साथ पिछली सरकारों द्वारा अधूरे छोडे गये कामों को भी गतिमान ढंग से पूर्ण करने का काम शुरू किया था और हमारे कार्यकाल में बेलोरा विमानतल व रेलवे वैगन कारखाने का काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया था, लेकिन विगत ढाई वर्षों के दौरान महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में स्थिति जस की तस बनी रही, लेकिन अब चूंकि राज्य की सत्ता में परिवर्तन हो चुका है और देवेंद्र फडणवीस जैसे वीजनरी नेता राज्य के उपमुख्यमंत्री है, तो निश्चित तौर पर इन दोनों विकास कामों को गति मिलेगी और इन सभी विकास कामों की वजह से स्थानीय स्तर पर बडी संख्या में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. साथ ही इस समय भारत डायनामिक्स (बीडीएल) प्रकल्प को लेकर पूछे गये सवाल पर पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने कहा कि, यह विषय सीधे रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है और स्थानीय स्तर पर इसे लेकर कुछ भी नहीं किया जा सकता. स्थानीय स्तर पर प्रशासन एवं राज्य सरकार के हाथ में इस प्रकल्प के लिए जमीन उपलब्ध कराना था, जो उपलब्ध करा दी गई है. यहां पर मिसाईल कारखाना कब बनाना है और उसमें मिसाईलोें सहित किसी भी तरह के आयुधों का निर्माण कब से शुरू करना है, यह रक्षा मंत्रालय और डीआरडीओ पर निर्भर करता है. वहीं इस प्रकल्प के अमरावती में साकार होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार की स्थिति को लेकर कोई विशेष फर्क नहीं पडेगा, क्योंकि इस प्रकल्प के लिए आवश्यक रहनेवाला कुशल व प्रशिक्षित मनुष्यबल हमारे यहां उपलब्ध ही नहीं होता. ऐसे में इस प्रकल्प हेतु आवश्यक मनुष्यबल निश्चित रूप से कहीं बाहर से ही लाया जायेगा.

* गलत जानकारी के आधार पर झूठे आरोप लगाये गये
इस पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, डॉ. सुनील देशमुख को बेहद मंझा हुआ राजनेता और अध्ययनशील व्यक्ति माना जाता है. लेकिन उन जैसा व्यक्ति केवल राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते गलत जानकारी के आधार पर झूठे आरोप लगाये, यह अपने आप में बेहद आश्चर्यजनक बात है. साथ ही पातुरकर ने यह तंज भी कसा कि, अगर डॉ. देशमुख वाकई अध्ययनशील व्यक्ति रहे होते, तो उधर से इधर आने के बाद दोबारा इधर से उधर नहीं गये होते. इसके साथ ही पातुरकर ने यह भी कहा कि, खुद को विकास पुरूष संबोधित ेकरवानेवाले डॉ. सुनील देशमुख ने दो दिन पहले हुई पत्रवार्ता में बेसिरपैर के आरोप लगाकर खुद को विकास का शत्रु साबित कर दिया है.
इस समय पीएम मित्र योजना अंतर्गत साकार होने जा रहे मेगा टेक्सटाईल पार्क के संदर्भ में जानकारी देते हुए भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा इस योजना की घोषणा किये जाने के तुरंत बाद तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उस समय विपक्ष में रहने के बावजूद सबसे पहले अमरावती का नाम इस मेगा प्रोजेक्ट हेतु प्रस्तावित किया था. जिसके बाद उध्दव ठाकरे, अजीत पवार और बालासाहब थोरात जैसे नेताओं ने जानबूझकर देवेंद्र फडणवीस को नीचा दिखाने और विदर्भ को इस महत्वाकांक्षी प्रकल्प से वंचित रखने के लिए इसमें औरंगाबाद का नाम भी प्रस्तावित किया. लेकिन आज हाथ से सत्ता निकल जाने की वजह से तिलमिलाये कांग्रेस नेताओं द्वारा अपना पाप छिपाने के लिए राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार पर झूठे आरोप लगाये जा रहे है. लेकिन 14 जून को राज्य की एमआयडीसी द्वारा केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय के नाम भेजे गये पत्र से पूरा मामला सामने आ गया है.
इस समय भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख को यह कहते हुए सवालोें के घेरे में खडा करने का प्रयास किया कि, आज एक झूठी खबर को लेकर अमरावती के विकास के संदर्भ में पत्रकार परिषद लेते हुए बेसिरपैर के आरोप लगानेवाले डॉ. सुनील देशमुख उस समय कहां थे, जब उनकी ही सरकार ने अमरावती के सरकारी मेडिकल कॉलेज हेतु आवंटित 100 करोड रूपयों की निधी सिंधुदूर्ग के मेडिकल कॉलेज हेतु भगा ली थी. जबकि नये मेडिकल कॉलेजों की सूची में सिंधुदूर्ग का नाम ही नहीं था. इसी तरह जब अमरावती शहर में साकार होनेवाले सरकारी मेडिकल कॉलेज को तत्कालीन पालकमंत्री यशोमति ठाकुर अपने निर्वाचन क्षेत्र लेकर चली गई, तब भी डॉ. देशमुख चुप्पी साधे रहे. इसके अलावा जब विगत ढाई वर्षों के दौरान बेलोरा विमानतल के विस्तार व विकास का काम लगभग ठंडे बस्ते में पडा था और आघाडी सरकार ने इस विषय को लेकर केंद्र सरकार से निधी मिलने के बावजूद कोई काम नहीं किया, तब भी डॉ. देशमुख के मुंह से कोई बोल नहीं फूटा, लेकिन अब अमरावती में ही साकार होनेवाले मेगा टेक्सटाईल प्रोजेक्ट को लेकर बेवजह के आरोप लगा रहे है. यह बात अमरावती की जनता अच्छे से देख और समझ रही है.
इस पत्रकार परिषद में भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे, विधायक प्रताप अडसड, भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष जयंत डेहनकर, महासचिव गजानन देशमुख, उपाध्यक्ष दीपक पोहेकर, व्यापारी आघाडी अध्यक्ष बकुल कक्कड, प्रशिक्षण आघाडी अध्यक्ष प्रवीण वैश्य तथा महिला आघाडी अध्यक्ष लता देशमुख आदि भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे.

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