
अमरावती/ दि. 10-भारतीय दृष्टिहीन विकास संघ के कार्यो के बारे में मैं सुन रहा था और आज मैेंने दृष्टिहीन लोगों को जीवन में पहली बार शतरंज खेलते हुए देखा. मुझे गोविंद कासट द्बारा अंधजनों के लिए शतरंज बोर्ड में किए गये आवश्यक बदलावों को समझकर बहुत खुशी हुई ह््ै ऐसा प्रतिपादन निगमायुक्त सचिन कलंत्रे ने किया. वे भारतीय मानसिक विकास एवं पुनवर्सन संस्थान की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय ओपन शतरंज स्पर्धा के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे.
एमएफबीआई, मनपा की ओर से अग्रसेन भवन में संयुक्त रूप से आयोजित इस शतरंज स्पर्धा के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता भारतीय जैन संघ के राष्ट्रीय ट्रस्टी सुदर्शन गांग ने की तथा मंच पर डॉ. गोविंद कासट, वसंत हेगडे, विवेक करवा, मनोहर भूत, निर्मला भूत, नवल भूत संस्थान अध्यक्ष प्रो. संजय काले, महासचिव शाकीर नायक उपस्थित थे. निगमायुक्त कलंत्रे ने आगे कहा कि शतरंज बहुत ही मुश्किल खेल होता हैं. इस खेल में दिमाग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करना पडता है. शतरंज की हर बाजी में जीत व हार हो सकती है. यह खेल खेलनेवाले की चतुरता तथा कुशलता पर निर्भर करता है.
स्पर्धा के उदघाटन के अवसर पर समाजसेवक डॉ. गोविंद कासट ने कहा कि प्रश्न पूछनेवाला व्यक्ति 5 मिनट तक अज्ञानी रहता है. जबकि प्रश्न न पूछनेवाला जीवन भर अज्ञानी रहता है. डॉ. कासट ने आगे कहा कि समाज से बहुत कुछ समझा जा सकता है. भीड के बावजूद निर्धारित समय से 5 मिनट पहले कार्यक्रम में पहुंचना, खिलाडियों और आयोजकों के साथ बातचीत करना इन सभी बातों ने हमारा दिल जीत लिया है. वहीं कार्यक्रम अध्यक्ष सुदर्शन गांग ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शाकीर नायक के कार्यो और भारतीय अंधजनों के विकास का सारांश प्रस्तुत किया और सहयोग देने का आश्वासन दिया. कार्यक्रम में उपस्थित वसंत हेगडे ने अपने संबोंधन में शाकीर नायक के कार्यो की सराहना की. कार्यक्रम में इंडियन ब्लाइंड एवं सुदर्शन गांग की ओर से निगमायुक्त सचिन कलंत्रे, वसंत हेगडे, मनोहर भूत, निर्मला भूत को पुस्तक भेंट स्वरूप दी गई. कार्यक्रम का परिचय शाकीर नायक ने दिया व संचालन प्रो.अब्दुल कलाम तथा आभार संजय काले ने माना.