अमरावती

अमरावती में पहली बार कथाई कलर के सिने वाले मछलिमार पक्षी का हुआ दर्शन

बांबू गार्ड में हुआ पंजीयन

अमरावती/दि.18– शहर के वडाली स्थित बांबू गार्डन में प्रशांत निकम पाटिल, संकेत राजूरकर और ओम भोकरे ने कथाई कलर के सिने वाले मछलिमार पक्षी के विहंगम अप्रतिम दृश्य को कैद करने में सफलता हासिल की है.
इस चिडिया का नाम ‘ब्राउन ब्रेस्टेड फ्लायकॅचर’ है. वहीं इसका शास्त्रीय नाम ‘म्युसीकापा मुट्टए’ है. म्युसिकापीडी प्रजाति का सबसे छोटा मछलिमार पक्षी है. भारत का उत्तर पूर्व भाग, चीन और थायलैंड प्रदेश में जाकर प्रजनन करता है. दक्षित भारत और श्रीलंका में प्रमुख रुप से भोजन की तलाश में ठंड के दिनों में स्थलांतर करता है. इसकी लंबाई 12 से 13 सेमी रहती है. पंख का ऊपरी हिस्सा हरा कथाई लाल कलर रहते हुए बाकी का हिस्सा अधिक गाडे रंग का होता है. वहीं ऊपरी पंख कत्थे लाल के दिखाई देते है. उसकी आंखें अत्याधिक ऊभरी रहती है साथ ही उसके आसपास सफेद रंग का घेरा रहता है. चोंच का रंग डार्क नीले रंग की और नीचे की चोंच फीकी होती है रंग की होती है. यह इस पंछी की खास विशेषता है. अस्पष्ट आवाज रहने वाले इस पंछी विशेष रुप से पेड के ऊपरी हिस्से में विचरण करते है. इनका भोजन छोटे-छोटे किडे और इल्लियां की खोज में वे कम ऊंचाई वाले पेड व पेड के निचले हिस्से में दिखाई देते है. बांबू गार्डन, वडाली इन जगहों पर यह पंछी विशेष रुप से पाए जाए जाते है. इस परिसर में बांबू और अन्य खुरटी झाडियां है. उसी प्रकार इस जगह पर बडे-बडे वृक्षों के साथ ही पानी भी भरपूर मात्रा में है, जिससे स्थलांतरित पंछी आते है. कथाई कलर की सिने के मछलिमार पंक्षी को अमरावती जिले में पहली बार ही देखा गया है.

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