अमरावती

पांच वर्ष में पहली बार जिले की 13 तहसीलों में भूजल स्तर बढा

9 तहसीलों में हालात दिलासादायक

  • 4 तहसीलों में सामान्य स्थिति

  • अंजनगांव में कोई वृध्दि नहीं

अमरावती/दि.9 – बीते पांच वर्षों के दौरान पहली बार जिले में भूगर्भ जलस्तर की स्थिति में सुधार देखा गया है. जिले की 10 तहसीलों में औसत से अधिक बारिश होने की वजह से यह राहत मिली है. भूजल सर्वेक्षण विभाग द्वारा जारी सप्ताह में जिले के सभी 14 तहसील क्षेत्रों के 150 निरीक्षण कुओं के स्थिर जलस्तर के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है. जिसके मुताबिक जिले में भूजल स्तर में औसतन 1.10 मीटर से वृध्दी हुई है. इसके तहत 9 तहसीलों में यह वृध्दि दिलासादायक है और चार तहसीलों में हालात सामान्य है. वहीं अंजनगांव सुर्जी तहसील में भूगर्भ जलस्तर 0.19 मीटर से घटा है.
बता दें कि, जिले में दिसंबर माह के अंत तक 879 मिमि बारिश हुई थी. यह सालाना औसत की तुलना में 95 फीसदी है. गत वर्ष 12 जून से बारिश की शुरूआत हुई और जून माह में 17 दिनों के दौरान अपेक्षित औसत की तुलना में 131 फीसद पानी बरसा. वहीं जुलाई माह के दौरान 23 दिन बारिश हुई और औसत की तुलना में 98 फीसद पानी बरसा. अगस्त माह के दौरान 18 दिन वर्षा हुई और औसत की तुलना में 77 फीसद बारिश दर्ज की गई. अक्तूबर माह में सात दिन के दौरान औसत की तुलना में 21 फीसदी बारिश हुई और इसके बाद भी मान्सून की वापसी के दौरान बारिश ने पीछा नहीं छोडा. ऐसे में जिले में भूजल पुनर्भरण की स्थिति अच्छी रही और भूगर्भ जलस्तर की स्थिति में सुधार हुआ.
जमीन में आर्द्रता रहने की वजह से रबी के हरभरा हेतु शुरूआती दौर में सिंचाई के लिए पानी का प्रयोग नहीं हुआ. इसके अलावा सिंचाई प्रकल्पों व जलाशयों में भी पानी का भरपूर संग्रह उपलब्ध रहने के चलते रबी फसलों के लिए पानी छोडा गया. ऐसे में अब तब भूगर्भिय जल का उपयोग बेहद मर्यादित स्वरूप में हुआ है. जिसके चलते जिले की 13 तहसीलों के भूगर्भिय जलस्तर में वृध्दि हुई है. ऐसे में गरमी के मौसम के दौरान जलकिल्लत का सामना अपेक्षाकृत तौर पर कम करना पडेगा.

मनपा क्षेत्र में स्थिति ठीकठाक

अमरावती मनपा क्षेत्र में मार्च माह के अंत तक भूगर्भ जलस्तर की स्थिति 6 मीटर तक आ पहुंची है. गतवर्ष की तुलना में इसमें 0.19 मीटर की वृध्दी हुई है. किंतु शहर के 3 हजार 500 हैण्डपंप व 22 हजार से अधिक बोअर की वजह से लगातार भूगर्भिय जल को बाहर खींचा जा रहा है और रास्ते के कामों हेतु दुभाजकों पर भी बोअर किये गये है. शहर में सभी ओर कांक्रीट की सडके बनायी जा रही है. ऐसे में भूगर्भ में जल का पुनर्भरण अपेक्षाकृत तौर पर कम हो रहा है, जो आनेवाले समय के लिए खतरे की घंटी है.

अमरावती, अंजनगांव व तिवसा के लिए खतरे के संकेत

इस वक्त जिले में अंजनगांवसूर्जी तहसील में भूगर्भिय जलस्तर 0.19 मीटर से घट गया है. वहीं अमरावती तहसील में 0.19 मीटर व तिवसा तहसील में 0.15 मीटर की वृध्दी हुई है. किंतु मार्च माह के बाद अमरावती व तिवसा तहसीलों में भी भूगर्भिय जलस्तर तेजी से घट सकता है. ऐसे में यह तीनों तहसीलों के लिए खतरे का संकेत है. अत: इन तीनों तहसीलों में भूजल पुनर्भरण हेतु व्यापक अभियान चलाया जाना बेहद जरूरी है.

जिले में भूगर्भ जलस्तर की मौजूदा स्थिति

निरीक्षण कुओं की संख्या – 150
भूजल स्तर की स्थिति – 1.10 मी.
पांच वर्ष में भूजल स्थिति – 7.5 मी.
मार्च 2021 के अंत में स्थिति – 6.44 मी.
भूजल वृध्दिवाली तहसीले – 13
भूजल घटवाली तहसीले – 1

मोर्शी, नांदगांव व धारणी तहसीलों को राहत

मार्च माह के अंत में अमरावती तहसील 0.19 मी., भातकुली 0.97 मी., नांदगांव खंडेश्वर 2.15 मी., चांदूर रेल्वे 1.16 मी., तिवसा 0.15 मी., मोर्शी 2.39 मी., वरूड 1.77 मी., अचलपुर 1.12 मी., चांदूर बाजार 1.40 मी., दर्यापुर 0.71 मी., धारणी 2.53 मी., चिखलदरा 1.22 मी. तथा धामणगांव तहसील में 1.55 मी., से भूगर्भ जलस्तर बढा है. वहीं अंजनगांव सुर्जी तहसील में भूगर्भ जलस्तर में 0.19 मी. की कमी आयी है.

Related Articles

Back to top button