अमरावती

जिले में पहली बार भूजल स्तर में संतोषजनक १.७९ मी. तक बढोतरी

जलयुक्त शिवार योजना का सकारात्मक परिणाम

अमरावती/दि. ९- बीते पांच साल में पहली बार जिले के भूजल स्तर में १.७९ मीटर तक संतोषजनक बढोतरी हुई है. निरंतर व अच्छी बारिश, जलयुक्त शिवार के साथ-साथ जलसंधारण को लेकर जनजागरण के कारण भूजल स्तर बढ़ा है. २०१८ में कम बारिश होने से भूजल स्तर घटा था. वहीं इस बार अच्छी बारिश होने से भूजल स्तर में पौने दो मीटर तक बढ़ोतरी हुई है. जिले में इस वर्ष मानसून में ८८५ मिमी. औसतन बारिश की अपेक्षा होने पर प्रत्यक्ष में अब तक १००६ मिमी बारिश दर्ज हुई है. भूजल सर्वेक्षण विभाग ने साल में चार बार अप्रैल, जून, सितंबर व अक्टूबर महिने में १४ तहसील के १५० निरीक्षण कुओं का सर्वे किया. इसके बाद भूजल स्तर बढने संबंध में संतोषजनक निरीक्षण दर्ज किया गया है. अगस्त व सितंबर में बारिश शुरु थी, दौरान ८४ राजस्व मंडल में अतिवृष्टि होने से भूजल का पुनर्भरण हुआ और इसके सुखद परिणाम अब सामने आए है. जिसके कारण अब ग्रीष्मकाल में पेयजल की समस्या निर्माण नहीं होगी.

तहसील निहाय स्थिति
भूजल सर्वेक्षण विभाग की जानकारी के अनुसार अमरावती तहसील में १.५१ मीटर, भातकुली २.५, नांदगांव खंडेश्वर ०.३७, चांदुर रेल्वे ०.६७, तिवसा २.०, मोर्शी १.३, वरुड़ २.४१, अचलपुर ४.३, चांदूर बाजार ४.९७, दर्यापुर १.७८, अंजनगांव सुर्जी २.१, धारणी ०.१, चिखलदरा ०.२ और धामणगांव रेलवे तहसील में ०.९ मीटर तक ऐसे कुल १.७९ मीटर तक भूजल स्तर पर बढ़ोतरी हुई है.

पांच से पहली बार बढ़ा भूजल स्तर
जिले में इस बार मानसून में निरंतर बारिश हुई. तथा जल संधारण उपाय योजनाओं पर जोर दिया जाने से पिछले पांच वर्षों में पहली बार जिले का भूजल स्तर संतोष जनक बढ़ा है.
संजय कराड, भूवैज्ञानिक व उपसंचालक, भूजल सर्वेक्षण

 

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