जिले के आठों निर्वाचन क्षेत्रों में जबर्दस्त रस्साकशीं
3 निर्वाचन क्षेत्रों में बिछ चुकी बिसात, 5 में अब भी पेंच कायम
* अमरावती, धामणगांव रेल्वे व अचलपुर क्षेत्र का चित्र स्पष्ट
* बडनेरा, तिवसा, मोर्शी, दर्यापुर व मेलघाट में थोडी अनिश्चितता
* कांग्रेस के सामने अपने किलो को बचाये रखने की चुनौती
* भाजपा अपने विधायक संख्या बढाने की पूरी जुगत में
अमरावती/दि.26 – जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया आगे बढ रही है, वैसे-वैसे अब विभिन्न राजनीतिक दलों, नामांकन भर चुके प्रत्याशियों और नामांकन भरने के इच्छूकों के बीच अच्छी खासी प्रतिस्पर्धा दिखाई देने के साथ ही जबर्दस्त चुनावी धामधूम भी शुरु हो गई है. जिले के 8 निर्वाचन क्षेत्रों हेतु महायुति व महाविकास आघाडी की ओर से प्रत्याशी घोषित करने व घोषित किये गये प्रत्याशियों द्वारा अपने नामांकन दाखिल करने का दौर शुरु हो गया है. हालांकि अब भी दोनों गठबंधनों द्वारा कुछ निर्वाचन क्षेत्रों से अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किये गये है. जिनकी घोषणा आज या कल में हो जाएगी. क्योंकि आगामी 29 अक्तूबर को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है. ऐसे में अंतिम दो दिनों के दौरान नामांकन दाखिल करने के लिहाज से अब प्रत्याशियों के नामों की घोषणा में तेजी अएगी. जिसके बाद जिले के आठों विधानसभा क्षेत्रों में स्थिति स्पष्ट होगी कि, किस निर्वाचन क्षेत्र में किस-किस के बीच मुकाबला होने जा रहा है. वहीं इस समय जिले के 3 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है. क्योंकि इन 3 निर्वाचन क्षेत्रों में दोनों प्रमुख प्रतिद्वंदी दलों के प्रत्याशी घोषित हो चुकी है. जिनमें अमरावती, धामणगांव रेल्वे व अचलपुर निर्वाचन क्षेत्रों का समावेश है. वहीं बडनेरा, तिवसा, मोर्शी, दर्यापुर व मेलघाट इन 5 निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर अब भी काफी हद तक अनिश्चितता है, जो आगामी मंगलवार तक दूर हो जाएगी. इसके साथ ही जिले के 4 निर्वाचन क्षेत्रों हेतु अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी कांग्रेस के समक्ष अपने चारों मजबूत किलों को बचाये रखने की चुनौती है. वहीं दूसरी ओर पिछली बार 8 में से केवल 1 सीट पर सफलता हासिल करने में कामयाब रही भाजपा द्वारा इस बार अपने विधायकों की संख्या को बढाने के साथ-साथ महायुति के प्रत्याशियों को भी अधिक से अधिक सीटों पर जीत दिलाने की चुनौती रहेगी. जिसके चलते दोनों प्रमुख प्रतिद्वंदी गठबंधनों के बीच इस बार अच्छी खासी रस्साकशीं दिखाई देगी.
बता दें कि, विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद सबसे पहले भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशियों के नामों की पहली सूची जारी की गई. जिसके तहत अमरावती जिले से धामणगांव व अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र हेतु प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गये. जिसमें धामणगांव से मौजूदा विधायक प्रताप अडसड व अचलपुर से प्रवीण तायडे को भाजपा द्वारा प्रत्याशी घोषित किया गया. इसके साथ ही महायुति में शामिल घटक दलों हेतु अमरावती, बडनेरा व दर्यापुर सीट छोडने की बात कही गई. जिसके चलते बडनेरा से युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा तथा अमरावती से अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से विधायक सुलभा खोडके को प्रत्याशी बनाये जाने की बात कही गई. इन दोनों प्रत्याशियों द्वारा अब तक अपने नामांकन नहीं भरे गये. वहीं दूसरी ओर शिंदे गुट वाली शिवसेना हेतु छोडी गई दर्यापुर सीट से शिंदे गुट द्वारा प्रत्याशी बनाये गये पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल द्वारा नामांकन भरा जा चुका है. साथ ही अब तक तिवसा, मेलघाट व मोर्शी इन तीन सीटों पर महायुति की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है.
उधर महाविकास आघाडी की ओर से कांग्रेस द्वारा अमरावती, अचलपुर, तिवसा व धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्रों से अपने प्रत्याशी घोषित किये जा चुके है. जिसमें से तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की कांग्रेस प्रत्याशी व विधायक एड. यशोमति ठाकुर ने दो दिन पूर्व ही जमकर शक्ति प्रदर्शन करते हुए बडे तामझाम के साथ अपना नामांकन दाखिल किया. वहीं अमरावती से डॉ. सुनील देशमुख, अचलपुर से अनिरुद्ध उफ बबलू देशमुख व धामणगांव रेल्वे से प्रा. वीरेंद्र जगताप को महाविकास आघाडी के तहत कांग्रेस द्वारा अपना प्रत्याशी घोषित किया गया है. जिनके द्वारा अभी नामांकन भरना बाकी है. इसके अलावा महाविकास आघाडी की ओर से बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना उबाठा के हिस्से में दिया गया है. जहां से उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना द्वारा सुनील खराटे को प्रत्याशी घोषित किया गया है. वहीं महाविकास आघाडी द्वारा भी अब तक दर्यापुर, मेलघाट व मोर्शी इन तीन सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में इन तीन सीटों पर मविआ द्वारा भी आज या कल में अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी, ताकि उन प्रत्याशियों द्वारा मंगलवार 29 अक्तूबर को नामांकन की अंतिम तिथि से पहले अपने नामांकन दाखिल किये जा सके.
महायुति व महाविकास आघाडी के साथ ही अभी जिले के आठों विधानसभा क्षेत्रों हेतु बसपा व वंचित बहुजन आघाडी सहित एमआईएम जैसे राजनीतिक दलों द्वारा भी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जानी बाकी है. साथ ही साथ लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ राजनीतिक दलों के बागी उम्मीदवारों द्वारा भी नामांकन दायर किये जाएंगे. क्योंकि अपनी टिकट कटने की वजह से नाराज नेताओं द्वारा अपनी-अपनी पार्टियों के खिलाफ बगावत के स्वर उठाये जाने लगे है. जिनमें बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से महायुति प्रत्याशी विधायक रवि राणा के खिलाफ चुनाव लडने का खुला ऐलान कर चुके भाजपा नेता तुषार भारतीय का नाम सबसे प्रमुख है. वहीं अचलपुर व दर्यापुर में भी भाजपा पदाधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्र के महायुति प्रत्याशी के खिलाफ बगावत का बिगुल फुंक दिया गया है. इस तरह का खतरा भाजपा के लिए तिवसा निर्वाचन क्षेत्र में भी देखा जा रहा है. इस मामले में महाविकास आघाडी, विशेषकर कांग्रेस तुलनात्मक रुप से सौभाग्यशाली है कि, अब तक महायुति की ओर से कांगे्रस द्वारा घोषित चारों प्रत्याशियों के खिलाफ कही से कोई आवाज नहीं उठी. वहीं बडनेरा में मविआ की ओर से शिवसेना उबाठा द्वारा प्रत्याशी बनाये गये सुनील खराटे को लेकर प्रीति बंड समर्थकों में कुछ हद तक रोष व्याप्त है. लेकिन खुद प्रीति बंड ने अब तक पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बगावत करने की बात नहीं कही है.
* कुछ निर्वाचन क्षेत्र में महायुति व मविआ एक समान स्थिति में
जिले के कुछ निर्वाचन क्षेत्र में सीट बंटवारे को लेकर अब भी महायुति व महाविकास आघाडी में माथापच्ची चल रही है और नामांकन प्रक्रिया के अंतिम चरण तक दोनों ही ओर से उन सीटों को लेकर यह तय नहीं हो पाया है कि, वह सीट किस घटक दल के हिस्से में रहेगी और वहां से प्रत्याशी कौन होगा. महायुति के तहत मोर्शी निर्वाचन क्षेत्र पर अजीत पवार गुट वाली राकांपा और भाजपा की ओर से दावेदारी की जा रही है. वहीं मेलघाट में भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ ही युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा दावा किया जा रहा है इसके अलावा तिवसा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा के कोटे में रहेगा, यह तो तय हो चुका है. लेकिन तिवसा में भाजपा की ओर से प्रत्याशी कौन होगा, यह अब तक तय नहीं हो पाया है. ऐसे में महायुति में शामिल घटक दलों द्वारा फूंक-फूंक पर कदम उठाये जा रहे है, ताकि किसी एक दल के हिस्से में सीट छोडे जाने पर दूसरे घटक दल के इच्छूक नाराज न हो और उनके द्वारा बगावत न की जाये. साथ ही जिस दल के हिस्से में सीट छूटती है. उस दल द्वारा किसी एक को प्रत्याशी बनाये जाने पर कोई दूसरा इच्छूक असंतुष्ट होकर बाहर न निकल जाये. लगभग यही स्थिति महाविकास आघाडी में भी मोर्शी व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र को लेकर है. ऐसे में मविआ में शामिल घटक दलों के नेताओं द्वारा भी इन दो सीटों के बंटवारे को लेकर अच्छी खासी माथापच्ची की जा रही है.
* पिछली बार कुछ ऐसी थी स्थिति
बता दें कि, पिछले विधानसभा चुनाव पश्चात जिले के 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से 3 सीटों पर कांगे्रस, 2 सीटों पर प्रहार, 1 सीट पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए थे. वहीं 2 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को सफलता मिली थी. जिनमें बडनेरा से युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा व मोर्शी-वरुड से स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के विधायक देवेंद्र भुयार का समावेश था. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बार के चुनाव की ओर लगी हुई है कि, इस बार चुनाव के बाद जिले में क्या स्थिति दिखाई देती है. बता दें कि, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में 66 फीसद मतदान हुआ था. उस समय जिले के आठों विधानसभा क्षेत्रों से कुल 109 प्रत्याशी चुनावी अखाडे में थे. जिसमें से 90 उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी.
* पिछले चुनाव में ऐसी थी जिले की स्थिति
निर्वाचन क्षेत्र मतदान विधायक निर्वाचित पार्टी प्राप्त वोट
अमरावती 47.81% सुलभा खोडके कांग्रेस 82,581
बडनेरा 48.46% रवि राणा निर्दलीय 90,460
दर्यापुर 50.38% बलवंत वानखडे कांग्रेस 95,889
अचलपुर 43.88% बच्चू कडू प्रहार 81,252
तिवसा 43.89% एड. यशोमति ठाकुर कांग्रेस 76,218
मेलघाट 46.48% राजकुमार पटेल प्रहार 84,362
धामणगांव रेल्वे 43.29% प्रताप अडसड भाजपा 90,832
मोर्शी 50.09% देवेंद्र भुयार निर्दलीय 96,152
– मेलघाट से अब तक किसी भी पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं
– अचलपुर से तीनों आघाडियां रहेंगी मैदान में
– मोर्शी में मविआ व महायुति के प्रत्याशियों की प्रतिक्षा
– तिवसा से महायुति का अब तक उम्मीदवार घोषित नहीं
– धामणगांव रेल्वे में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
– बडनेरा में मविआ व महायुति आमने-सामने
– दर्यापुर में मविआ का प्रत्याशी अब तक घोषित नहीं
– अमरावती में सजी चुनावी बिसात, चित्र स्पष्ट