अमरावती

आठ वर्षीय कोरोना निगेटिव बालक को जबरन भर्ती करवाया

नगर पालिका के अधिकारी -कर्मी की मनमानी

  • नपा अचलपुर के कर्मी करते है अमरावती से आना-जाना

परतवाड़ा/अचलपुर दि २५ -:स्थानीय नगर पालिका में कोरोना बचाव के नाम पर अंधेरगर्दी मची है.जिन लोगो को कोरोना संक्रमण रोकने के अभियान पर लगाया गया वो अपनी मनमानी कर रहे.पूर्वाग्रह और दूषित भावना रखकर नेक शहरियों को बेजा तकलीफ देने का काम किया जा रहा.
 इसमें टैक्स विभाग के रोहन राठौड़ कुछ ज्यादा ही चर्चा में है.कोरोना के प्रथम चरण में भी राठौड़ की मनमानी के अनेक किस्से सामने आए थे.गुरुजी खुद प्याज खा रहे और दूसरों को प्रवचन देते की प्याज मत खाओ.
रोहन राठौड़ और सलमान की अत्यंत ही अक्षम्य लापरवाही के चलते एक आठ वर्षीय बालक को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.बालक की कोरोना जांच निगेटिव प्राप्त हुई.
स्थानीय ब्राम्हण सभा मे एक राजस्थानी दंपत्ति रहते है.बालक के पिता एक बैंक में कार्यरत है.तीन दिन पूर्व उनके बच्चे की तबियत खराब हुई तो उन्होंने स्वयस्फूर्त भाव से अपने लड़के की आरटी-पीसीआर जांच करवाई.बच्चे की रिपोर्ट अभी प्राप्त भी नही हुई थी.लेकिन रोहन राठौड़ और सलमान नामक कर्मचारी ने इस गृहस्थ का जीना हराम कर दिया.आपके बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, आप उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराये. परिजनों द्वारा प्रश्न करने पर की अभी रिपोर्ट नही आई, जब आएंगी तब देखेंगे? इस पर राठौड़ ने जवाब दिया कि हमारे पास लैब से अर्जेन्ट में मैसेज आ जाता.आप जल्दी से बच्चे को लेकर अमरावती दवाखाने में चले जाएं अन्यथा हमे कड़ी कार्रवाई करनी होंगी.बालक के मांबाप इस तरह की बात सुनकर घबरा गए.उन्होंने तत्काल वाहन की व्यवस्था कर बेटे को बडनेरा रोड स्थित डॉ वसूले के दवाखाने में भर्ती कराया.डॉ ने जांच की तो बच्चा सामान्य, नार्मल पाया गया.इसी बीच बच्चें की अधिकृत रिपोर्ट भी निगेटिव मिल चुकी.नगर पालिका के कामचोर, निक्कमे, लापरवाह, आलसी, स्वयं को डॉक्टर समझते अधिकारी और कर्मियों से एक मध्यमवर्गीय परिवार को दो दिन अमरावती पड़े रहना पड़ा.अस्पताल में जो हजारों रुपये खर्च हुए वो अलग.
प्रभारी मुख्याधिकारी से पीड़ित परिवार ने मांग की है कि वो अपने ऐसे बेलगाम अधिकारियों पर लगाम लगाये ताकि सामान्य जनता को तकलीफ न सहन करना पड़े.
इस मामले में रोहन राठौड़ और सलमान द्वारा बच्चे के मांबाप से मोबाइल पर जो बातचीत की गई उसकी रिकार्डिंग भी पीड़ित परिवार के पास उपलब्ध है.

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