अमरावती

फॉरेंसिक लैब से उजागर होगा प्रियंका का कोल्ड ब्लडेड मर्डर!

पोस्टमार्टम पैनल को भेजी एक प्रश्नावलि

* दिवान की बहन की अग्रीम जमानत खारीज
अमरावती/ दि.19- पूरे 14 दिन पुलिस कस्टडी में रहने के बाद भी डॉ. पंकज दिवान ने पुलिस के सामने अपना मुंह तक नहीं खोला. उसकी तीसरी पत्नी प्रियंका की कोल्ड ब्लडेड मर्डर का रहस्य और गहराने लगा है. गिरफ्तार आरोपी ने हत्या करने का अपराध कबुल कर लिया होता तो, इस मामले का पर्दाफाश होता था, परंतु पंकज दिवान ने मुंह नहीं खोला. इस वजह से पुलिस अब पूरी तरह से फॉरेंसिक रिपोर्ट पर निर्भर है. साथ ही पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार प्रियंका की मौत सिर में अंदरुनी चोट लगने और खुन का रिसाव होने तथा दम घुटने के कारण मौत हुई है. फिर भी वह स्थिति कैेसे निर्माण हुई थी, यह जानने के लिए अकोला के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पैनल को पुलिस ने प्रश्नावलि भेजी है.
पोस्टमार्टम पैनल के डॉक्टरों को प्रश्नावलि भेजी गई है फिर भी अब तक जवाब प्राप्त नहीं हुआ, ऐसी जानकारी गाडगे नगर पुलिस ने दी. डॉ. पंकज दिवान इर्विन अस्पताल में कार्यरत होने के कारण पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में हेराफेरी कर सकता है, इस संभावना को देखते हुए प्रियंका की लाश अकोला भेजी गई थी. मगर डॉक्टरों ने प्रियंका की मौत का कारण उजागर करने वाली रिपोर्ट 27 अप्रैल को भेजी. घटनास्थल से बरामद किये इंजेक्शन, मोबाइल, अमरावती के फॉरेंसिक लैब में भेजे गए.

जमानत रद्द
मुझपर आरोप पारिवारिक हिंसाचार का लगाया गया हेै, हत्या का आरोप नहीं है, इस वजह से गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत दी जाए, ऐसी दलीले डॉ.दिवान की बहन डॉ.स्मिता कांबले ने किया. मगर उस हत्या के अपराध में शामिल है या नहीं यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, इसके कारण स्मिता को गिरफ्तार करना जरुरी है. इस वजह से उसे अग्रीम जमानत न दी जाए, ऐसा गाडगे नगर पुलिस ने अदालत में कहा. जिसे मान्य करते हुए जिला व सत्र न्यायालय ने स्मिता की अग्रिम जमानत का आवेदन खारीज कर दिया है. डॉ.पंकज दिवान व उसकी मां गिरफ्तार कर ली गई है, परंतु स्मिता पुलिस के साथ आँखमिचौली खेल रही है और वह कितने दिन इसी तरह पुलिस की आँख में धुल झोंकेगी, इस ओर सभी का ध्यान लगा है.

डीसीपी, एसीपी की तहकीकात पर नजर
पुलिस कस्टडी में 14 दिन बीतने के बाद भी डॉ.पंकज दिवान ने प्रियंका की हत्या के बारे में पुलिस के सामने कुछ भी नहीं कहा. केवल इतना ही कहा कि, घटना के समय वह घर पर नहीं था. दिवान की मां को पहले ही न्यायालयीन कस्टडी के तहत जेल रवाना किया गया है. इस वजह से हकीकत में प्रियंका की हत्या किसने की? कैसे की? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है, यह गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस उपायुक्त एम. एम. मकानदार व सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटील ने भी इस मामले की तहकीकात पर ध्यान केंद्रीत किया हेै. हर छोटी-छोटी बातों पर नजर रखते हुए थानेदार आसाराम चोरमले को दिशा निर्देश दिये जा रहे है. थानेदार चोरमले भी रातदिन मेहनत कर हकीकत खोजने के प्रयास में जुटे है.

ऐसा है घटनाक्रम
– 20 अप्रैल : संदेहास्पद तरीके से प्रियंका की लाश मिली.
– 27 अप्रैल : अकोला से पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त.
– 27 अप्रैल : पति, सास और बहन के खिलाफ अपराध दर्ज.
– 27 अप्रैल : डॉ. पंकज की बहन डॉ. स्मिता कांबले फरार ही.
– 28 अप्रैल : डॉ. पंकज दिवान व उसकी मां की तबीयत बिगडी.
– 03 मई : डॉ. पंकज दिवान व उसकी मां गिरफक्तार.
– 09 मई : डॉ. दिवान की मां जेल रवाना.
– 16 मई : डॉ. पंकज दिवान जेल रवाना.

 

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