अमरावती

मंत्रिमंडल के निर्णय से फोरेंसिक साइंस छात्रों को मिली राहत

विशेषज्ञों के लिए खुले फोरेंसिक लैब के द्वार

परतवाड़ा/अचलपुर/दी ११– न्यायवैद्यक शास्त्र में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी तक अध्ययन कर चुके फोरेंसिक विशेषज्ञों को राज्य के गृह विभाग ने सीधा होमगार्ड बनाने का षड्यंत्र रचा था.इस गंभीर मुद्दे पर’ अमरावतीं मंडल ‘ ने 8 नवंबर के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था.अमरावतीं मंडल की खबर से शासन की नींद टूटी और हड़बड़ाकर अब इस मामले को यथायोग्य किये जाने की जानकारी मिली है.
देर आये दुरुस्त आये की तर्ज़ पर अब राहत भरी खबर मिली है.राज्य के बेरोजगार फोरेंसिक विद्यार्थियों को अगले एक साल में वैज्ञानिक सहायक पद पर फोरेंसिक लैब में नियुक्ति देने का निर्णय बुधवार को सम्पन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है.
राज्य में गृह विभाग द्वारा संचालित मुंबई,नागपुर और औरंगाबाद इन तीन स्थानों पर शासकीय न्याय सहायक विज्ञान संस्था है.इन संस्थाओं में से 2009 से लेकर आज तक फोरेंसिक साइंस मे स्नातक और स्नाकोत्तर पदवी प्राप्त कर चुके हजारों विद्यार्थी बेरोजगार है.पुलिस यंत्रणा को असंख्य अपराधों की जांच पड़ताल में मदत के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों की जरूरत होती है.राज्य की सभी फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में हजारों पद रिक्त होने के बावजूद भी इन उच्चशिक्षित विद्यार्थियों को सीधा होमगार्ड बनाने का कुटिल षडयंत्र रचा गया था.इसके लिए होमगार्ड महासमादेशक के माध्यम से संबंधित विद्यार्थियों को ईमेल भी प्राप्त हुआ है.
इस संदर्भ में ‘अमरावतीं मंडल ‘ ने 8 दिसंबर को ‘ फोरेंसिक ग्रेज्युएट्स को होमगार्ड की नौकरी का ऑफर ‘यह समाचार प्रकाशित किया था.पिछले एक वर्ष से फोरेंसिक के पदवी प्राप्त विद्यार्थियों द्वारा उच्च व तंत्र शिक्षण मंत्री उदय सामंत,तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख, वर्तमान गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल आदि मान्यवरों का ध्यान आकर्षित किया जा रहा था.ये सभी छात्र उन्हें योग्य नियुक्ति देने केI मांग शासन से करते रहे है.इन छात्रों की उच्चशिक्षा को नजरअंदाज कर उन्हें दसवी उत्तीर्ण अहर्ता के होमगार्ड पद की  ऑफर शासन द्वारा दी गई थी. मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई सभा मे यह मुद्दा गरमाया.किस आधार पर इन छात्रों को होमगार्ड बनाया जा रहा,यह सवाल भी किया गया.बैठक में उच्च व तंत्र शिक्षण मंत्री और गृहमंत्री ने ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया.फोरेंसिक साइंस में बीएससी और एमएससी उतीर्ण डेढ़सौ विद्यार्थियों को प्रति वर्ष फोरेंसिक लैब में विद्यावेतन पर शामिल करने का निर्णय मंत्रिमंडल की सभा मे लिया गया है.इससे फोरेंसिक विद्यार्थियों को काफी राहत मिली है.जबरदस्ती होमगार्ड बनाये जा रहे इन छात्रों को अब अपनी विद्या के अनुरूप वैज्ञानिक सहायक(श्रेणी क)और वैज्ञानिक सहायक (सायबर अपराध)पद पर कर्तव्य निभाने का अवसर प्राप्त होंगा.

-एमपीएससी को मांगपत्र नही दिया 

फोरेंसिक लैब में श्रेणी अ से श्रेणी ड तक 337 रिक्त पदों पर नियुक्ति करने हेतु गृहविभाग ने 28 सितंबर को आदेश जारी किया है.इसमें महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग कक्ष में उपसंचालक, सहायक संचालक यह पद भरने के लिए शासन ने अभी तक आयोग के पास मांग पत्र दायर नही किया है.रसायन विश्लेषक,वैज्ञानिक अधिकारी(छायाचित्रण), वैज्ञानिक अधिकारी (मानसशास्त्र), वैज्ञानिक अधिकारी (संगणक अपराध व ध्वनि विश्लेषण ), वैज्ञानिक सहायक,वरिष्ठ व कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक इन पदों पर सरल सेवा भर्ती के माध्यम से स्थायी नियुक्ति करने का आदेश सितंबर माह में ही दिया जा चुका है.इसके बाद भी अभी तक कोई भी नियुक्ति नहीं कि गई है.

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