इवीएम संबंधी ‘यह सच्चाई है’ स्टेटस के कारण वन कर्मचारी निलंबित
वॉट्सएप संदेश महंगा पडा
अमरावती /दि.4– पांढरकवडा वन्यजीव विभाग में कार्यरत लिपिक शिवशंकर प्रभू मोरे को मतदान यंत्र के बारे में संशय पैदा करने वाले स्टेटस के कारण निलंबित किये जाने का समाचार है. बताया गया कि, मोरे ने वॉट्सएप स्टेटस मेें ‘यह सच्चाई है’ शिर्षक से इवीएम के चुनाव में इस्तेमाल पर शक व्यक्त किया था. मतदान यंत्रणा पर कमेट्स पास किये थे. शिकायत के बाद उनका निलंबन किये जाने की जानकारी अधिकृत सूत्रों ने दी. शासकीय कर्मचारियों को चुनाव दौरान आचार संहिता का पालन बंधनकारक है. ऐसे में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी पार्टी का समर्थन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. मोरे के निलंबन से साफ है कि, कर्मचारियों को बेहद सावधान रहना होगा.
* मिली शिकायत, हुआ निलंबन
सहायक चुनाव निर्णय अधिकारी सुहास गाडे को मोरे के विषय में आचार संहित भंग किये जाने की शिकायत मिली थी. उन्हें मोरे का वॉट्सएप स्टेटस सबूत के तौर पर दिखाया गया. इवीएम पर संदेह पैदा कर झूठी जानकारी देने के कारण सहायक चुनाव अधिकारी आर्णी ने पाया कि, मोरे का कृत्य अशोभनीय है. जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा के तहत मोरे पर कार्रवाई की सिफारिश की गई. सर्कल वन अधिकारी उत्तर फड ने मोरे को सेवा से निलंबित किया. उन्हें नियम 1979 (5) के उल्लंघन का दोषी पाया गया. तत्काल सस्पेंड कर उन पर जांच भी बैठाई गई है.