* अब संसद के उच्च सदन में गूंजेंगी वर्हाडी आवाज
मुंबई/दि.30- महाराष्ट्र से राज्यसभा की 6 सीटें रिक्त हो रही है. जिन पर जल्द ही चुनाव करवाया जाना है. विधानसभा में पक्षीय बलाबल को देखते हुए 6 में से 2 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों का निर्वाचित होना तय है और भाजपा द्वारा गत रोज जहां एक ओर राज्यसभा सदस्य रहनेवाले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दुबारा मौका दिया गया है. वहीं दूसरी सीट के लिए अनपेक्षित ढंग से अमरावती निवासी राज्य के पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे के नाम की घोषणा करते हुए सबको चौंका दिया गया है. हालांकि विगत कुछ दिनों के दौरान जब से राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गहमागहमी का दौर तेज हुआ है, तब से डॉ. अनिल बोंडे का नाम कहीं पर भी चर्चा में सुनाई नहीं दे रहा था. हालांकि दैनिक अमरावती मंडल समूचे राज्य में पहला ऐसा अखबार था जिसने डॉ. बोंडे को भाजपा द्वारा राज्यसभा के लिए अपना प्रत्याशी बनाये जाने को लेकर कयास जताया था, जो अब पूरी तरह से खरा साबित हुआ है.
बता दें कि, डॉ. अनिल बोंडे मोर्शी-वरूड निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके है. जिसमें से वर्ष 2009 में वे निर्दलीय विधायक चुने गये थे और वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद उन्हें फडणवीस सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया था. हालांकि वर्ष 2019 के चुनाव में उन्हें स्वाभिमानी पार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र भूयार के हाथों हार का सामना करना पडा, लेकिन इससे पार्टी में उनके कद पर कोई फर्क नहीं पडा. ओबीसी समाज के कद्दावर नेता रहनेवाले डॉ. अनिल बोंडे को कृषि क्षेत्र पर उनकी मजबूत पकड व हलचलों को देखते हुए भाजपा द्वारा किसान मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई. साथ ही अब उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाते हुए उन पर बहुत बडा विश्वास जताया गया है.
* आक्रामक और मुखर स्वभाववाले नेता हैं डॉ. बोंडे
उल्लेखनीय है कि, डॉ. अनिल बोंडे को उनके आक्रामक व तेज-तर्रार तेवरों के लिए जाना जाता है. विशेष तौर पर वे राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के खिलाफ हमेशा ही बेहद मुखर रहते है और सरकार को अलग-अलग मुद्दोें पर घेरने का एक भी अवसर नहीं छोडते. ऐसे में हमेशा ही सुर्खियों में बने रहनेवाले डॉ. अनिल बोंडे को पार्टी द्वारा राज्यसभा की सीट देकर एक तरह से पुरस्कृत किया जा रहा है. साथ ही डॉ. अनिल बोंडे के जरिये पश्चिम विदर्भ क्षेत्र को भाजपा द्वारा पहली बार राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है, ताकि आगामी चुनाव में पूर्वी एवं पश्चिमी विदर्भ पर अपनी पकड को और अधिक मजबूत किया जा सके.
* डॉ. अनिल बोंडे का निजी व राजनीतिक जीवन
नाम – डॉ. अनिल सुखदेवराव बोंडे
जन्म तारीख – 3 अगस्त 1960
शैक्षणिक अर्हता – एमबीबीएस, एमडी (मेडिसीन), कक्षा 12 वीं में हासिल किया था मेरीट
पत्नी – डॉ. वसुधा अनिल बोंडे (एमबीबीएस, डीजीओ)
पुत्री – मनाली बोंडे (एमबीए, सीएमडी-डॉ. बोंडे हाईटेक मल्टी स्पेशालीटी हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर,अमरावती)
पुत्र – डॉ. कुणाल बोंडे (एमबीबीएस-न्यु जर्सी, युएसए)
* कार्य उपलब्धि
डॉ. पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय में 15 साल अध्यापन.
वर्ष 2009 में मोर्शी-वरूड क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गये.
वरूड एमआयडीसी क्षेत्र में संतरा निर्यात प्रकल्प की स्थापना.
हिवरखेड में संतरा उन्नति प्रकल्प की स्थापना.
वर्ष 2012 में नांदगांव पेठ टोल नाके के खिलाफ आंदोलन.
वर्ष 2014 में भाजपा में प्रवेश.
वर्ष 2014 में भाजपा की टिकट पर मोर्शी-वरूड क्षेत्र से चुनाव जीता.
देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री नियुक्त.
जिला पालकमंत्री के पद की जिम्मेदारी भी निभाई.
कृषि मंत्री के तौर पर 84 दिनों के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये.
ठिंबक सिंचाई पर सब्सिडी को 50 फीसद से 80 फीसद तक बढाया.
नानाजी देशमुख कृषि समृध्दी अभियान में सब्सिडी को 50 फीसद से बढाकर 80 फीसद किया.
छत्रपति शिवाजी महाराज कर्ज मुक्ति योजना पर प्रभावी रूप से अमल.
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पडा.
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त.
तीन कृषि कानूनों के समर्थन में दौंड (पुणे) से भव्य ट्रैक्टर मोर्चे का आयोजन.
पीएम मोदी को तीन कृषि कानूनों के समर्थन में राज्य से हजारों पत्र भिजवाये.
अमरावती जिले के किसानों की समस्याओं को लेकर सदैव मुखर रहे.
मध्यप्रदेश व गुजरात के किसान मोर्चा के प्रभारी बने.
महाराष्ट्र सहित मध्य प्रदेश व गुजरात में किसानोें की समस्याओं पर कार्यकारी समिती की बैठक का आयोजन.
28 मई 2022 को भाजपा द्वारा राज्यसभा हेतु प्रत्याशी घोषित.