20 प्राथमिक आरोग्य केंद्र में कोविड टीकाकरण प्रारंभ
16 मार्च से अन्य सभी स्थानों पर होगा कोविड टीकाकरण प्रारंभ
अमरावती/दि.13- इन दिनों प्राधान्य सुची में शामिल कोरोना योध्दाओं, 60 वर्ष से अधिक बुजुर्गों तथा 45 वर्ष से अधिक आयुवाले बीमार लोगोें को कोविड का प्रतिबंधक टीका लगाया जा रहा है. टीकाकरण केंद्रों पर नागरिकोें की भीडभाड न हो, इस उद्देश्य से जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीईओ अमोल येडगे के मार्गदर्शन में जिले के 59 में से 19 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बुधवार 10 मार्च से कोविड टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. वहीं शेष सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आगामी मंगलवार से टीकाकरण का नियोजन किया जा रहा है.
बता देें कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार जिले में कुछ निजी टीकाकरण केंद्र भी शुरू किये गये है. जहां पर टीकाकरण हेतु लोगों को 250 रूपये का शुल्क देना पडता है. वहीं सरकारी टीकाकरण केंद्रों में यह टीका नि:शुल्क तौर पर लगाया जाता है. शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण का काम शुरू होने के तुरंत बाद ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बुजुर्ग नागरिकों हेतु टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. जिसके लिए संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड वैक्सीन के साथ ही अन्य सभी आवश्यक बातों की आपूर्ति स्वास्थ्य महकमे द्वारा की गई है. साथ ही वैक्सीन की पर्याप्त खेप उपलब्ध होते ही अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. ऐसी जानकारी डीएचओ डॉ. दिलीप रणमले द्वारा दी गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड वायरस के लगातार बढते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड टेस्ट कराने हेतु शिविर भी आयोजीत किये जा रहे है. ऐसे में कोविड सदृश्य लक्षण दिखाई देने पर सभी लोगों ने अपने नजदिकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर कोविड टेस्ट करवानी चाहिए.
राष्ट्रीय कर्तव्य मानकर लगवाये वैक्सीन
– सीएस डॉ. निकम ने किया आवाहन
जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम के मुताबिक कोविड के संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु समाज में सामुहिक रोग प्रतिकार शक्ति विकसित होना जरूरी है. जिसमें टीकाकरण सहायक साबित होगा. ऐसे में अधिक से अधिक बुजुर्ग नागरिकों व बीमार व्यक्तियों ने स्वयंस्फूर्त तौर पर कोविड वैक्सीन लगवाते हुए अपना राष्ट्रीय कर्तव्य पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि, आज तक जितनी भी महामारिया आयी उनका असर करीब तीन से चार वर्ष तक रहा. हालांकि उस समय चिकित्सा सुविधाएं उन्नत नहीं थी. लेकिन अब वैद्यकीय शास्त्र ने काफी प्रगति कर ली है. जिसकी वजह से इस महामारी के खिलाफ एक वर्ष के भीतर प्रतिबंधक दवाई उपलब्ध हो गयी है. ऐसे में सभी को चाहिए कि, वे इस वैक्सीन का टीका लगवाये. साथ ही त्रिसूत्री के नियमों का भी कडाई के साथ पालन करे, तभी सभी लोग इस महामारी के खतरे से बच सकते है.