अमरावती

पूर्व आईजी सुरेश खोपडे ने की डॉ. देशमुख से सदिच्छा भेंट

जिले में कानून व्यवस्था के साथ ही शांति व सौहार्द बनाये रखने को लेकर हुई चर्चा

अमरावती/दि.28- महाराष्ट्र के सेवानिवृत्त विशेष पुलिस महानिरीक्षक सुरेश खोपडे ने गत रोज अपने अमरावती दौरे के तहत पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख के रूख्मिनीनगर परिसर स्थित निवास स्थान पर सदिच्छा भेंट दी और डॉ. देशमुख से मुलाकात करते हुए उनके साथ विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा की.
इस समय जिले में कानून व व्यवस्था के लिए पैदा होनेवाले खतरों और बार-बार होनेवाले जातिय व धार्मिक दंगों से संबंधित विषयों को लेकर अलग-अलग पहलुओं पर अनौपचारिक चर्चा की गई. उल्लेखनीय है कि, विगत छह माह से जिले में विविध स्थानों, विशेष रूप से अमरावती शहर में उपजे जातिय तनाव की वजह से दंगा सदृश्य हालात पैदा हुए. जिसके चलते शहर काफी हद तक अशांत है. ऐसी घटनाओं की वजह से नागरिकोें को बेवजह तकलीफे होती है. लेकिन इसके बावजूद अपने राजनीतिक फायदे को देखतु हुए कुछ राजनीतिक दल किसी भी स्थिति में दंगा करवाने की फिराक में रहते है. यह जिले के प्रत्येक शांतिप्रिय व्यक्ति के लिए काफी चिंतावाली स्थिति है. ऐसे में इस तरह की घटनाओं पर प्राथमिक अवस्था में ही प्रतिबंध लगाना समय की जरूरत हो गई है. इस प्रमुख विष को लेकर पूर्व आईजी सुरेश खोपडे व पूर्व राज्यमंत्री डॉ. सुनील देशमुख के बीच चर्चा हुई.
उल्लेखनीय है कि, पूर्व आईजी सुरेश खोपडे का बतौर पुलिस अधिकारी कार्यकाल व अनुभव काफी प्रदीर्घ व समृध्द है. उन्होंने महाराष्ट्र के पांच जिलों में पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम करने के साथ ही मुंबई के एडिशनल कमिश्नर, रेलवे पुलिस कमिश्नर व सीआयडी के क्राईम विभाग प्रमुख के तौर पर कार्य किया है. साथ ही वे विशेष पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर कार्य करते हुए सेवानिवृत्त हुए. पुलिस विभाग की सेवा में रहते समय विविध जातिय दंगों, विशेष तौर पर हिंदु-मुस्लिम दंगों की प्रमुख वजहों और दंगे नहीं होने देने के लिए किये जानेवाले प्रभावी प्रतिबंधक उपायों के संदर्भ में सुरेश खोपडे ने काफी अध्ययन किया. वर्ष 1992-93 में जब रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान बाबरी मस्जिद के विवादीत ढांचे का ध्वंस किया गया था, तो समूचे देश में दंगे भडके थे और मुंबई में तो दो बार दंगे, आगजनी व तोडफोड की वारदाते हुई थी. लेकिन मुंबई से महज 25 किमी की दूरी पर स्थित और जातिय व धार्मिक रूप से अति संवेदनशील माना जाता भिवंडी शहर पूरी तरह से शांत रहा. यह अपने आप में बेहद असामान्य बात थी. जिसे लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संशोधन हुए. साथ ही इस शांतिपूर्ण स्थिति का पूरा श्रेय सुरेश खोपडे द्वारा भिवंडी में किये गये एक अनूठे प्रयोग को दिया गया.
उल्लेखनीय है कि, सुरेश खोपडे ने वर्ष 1988 से 1992 के दौरान भिवंडी में मोहल्ला कमेटी का प्रयोग अमल में लाया था. जिसके तहत पुलिस एवं सामान्य नागरिकों द्वारा एकजूट आकर सद्भाव का निर्माण करते हुए शांतिपूर्ण स्थिति बनाये रखने का प्रयोग किया गया, जो वर्ष 1992 के बाद पैदा हुए तनावपूर्ण हालात के दौरान काफी काम आया और संवेदनशील माने जाते भिवंडी शहर में हालात पूरी तरह से शांत व नियंत्रित रहे. अपने इस प्रयोग को प्रो-एक्टिव पुलिसिंग का नाम देते हुए सुरेश खोपडे ने बताया कि, इन दिनों जातिय दंगों से निपटने हेतु पुलिस दल की कार्यपध्दति फायर ब्रिगेड की तरह है, जो आग लगने के बाद उसे बुझाने हेतु हरकत में आता है, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका रहता है. इसके बदले प्रो–एक्टिव पुलिसिंग करते हुए दंगे ही न भडके, इस हेतु प्रतिबंधक उपाय योजना करना बेहद जरूरी होता है. जिसके तहत सभी जाति व धर्म के लोगों का समावेश करते हुए मोहल्ला कमेटियों के गठन का प्रयोग किया गया. इस प्रयोग को लेकर सुरेश खोपडे ने फ्रायबोर्ग युनिवसिर्र्टी (स्विटजरलैण्ड), युनो कॉन्फ्रेंस (काठमांडू), मोल्यास युनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया) सहित चीन के चिंग-काँग शहर में आयोजीत वैश्विक परिषद में अपने प्रयोग को लेकर प्रेझेंटेशन दिया और चीन में उनका प्रेझेंटेशन सबसे बेहतरीन साबित हुआ.
अपने इस प्रयोग को लेेकर सुरेश खोपडे ने विश्वास जताया कि, उनके द्वारा सुझाये गये प्रतिबंधात्मक उपायों को यदि शुध्द स्वरूप में महाराष्ट्र के किसी भी शहर अथवा जिले के लिए अमल में लाया जाता है, तो संबंधित क्षेत्र में यह प्रयोग 100 फीसद सफल साबित होगा. वहीं संवेदनशील क्षेत्रों में इस प्रयोग को लागू करने पर इसका काफी अधिक लाभ हो सकता है.
अमरावती जिले में इस प्रयोग को कैसे लागू किया जाये, इसके लिए टेलरमेड यानी अमरावती जिले की जरूरत और यहां उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं का नियोेजन करने के लिए भी सुरेश खोपडे ने अपनी ओर से पूरी तैयारी दर्शायी. जिसके चलते अमरावती जिले के सभी समाजों से वास्ता रखनेवाले जिम्मेदार व प्रभावशाली नागरिकों व सभी स्टेकहोल्डरों का पॉवर पाईंट प्रेझेंटेशन के जरिये मार्गदर्शन व शंका निरसन करने हेतु एक परिसंवाद आयोजीत करने को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की गई.

 

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