अमरावती

पूर्व मंडी संचालक परमानंद अग्रवाल होंगे अपात्र!

मतदाता सूची में नाम ही नहीं

  • जनवरी माह में होना है मंडी का चुनाव

अमरावती/दि.12 – स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिती के पूर्व व्यापारी संचालक परमानंद अग्रवाल ने निर्धारित कालावधि के बाद भी अपने लाईसेन्स का नूतनीकरण नहीं करवाया. जिसकी वजह से मंडी की मतदाता सूची में उनका नाम ही शामिल नहीं हुआ. अत: वे आगामी जनवरी माह में होनेवाले फसल मंडी के चुनाव में अपना नामांकन दाखिल नहीं कर सकेंगे. साथ ही अपने मताधिकार का भी प्रयोग नहीं कर सकेंगे.
बता दें कि, आगामी 17 जनवरी को कृषि उत्पन्न बाजार समिती के संचालक मंडल का चुनाव होने जा रहा है. जिसके चलते 30 सितंबर तक बाजार समिती में अडत व खरीददार अनुज्ञप्तियों का नूतनीकरन करना अनिवार्य था. जिसके चलते बाजार समिती के 1 हजार 35 व्यापारियों व अडत व्यवसायियों ने इस तिथी से पहले अपने-अपने अनुज्ञप्तियों का नूतनीकरण करवा लिया. वहीं जिन लोगों ने अपने लाईसेन्स का नूतनीकरण नहीं करवाया, उनकी जानकारी मंडी सचिव द्वारा अपने वरिष्ठों को भेज दी गई. जिसके आधार पर बाजार समिती की मतदाता सूची तैयार की गई. किंतु इस मतदाता सूची में परमानंद अग्रवाल का नाम ही नहीं है. जिसके चलते बाजार समिती में इस समय अलग-अलग चर्चाएं शुरू है. ज्ञात रहें कि, बाजार समिती में परमानंद अग्रवाल की सिंघानिया ट्रेडर्स नाम से फर्म है. जिसके जरिये बाजार समिती में करोडों रूपयों की खरीदी-बिक्री का व्यवहार चलता है. साथ ही वे वर्ष 2009 से 2013 तक अडत व खरीददार निर्वाचन क्षेत्र से मंडी संचालक भी चुने गये थे. किंतू कुछ वर्ष पूर्व मंडी में उजागर हुए करोडों रूपयों के सेस घोटाला मामले में संचालक मंडल ने परमानंद अग्रवाल की जांच शुरू की. साथ ही उनसे विगत कुछ वर्षों के दौरान किये गये खरीदी-बिक्री के दस्तावेज भी मांगे गये, लेकिन परमानंद अग्रवाल ने सारे दस्तावेज चुहे द्वारा कुतर लिये जाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड लिया. जिसके बाद से विशेष जांच समिती गठित करते हुए बाजार समिती द्वारा परमानंद अग्रवाल की जांच-पडताल शुरू की गई. जांच के दौरान समिती के पदाधिकारी कोयंबतूर गये थे. जहां से वापिस आने के बाद जांच समिती के पदाधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट मंडी सचिव को सौंपी थी. जिसके आधार पर कुछ माह पूर्व ही मंडी प्रशासन द्वारा परमानंद अग्रवाल को 1 करोड 14 लाख रूपयों की नोटीस जारी की गई थी. संभवत: इसी वजह के चलते परमानंद अग्रवाल ने अपने लाईसेन्स का नूतनीकरण नहीं करवाया है, ऐसी चर्चा बाजार समिती में चल रही है.

सूची में अग्रवाल का नाम नहीं

अनुज्ञप्ति परवाना नूतनीकरण करने की अंतिम तिथी 30 सितंबर थी. किंतु इस दौरान परमानंद अग्रवाल का आवेदन नहीं आया. ऐसे में उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है. जिसके चलते वे चुनाव नहीं लड सकेंगे. कुछ माह पूर्व उन्हें 1 करोड 14 लाख रूपयों की नोटीस सेस मामले में दी गई थी. पश्चात उनके द्वारा 10 अक्तूबर को लाईसेन्स नूतनीकरण का आवेदन किये जाने के चलते लाईसेन्स का नूतनीकरण किया गया. किंतु वे चुनाव लडने हेतु अपात्र ही रहेंगे.
– दीपक विजयकर
सचिव, अमरावती कृउबास

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