अमरावती

पूर्व महापौर विलास इंगोले का जन्मदिन मना धूमधाम से

मित्र परिवार ने गौरक्षण में गुड तुलादान करते हुए दी शुभकामनाएं

अमरावती -दि.5 शहर के पूर्व महापौर विलास इंगोले का जन्मदिवस कल उनके मित्र परिवार द्वारा स्थानीय गौरक्षण संस्था में बडी धूमधाम के साथ मनाया गया. जहां पर गौग्रास के लिए विलास इंगोले की गुड तुला की गई और गुड तुलादान करते हुए मित्र परिवार ने शहर के ‘विक्रमादित्य’ पूर्व पार्षद व पूर्व महापौर विलास इंगोले को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी.
इस अवसर पर सभी उपस्थितों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए पूर्व महापौर विलास इंगोले ने कहा कि, महापौर के पद पर कार्य करते समय उन्हेें इस बात की अनुभूति हुई थी कि, इन्सान का सम्मान पद से नहीं उसके स्वभाव और आचरण से होना चाहिए. यही वजह है कि, मैं अपना जन्मदिन मित्र परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा के माध्यम से मनाता हूं. इस संकल्प के साथ मैंने एक और संकल्प लिया हैं कि, वे हर उस परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी पर लगवायेंगे, ताकि उस परिवार में चूल्हा के रूप में यज्ञ प्रज्वलित रहे और उस परिवार में हमेशा खुशहाली बनी रहे.
स्थानीय एकवीरा देवी मंदिर के पीछे स्थित श्री गौरक्षण संस्था में गत रोज आयोजीत इस कार्यक्रम में संत सीतारामदासबाबा की परम शिष्या सुश्री मंगलाश्रीजी के साथ ही पूर्व सांसद अनंत गुढे, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, दैनिक अमरावती मंडल के संपादक व राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, पूर्व पार्षद वसंतराव साउरकर, पूर्व नगराध्यक्ष गणेश रॉय, डॉ. पंजाबराव देशमुख बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र महल्ले, वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे सहित विलास इंगोले की धर्मपत्नी डॉ. नीलिमा इंगोेले, बेटी पूजा इंगोले आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
इस अवसर पर विगत तीस वर्षों से मनपा के सदन का हिस्सा रहनेवाले पूर्व महापौर विलास इंगोले ने कहा कि, उन्होंने हमेशा ही बेरोजगार युवाओें को उनकी योग्यता के अनुसार मनपा की सेवा में शामिल करने को प्राधान्य दिया. यही वजह है कि, आज शहर में कई परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है. जिसका कुछ पुण्य उन्हें भी प्राप्त हो रहा हैं. साथ ही उन्होंने युवाओं से अपने माता-पिता की सेवा करने और मोबाइल के जंजाल से बाहर निकालकर मैदानी मिट्टी में खुद को निखारने का आवाहन भी किया.
इस अवसर पर मनपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने पूर्व महापौर विलास इंगोले को अपना बडाभाई बताते हुए उनके द्वारा अब तक किये गये कामों की उपस्थितों को जानकारी दी. साथ ही पूर्व महापौर विलास इंगोले को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी. वही पूर्व पार्षद वसंतराव साउरकर ने विलास इंगोले के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए इंगोले द्वारा मैदानी खेलों के विकास हेतु किये गये कामों पर प्रकाश डाला.
इस समय दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने पूर्व महापौर विलास इंगोले को बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताते हुए कहा कि, गणेशोत्सव के दौरान महालक्ष्मीपूजन वाले दिन विलास इंगोले का जन्मदिन पडना और इस दिन ईश्वरीय अनुकंपा के रूप में बारिश का होना किसी संयोग से कम नहीं है. साथ ही इतने वर्ष के सार्वजनिक जीवन में विलास इंगोले पहली बार किसी मंच पर अपनी पत्नी व बेटी के साथ उपस्थित हुए है. यह भी अपने आप में एक अच्छा संयोग व शगुन है. संपादक अनिल अग्रवाल ने यह भी कहा कि, राजनीति में रहने के बावजूद विलास इंगोले विशुध्द रूप से राजनीतिज्ञ नहीें बन पाये, बल्कि समाजसेवी ही बने रहे, अन्यथा वे विधायक जरूर बनते. यह बात अलग है कि, उनका साथ व सहयोग लेकर कई लोग राजनीति में बडे-बडे मुकाम तक पहुंच गये और साथ व सहयोग देने में विलास इंगोले ने कभी जाति-धर्म व पार्टी को लेकर कोई भेदभाव भी नहीं रखा. ऐसे में पूर्व नगराध्यक्ष बाबू उमरलालजी केडिया के बाद सही मायनों में विलास इंगोले को अमरावती शहर का जननेता कहना किसी तरह की अतिशयोक्ती नहीं होगा.
इसके अलावा पूर्व सांसद अनंत गुढे ने विलास इंगोले द्वारा गौसेवा को दिये जाते महत्व के बारे में बताया. शहर के वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे ने पूर्व महापौर विलास इंगोले द्वारा विविध क्षेत्रों में किये गये कामों का उल्लेख करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी. पूर्व नगराध्यक्ष गणेश रॉय ने भी अपने समयोचित विचारों के माध्यम से विलास इंगोले को जन्मदिन की बधाइयां दी. कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन सुरेश रतावा ने किया.
इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम विलास इंगोले व उनकी पत्नी डॉ. नीलिमा इंगोले का शाल, श्रीफल व फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया. पश्चात पंडित मोहित मिश्रा के मंत्रोच्चारण के बीच गुड तुलादान की विधि पूर्ण की गई. इस अवसर पर केक भी काटा गया. कार्यक्रम में अभिनंदन पेंढारी, श्याम शर्मा, प्रा. डॉ. संजय शिरभाते, हमीद शद्दा, विजय भुतडा, राजीव भेले, गजानन राजगुरेे, प्रमोद इंगोले, गोपाल महाराज उपाध्याय, श्रीप्रकाश झंवर, अनिकेत ढेंगरे, शारद देवरणकर, प्रभाकर वालसे, जितेंद्र नाईक, सुरेश धावडे, गोपाल यादव, जितेंद्र राउत, कन्हैया मित्तल, किशोर वाघमारे, पंकज लुंगीकर, सुरेश साबू, संजय मुसलंबे, बालासाहेब राजगुरे, निखिल देशमुख, संजय बारस्कर, प्रितेश गुंबले, अमर सोनवलकर, किशोर काकडे, प्रकाश श्रीमाली, चंद्रशेखर इंगोले, राजाभाउ जनकर, सुशील डांगे, निखिल इंगोले, श्याम खेरडे, दिपक लाड, बबलू राजगुरे, आशिष लाड, अशोक करुले, डॉ. नितीन चव्हाले, उमेश देशमुख, दत्ता आरोकर, अजय पुसतकर, विजय अचलकर, प्रदीप वानखडे, शैलेश अग्रवाल, संजय संगेकर, प्रकाश मामर्डे, संजय कल्याणकर, जावेद साबिर, पिंटू मारोडकर, अशोक करुले, कपिल यादगिरे, राजू गुप्ता, महेश गट्टाणी, कैलाश गिरोडकर समेत बडी संख्या में मित्र परिवार के सदस्य उपस्थित थे.

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