पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को तीन माह की कैद
तहसीलदार के साथ मारपीट मामले में पाये गये दोषी
* अदालत ने 20 हजार रूपयों का जुर्माना भी सुनाया
अमरावती/दि.5– राज्य के पूर्व कृषि मंत्री तथा भाजपा नेता डॉ. अनिल बोंडे को स्थानीय प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश एस. एस. अडकर की अदालत ने सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट करने के साथ ही सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने का दोषी करार देते हुए तीन माह के कारावास तथा 10-10 हजार रूपये यानी कुल 20 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा नहीं करने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
इस्तगासे के मुताबिक 30 सितंबर 2016 को वरूड तहसील कार्यालय के संगांयो विभाग के नायब तहसीलदार नंदकिशोर वासुदेवराव काले को तत्कालीन विधायक डॉ. अनिल बोंडे ने वरूड तहसीलदार कार्यालय में बुलाकर अश्लील गाली-गलौच की. साथ ही डराते-धमकाते हुए धक्का-मुक्की कर जान से मारने की धमकी भी दी. इस समय मौके पर उपस्थित पटवारी बनसरे व नायब तहसीलदार सहारे के साथ भी मारपीट करते हुए डॉ. बोंडे ने शासकीय निर्णय की प्रतिलीपी व सरकारी फाईलों को फाड दिया. पश्चात मामले को लेकर वरूड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी गई और जांच अधिकारी के तौर पर पीएसआई विजय शिंगाडे ने अपनी जांच पूरी करते हुए अदालत में दोषारोपपत्र प्रस्तुत किया. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील एड. मिलींद शरद जोशी ने आठ गवाह प्रस्तुत किये. अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किये गये सबूतों व गवाहों को ग्राह्य मानते हुए अदालत ने डॉ. अनिल बोंडे को इस मामले में दोषी करार देते हुए भादंवि की धारा 332 अंतर्गत तीन माह के कारावास व 10 हजार रूपये के जुमाने तथा भादंवि की धारा 504 अंतर्गत तीन माह के कारावास व 10 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई. दोनों ही मामलों में कारावास की सजा एकसाथ चलेगी और किसी भी मामले में जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. इस मामले में कोर्ट पैरवी अधिकारी के रूप में राजेंद्र बायस्कर व एनपीसी अरूण हटवार ने भी अभियोजन पक्ष की सहायता की.