पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने विधायक सुलभा खोडके पर साधा निशाना
बाप दिखाओ, नहीं तो श्राद्ध करो
* चार गुना बढे संपत्ति कर को घटाकर डेढ गुना करने की घोषणा निराधार
अमरावती /दि.22– अमरावती की विधायक सुलभा खोडके तथा उनके पति संजय खोडके द्वारा इन दिनों संपत्ति कर की दरों को घटाने का दावा करते हुए अमरावती की जनता की आंखों में एक तरह से धूल झोकी जा रही है. क्योंकि चार गुना बढाई गई संपत्ति कर की दरों को घटाकर डेढ गुना किये जाने के संदर्भ में सरकार की ओर से अधिकारिक तौर पर कोई निर्णय घोषित नहीं किया गया है. ऐसे में स्थानीय विधायक व उनके पति को चाहिए कि, वे अपने द्वारा अमरावती की जनता को दी गई जानकारी के सबूत पेश करे, अन्यथा यह स्वीकार करे कि, उन्होंने अपनी पीठ थपथपाने के लिए अमरावती की जनता को गलत जानकारी दी थी. यह सीधे-सीधे ‘बाप दिखा, नहीं तो श्राद्ध कर’ वाली बात है. इस आशय का प्रतिपादन पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया है.
बता दें कि, विगत एक वर्ष से अमरावती मनपा क्षेत्र में संपत्ति कर की बढी हुई दरों का मुद्दा काफी चर्चा में चल रहा है. जिसके खिलाफ सर्वसामान्य जनता में तीव्र संताप की भावना है. वहीं अमरावती की मौजूदा सांसद व उनके पति द्वारा विगत दिनों यह घोषणा की गई कि, अब संपत्ति कर को चार गुना अधिक दर से नहीं, बल्कि पहले की तुलना में डेढ गुना दर से भरना होगा. जिससे अमरावती के नागरिकों को राहत मिलेगी. इसके लिए विधायक सुलभा खोडके व उनके पति संजय खोडके द्वारा मुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ हुई बैठक का हवाला दिया गया था तथा कहा गया था कि, विधायक सुलभा खोडके द्वारा किये गये प्रयासों के चलते उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अमरावती मनपा क्षेत्र में संपत्ति कर की दरों को चार गुना से घटाकर डेढ गुना करने का निर्णय लेने की बात शहर के समाचार पत्रों में छपवाकर खुद ही पीठ थपथपाने का कार्य किया था. मगर इस बारे में अभी तक कोई भी शासन निर्णय या मनपा प्रशासन का कोई भी अधिकृत पत्र प्रसारित नहीं किया गया. इसके उलट नागरिकों के हाथों में मनपा ने बढे हुए टैक्स का नोटिस थमा दिया. वही उस टैक्स नोटिस में स्वच्छता कर को बढा कर टैक्स भरने की शख्ती भी दिखाई गई है. पुरे मामले में नागरिकों को भारी संभ्रम की स्थिती निर्माण हुई है. सभी सामान्य नागरिकों की आर्थिक स्थिती बिगाडने वाले इस टैक्स के कारण साधारण नागरिकों की जेब पर भार पडने की स्थिती निर्माण हो रही है और स्थानीय विधायक व उनके पती सिर्फ प्रसिध्दी पाने के कार्य में लगे होने की बात डॉ. देशमुख ने की. उन्होनें आगे कहा कि 5 वर्ष में सिर्फ काम चलाऊ दुरुस्ती करने पर घसारा देने के अधोरेखित कर शुध्द थाप मारने के बाद मालमत्ता कर चार पट से केवल देड पट्ट पर लाने का यश है. शहर में कुल मालमत्ता 3 लाख 31 हजार में दो लाख 23 हजार स्थायी मालमत्ता, 70 हजार के उपर खुले भुखंड है. 61 हजार मालमत्ता विगत पांच वर्ष में नये बांधकाम किए जाने से इन मालमत्ता कर में किसी भी प्रकार का दिलासा प्रश्न ही नहीं होता. मनपा प्रशासन कि ओर से दिए गए स्पष्टीकरण के अनुसार मालमत्ता की वर्ग वारी कर उसका घसारा दर में बढोत्तरी कर ही संपूर्ण आकडे को तोड मरोड कर नये देयक तैयार किए जाने का स्पष्ट किया गया है. प्रत्यक्ष में सिर्फ मालमत्ता धारकों को मनपा ने पहले ही भेजे गए कर निर्धारण के नोटिस व नये सिरे से भेजे गए कुछ देयक में चिल्लर बदल ने के बाद अन्य सभी देयक में बदल नहीं होते हुए उलटा उपयोगकर्ता को कर की अधिक रकम जोड कर देयक देने के निर्देश आए है. जिसके कारण बचे हुए मालमत्ता में से कुछ को सिर्फ दिलासा मिलने और बाकि मालमत्ता धारकों को चारपट से देडपट होने का दावा सिर्फ खोखला ही निकला है. बढे हुए मालमत्ता कर का संपूर्ण विषय नागरिकों की दृष्टी को से अत्यंत मजबूर व उनकी जेबों पर डाका मारने जैसा है. ऐसे गंभीर मामले में शहर के विद्यमान जनप्रतिनिधि इस बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हुए सिर्फ लोकल अखबारों में अपना प्रचार कर अपनी पीठ थपथपाने का कार्य कर रहे है. ऐसा आरोप डॉ. सुनिल देशमुख ने लगाया है. उन्होनें कहा कि अगल सही में मालमत्ता कर चारपट से घटा कर देडपट किया गया है, तो उसका शासन निर्णय निकलने का दावा करने से पहले उसे प्रमाणित करें. नहीं तो लोगों को भ्रमित करने की बात स्वीकार करने बात को मानते हुए जनता से माफी मांगे. यह सीधे-सीधे ‘बाप दिखा, नहीं तो श्राद्ध कर’ वाली बात डॉ. सुनिल देशमुख ने कही.