पूर्व विद्यार्थियों ने लिया बचपन का आनंद
महात्मा फुले विद्यालय में स्नेह सम्मेलन उत्साह से मनाया
मुख्याध्यापक, शिक्षकों सहित संस्था पदाधिकारी की खुशी दुगनी
अमरावती/ दि. 6- वही शाला के दिन, वही क्लास, वही ग्राउंड और वही धमाके की मस्ती इस बात का अनुभव कर प्रत्येक पूर्व विद्यार्थी ने अपनी यादों को उजाला दिया. बचपन की खुशी कभी खत्म न हो. इस तरह बचपन का अनुभव कर पूर्व विद्यार्थियों ने लिया. मुधोलकर पेठ में महात्मा फुले विद्यालय में 65 वां वर्धापन दिन निमित्त पूर्व विद्यार्थियों का स्नेह सम्मेलन उत्साह से मनाया. इस तरह पूर्व विद्यार्थियों का बचपन देखकर मुख्याध्यापक, शिक्षकों सहित संस्था पदाधिकारियों की खुशी का ठिकाना न रहा.
महात्मा फुले शिक्षा समिति द्बारा संचालित महात्मा फुले विद्यालयों की स्थापना से 64 वर्ष का पहला ही पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन 1 जनवरी को उत्साह से हुआ. इस सम्मेलन में पूर्व विद्यार्थियों सहित शिक्षक, संस्था पदाधिकारी व कर्मचारियों ने उपस्थिति दर्शायी. इस अवसर पर मंच पर महात्मा फुले शिक्षा समिति की अध्यक्षा मंदाकिनी वसंतराव निमकर, उपाध्यक्ष अशोकराव टाकरखेडे, मनोज भेले, सचिव रमेश पवार, सहसचिव किशोर श्रीखंडे, बापुराव निमकर, पांडुरंग खलोकर, अशोक होले, बाबूलाल लोखंडे, ज्ञानेश्वर मेंढे, डॉ. राजेन्द्र तायडे, डॉ. जयंत पवार, प्रा. सुनील कोकाटे, प्रा. सुरेश यावले सहित प्रा. संजय शेंडे व मुख्याध्यापक मंगेश गोरडे उपस्थित थे. सभी शिक्षक और विविध विद्यार्थियों के बैच के विद्यार्थी मित्र शामिल हुए थे.
इस अवसर पर पूर्व विद्यार्थियों ने मुख्याध्यापक, शिक्षक, सेवानिवृत्त शिक्षक का सत्कार किया. इस सम्मेलन के लिए संस्था के अध्यक्ष पूर्व मुख्याध्यापक मंदाकिनी निमकर, प्राचार्य मंगेश गोरडे, गजानन पोटदुखे, इंगले मावस्कर, जयश्री आडे, किसन चव्हाण, राजेश ढेवले ने परिश्रम किया.
बचपन से अभी तक की यात्रा पर चर्चा
64 वर्ष पूर्व स्थापित हुई महात्मा फुले शाला से हजारों विद्यार्थी शिक्षा लेकर बडे-बडे पद पर विराजमान हुए. यह सभी सहेली-दोस्त इतने साल बाद मिलने के बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा. पूर्व विद्यार्थियों ने बचपन की यादों को ताजा कर अभी तक की जीवन यात्रा पर चर्चा की. जिसके कारण पूर्व विद्यार्थियों ने फिर से शाला में प्रवेश किया. ऐसा महसूस हो रहा था. 1988 के बैच के विद्यार्थियों ने संस्था को विद्यार्थी विकास के लिए 50 हजार रूपये का दान दिया. अन्य विद्यार्थियों ने भी संस्था को दान देकर संस्था के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की.