* विमा के खोज दस्ते ने दी जानकारी
धारणी/दि.23– मेलघाट के व्याघ्र प्रकल्प के दक्षिण छोर पर स्थित बियाबान जंगल में खटकाली गांव के समीप रानी महल व धन की कोटी नाम से पहचाना जानेवाला किले जैसा महल वीमा (वीआईएमए) दस्ते को दिखाई दिया. मेलघाट के नरनाला, गाविलगढ, आमनेर के बाद अब यह चौथे किले को पता चलने की बात खोजकर्ताओं ने कही है.
धारणी से लगभग 65 किलो दूरी पर हरिसाल- अकोट मार्ग के खटकाली गांव शिवार में जंगल के भीतर रानी महल व धन की कोठी नामक 16 वी सदी का हवेली जैसा पुराना किला इतिहास का व पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण यह महल/ कोठी/ किला शिल्पकला का अनोखा उदाहरण है. पहले देखने पर ऐसा लगता है कि, नरनाला किले की उत्तर दिशा में दुश्मनों का प्रवेश रोकने के लिए यह मिनी किला बनाया गया होगा. इस प्रवेशद्बार के समीप सैनिक चौकी या राजा-रानी के विश्राम के लिए महल बनाया होगा. नरनाला किले का 24 किमी का परिसर यही से शुरू होने की संभावना है.
* सोलंकी शासन का निशान
बेलकुंड- खटकाली के जंगल के ये महल मेलघाट के दक्षिण प्रहरी के तौर पर पहचाने जानेवाले हैं. इनका निर्माण कार्य नरनाला किले के समान है. सोलंकी शासन काल में नरनाला के रानी महल व अन्य राजवाडोें की तर्ज पर यह निर्माण कार्य किया गया है. राज्य की सुरक्षा की दृष्टि से महल जैसे किए बनाए जाने की संभावना ज्यादा है.
नरनाला के पाषाण का मटका यानी पत्थरों खोद काम कर बनाया गया पत्थर का रांजन यहां है. नरनालसिंह सोलंकी नामक राजा ने नरनाला किले का निर्माण किया था. नाए से पाए गये खटकाली के समीप के किले में भी उसी तरह के पत्थर दिखाई देते है. गांव के लोग इसे रानी महल और धन की कोठी कहते हैं. धन व सोने के सिक्के ढूंढनेवालों ने इस पुरातन इमारत को हानि पहुंचाई है. मेलघाट के व्याघ्र प्रकल्प के विविध निर्बंधो से इस किले की ओर दुर्लक्ष हुआ है. फिलहाल रानी महल भग्न अवस्थ में रहने के कारण उसकी दुरूस्ती व संरक्षण आवश्यक है. मेलघाट के प्राकृतिक सौंदर्य प्रचुर मात्रा में है. उसी तरह वन्य जीव व घने जंगलों में यह परिसर समृध्द है. आमनेर किला व रानी महल / धन की कोठी की और पुरातत्व विभाग को ध्यान देना आवश्यक है.