अमरावतीविदर्भ

पालकमंत्री ने कैदियों से मुलाकात कर की चर्चा

(yashomati thakur)स्वतंत्रता सेनानियों के स्मृति स्तंभ को किया अभिवादन

प्रतिनिधि/ दि.१७

अमरावती – राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिले की पालकमंत्री एड.यशोमती ठाकुर ने अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में भेंट देकर कैदियों से चर्चा करते हुए वहां की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. उस समय उन्होंने देश की स्वतंत्रता की लडाई में कारावास भुगता ऐसे महापुरुष के गौरव में कारागृह में निर्माण किये गए स्तंभ स्थल पर पहुंचकर उन्हें अभिवादन भी किया. कैदियों के लिए कारागृह व्यवस्थापन की ओर से अच्छे उपक्रम चलाए जा रहे है. कोरोना काल में मास्क निर्माण काम में बडा योगदान मिला है. अब गणेश मुर्ति समेत विभिन्न मुर्ति, गुलदस्ते, विभिन्न प्रकार के फर्निचर बनाए जा रहे है. इस उपक्रम के साथ कैदियों को कौशल्य जानकर उनके हिसाब से उत्पादन निर्माण में उनका उपयोग करे, ऐसे निर्देश पालकमंत्री यशोमती ठाकुर ने इस समय दिये. इस समय जिलाधिकारी शैलेश नवाल, कारागृह अधिक्षक रमेश कांबले आदि उपस्थित थे. इस समय पालकमंत्री ने कैदियों की कुशल कारिगिरी से निर्माण की गई मुर्ति, फर्निचर आदि वस्तुओं का मुआयना कर कैदियों को शुभकामनाएं दी. कैदियों के रसोई गृह में भी भेंट देकर व्यवस्था का मुआयना किया. साथ ही कारागृह के कम्युनिटी वीडिओ, ग्रंथालय आदि भी देखे. इस समय पालकमंत्री ने महिला कैदियों के बैरेक में भेंट देकर वहां की महिला कैदियों से उनकी परेशानियों के बारे में पूछताछ की. महिला कैदियों की मांग के अनुसार उन्हें चित्रकला की सामग्री उपलब्ध कराकर उनकी कला के अनुसार चित्र तैयार करते हुए अन्य वस्तुओं की तरह उन्हें भी बेचा जा सकता है, ऐसा भी बताया. कुशल कारिगर रहने वाले कैदियों व्दारा कई उपयुक्त वस्तुओं का निर्माण होता है. उनके विपनण के लिए अच्छा कैटलॉग तैयार करने की सूचना जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने इस समय दी.

  • स्वतंत्रता सेनानियों के स्तंभ को अभिवादन

स्वतंत्रता की लडाई में योगदान देने वाले महापुरुषों को कारावास की सजा भुगतना पडा. उसमें से कई लोगों को अमरावती कारागृह में रखा गया था. इस जगह पालकमंत्री ने भेंट दी. स्वतंत्रता सेनानियों के गौरव में निर्माण किये गए स्मृति स्तंक के समक्ष पुष्प अर्पण कर पालकमंत्री यशोमती ठाकुर ने अभिवादन किया. कई महापुरुषों ने इस देश के लिए घर परिवार की परवाह न करते हुए कारावास की सजा काटी. कई लोग हुतात्मा हुए. उनके योगदान के कारण ही भारत को आजादी मिली, ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को पालकमंत्री ने वंदन किया. इससे पहले जेल अधिक्षक कांबले ने पालकमंत्री का स्वागत किया.

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