अमरावती

अपने पद से इस्तीफा दे पालकमंत्री ठाकुर

भाजपा महिला मोर्चा ने उठायी मांग

  • कलेक्ट्रेट पर किया आंदोलन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर (State Women Child Development Minister, District Foster Minister Yashomati Thakur) एक ओर तो खुद को कानून का जानकार बताती है. वहीं दूसरी ओर अपना वाहन वनवे में ले जाकर कानून का उल्लंघन करती है. इसके बाद कानून के पालन हेतु तैनात कानून के रक्षक पुलिस सिपाही द्वारा रोके जाने पर उसकी कॉलर पकडते हुए उसके साथ मारपीट भी करती है. जिसके लिए अब उन्हें अदालत द्वारा कानूनी तौर पर दोषी करार दिया गया है. ऐसे में यशोमति ठाकुर की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि, वे अदालत द्वारा दोषी करार दिये जाने और सजा सुनाये जाने के चलते अपने पद से इस्तीफा दें. क्योकि  उन्हें अब पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इस आशय की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी की महिला आघाडी द्वारा स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष आंदोलन किया गया. साथ ही जिलाधीश नवाल को अपनी मांगोें का ज्ञापन भी सौंपा गया. जिलाधीश को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि, वर्ष २०१२ में राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और उस समय कांग्रेसी विधायक रहनेवाली यशोमति ठाकुर ने सत्ता के अहंकार में चूर रहते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करनेवाले पुलिस सिपाही के साथ मारपीट की थी. जिन्हें आज जिलो अदालत ने दोषी करार पाते हुए तीन माह के कारावास और १५ हजार रूपये के दंड की सजा सुनायी है. हकीकत में किसी जनप्रतिनिधि द्वारा इस तरह की हरकत किये जाने पर और भी अधिक कडी सजा सुनायी जानी चाहिए थी. वर्ष २०१२ में घटित इस मामले में आरोपित की गई यशोमति ठाकुर आज राज्य की कैबिनेट मंत्री और जिले की पालकमंत्री है. किन्तु  अदालत द्वारा सजा सुना दिये जाने के बाद अब उन्हें इन लोकतांत्रिक पदों पर रहने का अधिकार नहीं है, लेकिन ऐसे समय नैतिकता को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा देने की बजाय वे बिना मतलब भाजपा पर आरोप लगाते हुए लोगों को दिग्भ्रमित कर रही है. अत: यदि वे इस्तीफा नहीं देती है तो राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए.

भाजपा महिला मोर्चा की महाराष्ट्र प्रदेश महामंत्री अश्विनी जिचकार के नेतृत्व में किये गये इस आंदोलन में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व उपमहापौर संध्या टिकले, शहराध्यक्ष लता देशमुख, उपमहापौर कुसुम साहू, स्थायी समिती सभापति राधा कुरील, पार्षद सुरेखा लुंगारे, स्वाती कुलकर्णी, रिता मोकलकर, पद्मजा कौंडण्य, गंगा खारकर, लवीना हर्षे, शिल्पा पाचघरे, श्रध्दा गहलोत, छाया अंबाडकर, सुषमा कोठीकर, देवांगणा लकडे, वर्षा गणथडे, वैशाली झटाले, माला धपुरे, सुरेखा कराले, दुर्गा पुणेवार, वंदना मडगे, सविता ठाकरे, सुनिता यादव, उन्न्ती शालीग्राम, किरण देशपांडे, सतनामकौर हुडा, लक्ष्मी पांडे, जयश्री सुरोसे, किरण देशपांडे, नीता राउत, प्रमोद राउत, सुनील जवले, संजय वनरे, राजेश गोयनका, सचिन रासने, राजू मेटे, भारत चिखलकर, हेमंत श्रीवास्तव, जगदीश कांबे, सुनिल जावरे, रवि वाघमारे, संदीप अंबाडकर, प्रणित सोनी, तुषार भारतीय, अनिता फणसे, पद्मा खेडकर, मंजू मालवीय आदि उपस्थित थे.

  • पुलिस महकमे और आम जनता से बिना शर्त माफी मांगे यशोमति ठाकुर

वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने श्रमिक पत्रकार भवन में एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि, वर्ष २०१२ में विधायक रहते समय यशोमति ठाकुर ने एक पुलिसवाले पर हाथ उठाया था. जिसके लिए उन्होंने कभी कोई खेद प्रकट नहीं किया. वहीं अब अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी मानते हुए सजा भी सुना दी है. ऐसे वक्त उन्होंने पुरे पुलिस महकमे और अपने मतदाताओं से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए थी. qकतु दोषी करार दिये जाने के बाद भी यशोमति ठाकुर राजनीति करते हुए सहानुभूति प्राप्त करने प्रयास कर रही है. कुलकर्णी ने यह भी कहा कि, यशोमति ठाकुर हमेशा ही विरोधी दल के नेताओं के बारे में बात करते समय मारपीटवाली भाषा बोलती है और बीच में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राडा करने की सलाह खुलेआम दी थी. आज यशोमति ठाकुर संविधान और संस्कारों की बात कर रही है. किन्तु अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे पुलिस कर्मी की कॉलर पकडकर उसे तमाचा मारते वक्त शायद वे संविधान व संस्कारों को भुल गयी थी. इस पत्रवार्ता में भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, पूर्व महापौर संध्या टिकले, मिना पाठक, शिल्पा पाचघरे, लता देशमुख, मंगेश खांडे व राजेश आखेगांवकर आदि उपस्थित थे..

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