संस्थापक उपाध्यक्ष राजेंद्र जाधव प्रणित जिजाऊ सहकार पैनल का प्रतिद्बंदियों ने किए आरोप का खुलासा
आगामी 31 दिसंबर को होने जा रहे है चुनाव
अमरावती/ दि.27 – ‘करने से होता है और पहले करना ही चाहिए’, के मुताबिक केवल कार्य करने के लिए और समाज में सेवा देने के लिए अथक परिश्रम करनेवाला जिजाउ सहकारी पैनल है. केवल बाते ही नहीं बल्कि अपनी कृति से प्रत्यक्ष में काम के जरिए अपनी छाप छोडनेवाला सहकार पैनल जिसके नाम में ही सहयोग बात रहती है. ऐसे इस पैनल ने शुरूआत से ही समाज सेवा का संकल्प किया रहने से केवल पैसा ही नहीं बल्कि समाजसेवा का उद्देश्य आंखों के सामने रखा है. स्वेच्छा से अरविंद गावंडे को अध्यक्ष पद बहाल किया था. 2010 तक इंजीनियर अविनाश कोठाले यह जिजाऊ बैंक के अध्यक्ष और राजेंद्र जाधव उपाध्यक्ष थे. 2011 से 2017 की कालावधि के लिए राजेंद्र जाधव ने बडा दिल करके अपनी स्वेच्छा से इंजी. अरविंद गावंडे को अध्यक्ष पद बहाल किया. पश्चात अरविंद गावंडे के सामने कोई भी रूकावट न लाते हुए उन्हें पूर्वाध्यक्ष अविनाश कोठाले व पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र जाधव ने काम के लिए संपूर्ण 5 वर्ष सहयोग दिया था.
पश्चात 2017 में संपूर्ण संचालक मंडल की सहमति से पूर्वाध्यक्ष अविनाश कोठाले व पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र जाधव को ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष रहने की मांग की थी. उस समय अरविंद गावंडे रोष में आ गए और अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए उन्होंने संचालक मंडल में ही चुनाव लिए तब पूर्वाध्यक्ष अविनाश कोठाले और पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र जाधव को 11 वोट मिले. जबकि अरविंद गावंडे को केवल 4 वोट मिले और उनका पराजय हुआ. इस कारण अरविंद गावंडे ने बैंक के विरोध में अनेक शिकायतेंं शुरू की.
* पैसा जमा न रहता तो भूखंड की खरीदी और निर्माण कैेसे होता ?
किसी भी बैंक की इमारत का निर्माण करने के लिए भूखंड लेकर निर्माण करने प्रत्येक वर्ष इमारत का फंड जमा करना आवश्यक रहता है. 2001 से 2011 की कालावधि में इंजीनियर अविनाश कोठारे के कार्यकाल में जिजाऊ बैंक के लिए इमारत का फंड 3 करोड से अधिक जमा करा गया था. 2011 में पूर्व निर्धारित जगह की खरीदी गावंडे साहेब के कार्यकाल में की गई. यदि पैसा जमा न रहता तो बैंक के लिए जगह की खरीदी कर नहीं पाते थे. जगह खरीदी करने के बाद निर्माण कार्य की शुरूआत हुई. लेकिन शुरूआत में ही पहली मंजिल का स्लैब होने के पूर्व अमरावती मनपा द्बारा अनुमति न दिए जाने से निर्माण कार्य रूक गया. पश्चात 2017 के बाद अविनाश कोठाले अध्यक्ष और राजेंद्र जाधव उपाध्यक्ष में मनपा से अनुमति प्राप्त कर फिर निर्माण कार्य की शुरूआत की. इंजी. गावंडे का कहना है कि उनके कार्यकाल में बैंक की जगह लेकर बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हुआ. यह बात सफेद झूठ है.
* बेवजह बदनामी क्यों करना ?
मार्च 2017 का एनपीए 0 प्रतिशत दिखाया गया है. लेकिन 0 प्रतिशत एनपीए कभी हो ही नहीं सकता. अप्रैल 2017 में नया संचालक मंडल विराजमान हुआ तब उनकी पहली बैठक में ही 2017 की एनपीए की जांच की गई तब 8.15 करोड का एनपीए एकाउंट वैध माना ही नहीं गया. प्रत्यक्ष में उस समय सिस्टिम जनरेटेड एनपीए न निकलते वैसा दिखाया गया. यह पूरी तरह गलत था. वर्तमान में एनपीए बढा है, ऐसा कहा जाता रहा तो भी उस प्रमाण में सिस्टिम जनरेटेड 1.29 प्रतिशत एनपीए मार्च 2023 का है. जोकि आरबीआय के मानक के मुताबिक 3 प्रतिशत के भीतर है.
* प्रथम श्रेणी की जिजाऊ बैंक हैं
बैंक का विस्तार होना चाहिया था वैसा हुआ नहीं, ऐसा कहनेवालों बैंक का विस्तार चाहिए वैसा ही हुआ है. 2017 के बाद बैंक कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया गया. इसी कारण वेतन में बेतहाशा वृध्दि होने से मुनाफा कम हुआ. ब्याजदर कम कर ग्राहकों के हित का कार्य किया गया. ऐसे में कोरोना काल आने के बाद अन्य बैंक की तुलना में जिजाऊ बैंक ने 10 से 12 प्रतिशत लाभांश दिया है. इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण यानी प्रथम श्रेणी प्राप्त यह जिजाऊ बैंक है. इसमें डिपॉजिट (पूंजी) और कर्ज भारी मात्रा में वितरण करनेवाली यह बैंक है.
* पैसा नहीं समाज चाहिए
2011 से 2017 की कालावधि में 8 नई बैंकों की शाखा लाने की बात कही गई. लेकिन 2011 तक प्रस्ताव भेजना शुरू ही था. 2012 से 4 शाखा मिली. कोई भी आरबीआई को कौनसी भी बैंक शाखा पत्र लिखकर मांग नहीं सकता. 2011 तक बैंक की जो गतिविधियां हुई वह 100 करोड से अधिक व्यवहार रहने के कारण आरबीआई की तरफ से शाखाएं मिली.
* 2011 से 2023 तक कोई शाखा नहीं लाई गई
बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट अस्तित्व में आए बगैर नई शाखा नहीं मिलती. ऐसा नियम आरबीआई का रहने से इस नियम पर अमल जून 2021 में किया गया. जिजाऊ बैंक ही नहीं बल्कि अन्य कोई भी नागरिक बैंक को बैंक की नई शाखा खोलने की अनुमति नहीं मिली. इसी कारण बैंक की कोई भी शाखा न लाने के आरोप सफेद झूठ है. इस कारण ऐसे झूठे आरोपों का विचार कर वैचारिकता से अपना अमूल्य मतदान करना, यह मेरा समस्त मतदाताओं से अनुरोध है. प्रत्येक समाज बंधुओं के खुद के अधिकार जिजाऊ बैंक हैं. यह अधिकार बैंक के समस्त लोगों सहित नागरिकों ने हासिल कर दिए है. उनकी आर्थिक आवश्यकता समय पर पूर्ण करने का हमेशा ही प्रयास सहकार पैनल का रहा है और आगे भी ऐसा ही रहनेवाला है.