हत्या के अपराध से 4 आरोपी बाईज्जत बरी
जिला व सत्र न्यायालय का फैसला, गडगडेश्वर रोड, हनुमान मंदिर के पास की घटना
अमरावती दि.18 – स्थानीय खोलापुरी गेट पुलिस थाना क्षेत्र के गडगडेश्वर रोड, हनुमान मंदिर के पास विजय जाधव नामक युवक की आरोपी बजरंग रमेश अडइके, विजय शंकरराव वालसे, अर्जुन जानराव इंगोले व दिगंबर किशोर वाघमारे ने हत्या कर डाली थी. इस मामले में जिला व सत्र न्यायालय ने दोनों ही ओर की दलीले सुनने के बाद चारों आरोपियों को हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी कर दिया है. इस अपराध में शामिल आरोपी गोपाल तायडे व सुरेश स्वर्गे की मामला न्यायप्रविष्ठ रहते समय मृत्यु हो गई थी.
अदालत में दायर किये गए दोषारोप पत्र के अनुसार 17 अक्तुबर 2015 की दोपहर 3.30 बजे मृतक विजय जाधव का आरोपी के साथ शाब्दिक विवाद हुआ. इसके बाद रात 9.30 बजे शिकायतकर्ता व चाचा याने मृतक विजय जाधव मोटरसाइकिल से भोजन करने के लिए उनके रिश्तेदार दयाराम के हिंदू स्मशान भूमि के पास रहने वाले घर की ओर निकले. गांधी ग्राम आश्रम रोड से पांच क्वार्टर होते हुए गडगडेश्वर रोड के पास से हनुमान मंदिर के करीब से जा रहे थे. मंदिर के ओटे पर बजरंग अडईके, गोपाल तायडे, विजू वालसे, दिगांबर वाघमारे, सुरेश स्वर्गे, अर्जुन इंगोले बैठकर पार्टी मना रहे थे. शिकायतकर्ता व मृतक विजय जाधव वहां पहुंचे. तब आरोपियों ने गालियां देते हुए मोटरसाइकिल रोकने का प्रयास किया. परंतु जब शिकायतकर्ता व मृतक वहां से जाने का प्रयास कर रहे थे. तब आरोपी बजरंग ने उसके हाथ में रखा लोहे का पाइप मोटरसाइकिल के अगले चक्के में फेंका, जिससे वे दोनों नीचे जा गिरे. तब गोपाल तायडे ने उसके हाथ में रखा चाकू विजय जाधव के सीने पर दे मारा. उसके बाद दिगंबर वाघमारे ने उसके पास के चाकू से विजय के पेट पर वार किया. इसके बाद दिगंबर ने चाकू मारकर रास्ते पर रखा बडा पत्थर उठाकर विजय जाधव के सिर पर दे मारा. यह देखकर जान बचाते हुए शिकायतकर्ता वहां से भागकर पास में रहने वाली एक महिला के घर में शरण ली. तब महिला ने वहां जाकर देखा और उसके पिता को घटना के बारे में जानकारी दी. इसकी खबर मिलते ही शिकायतकर्ता के पिता, मौसेरे भाई और अन्य पडोसी भागते हुए गडगडेश्वर मंदिर के पास आये. इस समय विजय खुन से लतपत अवस्था में पडा था. पुलिस कंट्रोल रुम को घटना की सूचना देकर घायल को जिला अस्पताल लाया गया. मगर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया.
अदालत के समक्ष 9 गवाहों के बयान लिये गये. इस केस में गवाह घटनास्थल पर उपस्थित था, यह बात संदेहास्पद होने की बताई गई. गवाह और सबूत एक दूसरे से जोडे नहीं रहते इसपर अदालत ने दोनों ही ओर की दलीले सुनने के बाद संदेह का लाभ लेते हुए चारों आरोपियों को हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी कर दिया. एड. प्रशांत देशपांडे ने आरोपी विजय वालसे व दिगंबर वाघमारे तथा एड.परवेज खान ने आरोपी बजरंग अडइके व अर्जुन इंगोले की ओर से पैरवी की. उन्हेें एड.मोहित जैन, एड.गणेश गंधे तथा एड.अनिल जयस्वाल, एड.वसीम शेख, एड.शहजाद शेख, एड.रियाज रुलानी व एड.अजहर नवाज ने सहयोग किया.