साढे चार लाख रक्त नमूने की जांच, मलेरिया के 42 मरीज
मृत्यु संख्या कम हुई, मलेरिया की रोकथाम के लिए यंत्रणा सतर्क
अमरावती/दि.26– जिले में 2023 इस एक वर्ष की कालावधि में 4 लाख 74 हजार 426 मरीजो के रक्त नमूनो की जांच की गई. इनमें से 42 मरीजो की रिपोर्ट मलेरिया दूषित पाई गई है. 25 अप्रैल विश्व मलेरिया दिन निमित्त स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह आकडेवारी दी गई है. मलेरिया रोग की रोकथाम के लिए इस वर्ष विश्व की सुरक्षा के लिए गतिमान करें लडाई मलेरिया को हराने के लिए’ यह ब्रिदवाक्य विश्व स्वास्थ्य संगठना ने घोषित किया है. मलेरिया की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय किटकजन्य रोगनियंत्रण कार्यक्रम के तहत विविध उपाययोजना भी चलाई जा रही है.
मलेरिया यह प्लाझमोडियम नामक जिवाणू से होता है. विश्व में हर वर्ष 300 से 500 लाख लोगों को मलेरिया होता है. इस बीमारी में ठंड के साथ बुखार आना, पसिना आकर शरीर ठंडा पडना, लगातार बुखार आना अथवा एक दिन बाद बुखार आना, सिरदर्द, उलटी होना जैसे लक्षण दिखाई देते है. तथा मस्तिष्क के मलेरिया में तेज बुखार, तेज सिरदर्द, गर्दन अकडना, झटके आना, बेहोश होना जैसे लक्षण दिखाई देते है. इस कारण इस बीमारी से बचने के लिए नागरिको को आवश्यक उपाययोजना चलाने का आवाहन सीएस डॉ. दिलीप सौंदले, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश आसोले, मनपा वैद्यकीय अधिकारी डॉ. विशाल काले तथा जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. शरद जोगी ने किया है.
* प्रतिबंधात्मक उपाययोजना
पानी भंडारन के बर्तन अच्छी तरह ढंककर रखने, सप्ताह में एक बार सभी बर्तनो को अंदर-बाहर से स्वच्छ रखना चाहिए, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए, घर के आसपास का परिसर स्वच्छ रखें और घर के पास के डबके बुझाए और खिडकियों पर जाली लगाएं.
* ऐसे होता है मलेरिया का प्रसार
मलेरिया का प्रसार एनीफिलिस जाति के मादा मच्छर के जरिए होता. इन मच्छरो की उत्पत्ति स्वच्छ रखे पानी में होती है. मच्छर मलेरिया मरीज को काटा तो रक्त के साथ मलेरिया के जंतू मच्छर के पेट में जाते है. वहां बढोतरी होकर यह जंतू मच्छरो की लार से निरोगी मनुष्य के शरीर में जाते है.
* जिले में 6 वर्षो की आंकडेवारी
वर्ष जांच किए रक्त नमूने दूषित रक्त नमूने
2019 451766 31
2020 455194 13
2021 317164 28
2022 400757 60
2023 474426 42