अमरावती

6 करोड का घोटाला चार गिरफ्तार

लेकिन एक साल से जांच बंद

आर्थिक अपराध शाखा की जांच पर सवालियां निशान
वर्धा/दि.11- वर्धा के सरकारी निर्माण कामगार कार्यालय में 6 करोड रुपए का घोटाला होने की बात आर्थिक अपराध शाखा की जांच में सामने आई थी. पुलिस ने तत्कालीन सरकारी कामगार अधिकारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया. लेकिन पिछले एक साल से जांच बंद किए जाने से आर्थिक अपराध शाखा की जांच पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया जा रहा है. पुलिस अधीक्षक व्दारा खुद ध्यान देकर जांच करने की आवश्यकता है.
तत्कालीन कामगार अधिकारी पवनकुमार चव्हाण के कार्यकाल में 18 हजार 218 बांधकाम कामगारों को 23 करोड 5 लाख 65 हजार रुपए का अनुदान इमारत व अन्य बांधकाम कल्याणकारी मंडल के कार्यालय के जरिए वितरीत किया गया था. इस अनुदान वितरण में 6 करोड रुपए का घोटाला होने की बात आर्थिक अपराध शाखा की जांच में स्पष्ट हुई थी. इस प्रकरण में तत्कालीन सरकारी कामगार अधिकारी पवनकुमार चव्हाण सहित कामगार कार्यालय के कर्मचारी जगदीश कडू तथा राणी दुर्गावती कामागार मंडल के अध्यक्ष व सचिव को गिरफ्तार किया था. लेकिन उसके बाद एक साल बितने के बावजूद जांच आगे नहीं बढी है. इस कारण इस प्रकरण में पुलिस व्दारा जांच में क्यों लापरवाही बरती गई यह प्रश्न निर्माण होता है. पुलिस अधीक्षक नुरुल हसन व्दारा इस प्रकरण में ध्यान देकर गहन जांच करने की आवश्यकता है.
एक ही संगठना के अध्यक्ष, सचिव पर कार्रवाई
बोगस कामगार दिखाकर 6 करोड रुपए का घोटाला करने के प्रकरण में जिले के 26 बांधकाम कामगार संगठना के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सचिव संदेह के घेरे में मिले थे. पुलिस ने राणी दुर्गावती कामगार संगठना के कार्यालय में छापा मारकर फर्जी मुहर और दस्तावेज जब्त किए थे. अध्यक्ष सहित एक सदस्य को गिरफ्तार भी किया था. लेकिन बाद में खिचडी कहां पकी अन्य संगठना की तरफ पुलिस ने देखा तक नहीं. इस कारण अन्य संगठनाओं का क्या ऐसा प्रश्न निर्माण हो रहा है.
किसके दबाव में जांच रुकी?
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल में फर्जी कामगार दिखाकर करोडों रुपए का घोटाला करने के प्रकरण में मामला दर्ज हुआ. आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही थी. लेकिन एक साल बितने के बाद भी यह जांच ‘जैसे थेे’ अवस्था में है. इस कारण किसके दबाव में जांच रोकी गई यह सवाल उपस्थित किए जा रहे है.

Related Articles

Back to top button