अमरावतीमुख्य समाचार

चार दिन बाद नलों से टपका पानी

अपर झोनवाले इलाकों में शुरू हुई जलापूर्ति

* रहाटगांव के निकट हुए लिकेज की दुरूस्ती का काम हुआ पूरा
* लोअर झोनवाले इलाकों में कल से छोडा जायेगा पानी
* छह दिन से लोअर झोन तरस रहा बूंद-बूंद पानी के लिए
अमरावती/दि.13– विगत शुक्रवार 10 जून की सुबह रहाटगांव के निकट जीवन प्राधिकरण की सिंभोरा बांध से अमरावती तक पानी पहुंचानेवाली मुख्य पाईपलाईन में लिकेज को गया था. जिसके चलते शुक्रवार से अमरावती शहर के सभी इलाकों में जलापूर्ति बंद रही. वहीं रविवार की शाम तक पाईपलाईन में हुए लिकेज को दुरूस्त कर लिया गया है. जिसके बाद सिंभोरा बांध से अमरावती के राजुरा परिसर स्थित जलशुध्दीकरण केंद्र तक पानी पहुंचाने का काम शुरू किया गया. साथ ही शहर के अलग-अलग स्थानों में स्थित पानी की टंकियों तक पानी चढाया गया. जिसके चलते शहर के अपर झोन में शामिल इलाकों में आज सोमवार 13 जून की सुबह से जलापूर्ति करनी शुरू की गई. ऐसे में अपर झोनवाले इलाकों में करीब चार दिन बाद जीवन प्राधिकरण के नलों से पानी टपका. वहीं लोअर झोन में शामिल रहनेवाले इलाकों में कल मंगलवार 14 जून से जलापूर्ति शुरू की जायेगी. यानी लोअर झोनवाले इलाकों को नलों से आनेवाले पानी का दर्शन करने के लिए अभी और एक दिन का इंतजार करना होगा. उल्लेखनीय है कि, पिछली बार जलवाहिनी में हुए लिकेज की वजह से जलापूूर्ति बंद रहने के चलते जिस तरह का हाहा:कार अपर झोनवाले इलाकों में मचा था, उसी तरह का हाहा:कार इस बार लोअर झोनवाले इलाकों में मचा हुआ है. क्योंकि लोअर झोन में 8 जून को आखरी बार जलापूर्ति की गई थी और 10 जून को जलापूर्ति होनी थी, लेकिन 10 जून को ही पाईपलाईन में लिकेज हो गया और 10 जून को होनेवाली जलापूर्ति नहीं हुई. इसके उपरांत लिकेज की दुरूस्ती का काम जारी रहने के चलते लोअर झोनवालो इलाकों में 12 जून को भी जलापूर्ति नहीं हुई और इन इलाको में अब 14 जून को जलापूर्ति की जायेगी. यानी लोअर झोन में शामिल रहनेवाले इलाके विगत छह दिनों से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गये है. हालांकि जीवन प्राधिकरण द्वारा दावा किया गया है कि, यदि पानी की टंकियों में अपेक्षित जलसंग्रहण होता है, तो सोमवार की दोपहर पश्चात लोअर झोन के भी कुछ इलाकों में जलापूर्ति की जायेगी. परंतू ऐसा होने की उम्मीद बेहद कम है.
* मजीप्रा की गलती का खामियाजा भुगतना पडा शहर को
उल्लेखनीय है कि, विगत 3 जून को रहाटगांव के निकट मजीप्रा की मुख्य जलवाहिनी में लिकेज हो गया था. जलवाहिनी का एक पाईप काफी जर्जर हो जाने के चलते उसमें पहले लिकेज हुआ और फिर वह पाईप फूट गया, ऐसा उस समय जीवन प्राधिकरण द्वारा स्पष्ट किया गया था. पश्चात तीन दिन तक चले दुरूस्ती कार्य के बाद उस पाईप के हिस्से को बदल दिया गया. लेकिन दुरूस्ती कार्य करते समय पाईप के भीतर रबडी गास्केट व्यवस्थित ढंग से नहीं लगाये जाने के चलते 10 जून को दुबारा उसी जगह पर जलवाहिनी फूट गई और करीब चार दिन तक अमरावती व बडनेरा शहर की जलापूर्ति बंद रही. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विगत 3 जून को पाईपलाईन फूटने के बाद दुरूस्ती कार्य करते समय मजीप्रा द्वारा की गई गलती और लापरवाही का नतीजा 10 जून से 13 व 14 जून तक अमरावती शहरवासियों को भुगतना पडा. जिसके तहत अपर झोन में शामिल इलाकों को चार दिन तक और लोअर झोन में शामिल इलाकों को 6 दिन तक जलापूर्ति से वंचित रहना पडा.

* एक-एक दिन की आडवाली जलापूर्ति बनी सिरदर्द
उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर में जीवन प्राधिकरण द्वारा एक-एक दिन की आड लेकर जलापूर्ति की जाती है. जिसके चलते पाईपलाईन में होनेवाले लिकेज अथवा अन्य किसी भी तरह की देखभाल व दुरूस्ती के नाम पर जलापूर्ति को बंद रखे जाने की वजह से शहरवासियों को चार से छह दिन तक पानी से वंचित रहना पडता है. यद्यपि जीवन प्राधिकरण द्वारा ऐसे कामों के लिए महज एक या दो दिन जलापूर्ति बंद रखे जाने की बात कही जाती है. किंतु हकीकत यह है कि, जीवन प्राधिकरण द्वारा चलाई जानेवाली ‘एकी-बेकी’ वाली व्यवस्था का खामियाजा शहर के आम नागरिकों को भुगतना पडता है. उदाहरण के तौर पर कहा जा सकता है कि, विगत शुक्रवार को शहर के लोअर झोन में जलापूर्ति होनी थी, जो पाईपलाईन में हुए लिकेज की वजह से नहीं हो पायी. ऐसे में पाईपलाईन के लिकेज की दुरूस्ती होने के बाद जीवन प्राधिकरण द्वारा आज सोमवार को सबसे पहले लोअर झोनवाले इलाकों में जलापूर्ति की जानी चाहिए थी. लेकिन सम व विषम संख्या यानी ‘एकी-बेकी’ वाली तारीखों को लेकर ‘लकीर का फकीर’ बन चुके जीवन प्राधिकरण द्वारा आज विषम संख्यावाली तारीख रहने के चलते अपर झोनवाले इलाकों में जलापूर्ति की गई और लोअर झोनवाले इलाकों में कल सम संख्यावाली तारीख पर ही जलापूर्ति शुरू की जायेगी.

* डेढ मीटर व्यासवाला ढाई मीटर लंबा पाईप बदला गया
जीवन प्राधिकरण के उपकार्यकारी अभियंता अजय लोखंडे द्वारा इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया गया कि, रहाटगांव के निकट जीवन प्राधिकरण की पाईपलाईन फूटने के बाद तुरंत ही उसे दुरूस्त करने का काम युध्द स्तर पर शुरू किया गया. जिसके लिए डेढ मीटर व्यासवाले ढाई मीटर लंबे पाईप को पूरी तरह से बदल दिया गया. लोहे से बने इस नये पाईप को लगाने हेतु पोकलैण्ड, जनरेटर, हाईड्रा व डीवॉटररिंग सेट सहित कुशल मनुष्यबल द्वारा दिन-रात काम किया जा रहा था. इसके अलावा अमरावती में अलग-अलग स्थानों पर पानी की 26 टंकिया है, जिन्हें दिनभर के दौरान तीन से चार बार भरा जाता है और रोजाना 40 से 50 दशलक्ष लीटर पानी का संग्रहण करते हुए उसे अमरावतीवासियों तक पहुंचाया जाता है.

* पानी के टैंकरों व कैन की मांग बढी
– सभी हैण्डपंप पर पानी के लिए लोगों का रहा जमावडा
विगत शुक्रवार को रहाटगांव के निकट जीवन प्राधिकरण की पाईपलाईन फूट जाने से पैदा हुई जलकिल्लत के चलते लोगबाग पानी के लिए तरस गये. वहीं इस स्थिति का फायदा उठाते हुए निजी टैंकरधारकों ने एक टैंकर पानी के लिए 2 हजार 500 रूपये का शुल्क लेना शुरू कर दिया, जबकि इससे पहले एक टैंकर पानी के लिए 1000 सेे 1500 रूपये का शुल्क लिया जाता था. ऐसे में शहरवासियों द्वारा मनपा से पानी के टैंकर दिये जाने की मांग करनी शुरू की गई और मनपा द्वारा विगत तीन दिनों के दौरान शहर में 60 स्थानों पर अपने टैंकरों के जरिये जलापूर्ति करना शुरू किया गया. मनपा के पास चार बडे व एक छोटे ऐसे कुल पांच टैंकर है. जिनके द्वारा अग्निशमन मुख्यालय के कुएं से पानी भरकर पानी की मांग रहनेवाले इलाकों में भेजा जा रहा है. हालांकि इसके लिए किसी निजी व्यक्ति से मांग आने पर मनपा द्वारा 500 रूपये प्रति टैंकर का शुल्क लिया जाता है. वहीं झोपडपट्टी परिसर के नागरिकों अथवा पूर्व पार्षदों द्वारा की जानेवाली मांग पर पानी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है. चूंकि इस समय मनपा के पास टैंकरों की संख्या काफी कम है. ऐसे में पूरे शहर को टैंकरों के जरिये जलापूर्ति करना संभव नहीं. ऐसे में जिन इलाकों में मनपा के टैंकर नहीं आ रहे, उन क्षेत्रों के नागरिकों द्वारा 2500 रूपये अदा करते हुए मजबूरी में निजी टैंकर धारकों से पानी खरीदा जा रहा है.
वहीं कई इलाकों में कपडे-बर्तन धोने और नहाने जैसी जरूरतों के लिए हैण्डपंप पर पानी हेतु लोगों की तौबा भीड है. साथ ही पीने हेतु साफ व मीठा पानी प्राप्त करने हेतु लोगबाग आरओ प्लांटधारकों के यहां चक्कर लगाते हुए पानी की कैन खरीद रहे है. इसमें भी पहले 25 रूपये में मिलनेवाली पानी की कैन के दाम अब 30 रूपये हो गये है. यानी कुल मिलाकर बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते लोगों को अब पानी की जरूरत पूरी करने के लिए बडे पैमाने पर अपनी जेब भी हलकी करनी पड रही है. वहीं आज से शहर के कुछ इलाकों में मजीप्रा द्वारा पानी की आपूूर्ति शुरू कर दिये जाने के चलते नागरिकों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली है.

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