अमरावतीमुख्य समाचार

चार जिला प्रमुख है मगर चारों के मुंह चार दिशा में है

अगर सभी एकजुट हुए तो चुनाव जीतने से कोई नहीं रोक सकता

* भाजपा कार्यकाल के पांच वर्ष में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ
* शिवसेना हमेशा जनहीत में आगे रही है
* जिन्हें कानून नहीं पता और काम नहीं ऐसे लोग भी शहर में माहौल बिगाडते है
* पूर्व सांसद अनंत गुढे ने विशेष साक्षात्कार व्दारा साधा निशाना
अमरावती/ दि.15– अमरावती जिले में शिवसेना के 4 जिला प्रमुख, एक महानगर प्रमुख है, मगर सभी के मुंह अलग-अलग चार दिशा में हैं. शिवसेना हमेशा ही जनहीत के कार्य में आगे रही है. अगर जिला प्रमुख व शहर प्रमुख एकजुट होकर एक मत से कार्य करते है तो आने वाले चुनाव में निश्चित ही शिवसेना की भारी जीत होगी. राजनीति करने से पहले हमे कानून का ज्ञान होना चाहिए. जो नेता के पास काम न हो वे ही बेफिजुल शहर में कभी पुतले स्थापित करने तो कभी किसी ओर नाम पर शहर का माहौल बिगाडने का काम करते हेै, ऐसा स्पष्ट आरोप भी ‘दैनिक अमरावती मंडल’ व्दारा लिए गए विशेष साक्षात्कार में पूर्व सांसद अनंतराव गुढे ने लगाया.
पूर्व सांसद अनंतराव गुढे ने चर्चा में आगे बताया कि, आगे होने वाले चुनाव कब होंगे, यह फिलहाल निश्चित तौर पर नहीं किया जा सकता. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया है कि हाईकोर्ट अगर निर्णय ले तो चुनाव जल्द ही हो सकते है. उन्होंने कहा कि मैं फिलहाल वर्धा संपर्क प्रमुख के रुप में काम संभाल रहा हूं. शिवसेना पार्टी ने मुझे वहां की जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने बताया कि, वर्धा में पहले कुछ काम नहीं था. उन्होंने जब से वहां की जिम्मेदारी संभाली वहां के काम बढ गए. उनकी मेहनत से सेलु में नगराध्यक्ष और वाशिम में उपाध्यक्ष चुनकर आया है.
मैंने बताया कि, अमरावती मनपा के चुनाव में कई वर्षों तक भाग लिया है. वे तीन बार सांसद के रुप में चुनकर आये. चुनाव कैसे लडा जाए, प्रत्याशी के लिए कैसा माहौल तैयार होना चाहिए, इस रणनीति की उन्हें अच्छी खासी जानकारी है. उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा कि, अमरावती जिले में 4 जिला प्रमुख हेै, 1 महानगर प्रमुख है, मगर सभी के मुंह चारों दिशा में हैं. वे एकदूसरे के साथ जुडे ही नहीं हैैं. अगर चुनाव के मद्देनजर वे एक साथ आकर काम करे तो अच्छी खासी मंजिल पर पहुंच सकते है. उन्होंने कहा कि, चुनाव आते ही नए-नए तरह की अफवाहें फैलने लगती है.
उन्होंने बताया, सच्चाई तो यह है कि, भारतीय जनता पार्टी बहुमत से यहां की सत्ता में रही है. मगर बीते 5 वर्ष में ही सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार मनपा में हुआ है. पिछले 25 वर्षों से शिवसेना के पार्षद कई पदों पर काम कर चुके है. उन्होंने लोगों की जिम्मेदारी समझते हुए काम किया है. शिवसेना प्रमुख स्वर्गीय बालासाहब ठाकरे की नीति भी यह रही है कि 30 प्रतिशत राजनीति और 80 प्रतिशत समाज के कार्य. इस नीति के तहत हम और हमारे पार्षद काम कर रहे है. फिलहाल की स्थिति को देखते हुए उन सभी को एकजुट होकर मैदान में उतरना चाहिए. शिवसेना के पार्षद 4 से 5 बार चुनकर आये, फिर भी उनमें एकता नहीं दिखाई देती. अगर वे एकसाथ आये तो कोई भी चुनाव दूर नहीं है. अच्छे से चुनाव लडते है तो मनपा में पहले से ज्यादा सफलता हासिल कर सकते हेै. पूर्व सांसद गुडे ने बताया कि, शिवसेना हमेशा जनकल्याण काम के लिए आगे रही है. चाहे किसी को ब्लड की जरुरत हो, कोरोना काल में सहायता चाहिए या किसी को भोजन कराना हो, इन सभी कामों में शिवसेना आगे है. जनता ने भी यह बात समझना चाहिए. इसी बल पर शिवसेना के पार्षद हमेशा जीतकर आये है. जनता ने भी शिवसेना के पार्षदों के काम देखकर उनका सहयोग करना चाहिए.
सांसद अनंतराव गुढे ने शहर की राजनीति पर रोशनी डालते हुए सीधा निशाना साधकर कहा कि, शहर में पुतले व अन्य बातों को लेकर जो माहौल बनाया, वह गलत है. अगर हम लोग लोकसभा या विधानमंडल में बैठते है तो हमें कानून की भी जानकारी होना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय व शासन ने इसके पहले पत्र जारी कर स्पष्ट किया िा कि, कोई भी महापुुरुष का पुतला रास्ते पर, ब्रिज पर स्थापित करने से पहले नियमानुसार अनुमति लेना जरुरी है. नाम न लेते हुए उन्होेंने स्पष्ट किया कि, शुुरु में ही गलत कदम उठाया गया. पहला तो यह कि उडानपुल पर अपनी मर्जी से पुतला स्थापित करना यह गलत है. दूसरी बात यह कि एक बडे अधिकारी पर हमला कर स्याही फेंकना यह गलत है. इसके बाद विधानमंडल में केस न लगाने का आग्रह करना. मुद्दा तो यह है कि, इसकी शुुरुआत किसने की. उन्होंने बताया कि मैं 15 वर्ष सांसद के रुप में केवल विकास के कामों को जोर देते रहा. जिनके पास काम नहीं है, वे लोग ही इस तरह के काम करते है. उन्होंने सवाल उपस्थित करते हुए कहा कि, 15 वर्ष में क्या विकास काम किये? विजय मिल कहा गई, कौन से बडे प्रोजेक्ट लाये, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई ने इतना बडा कारखाना लाया. मगर इसके बारे में कोई सवाल नहीं. पार्लियामेंट में केवल व्यक्तिगत समस्या रखी जाती है, जबकि आम जनता से जुडी समस्या, देश से जुडी समस्या के बारे में आवाज उठाना चाहिए, मगर ऐसा नहीं किया जाता.
कुछ लोग शहर का माहौल बिगाडने में माहिर है, लोगों को मुर्ख समझती है, मगर जनता सब जानती है. उन्होंने कहा कि अमरावती शहर सुशिक्षित लोगों का शहर है. अमरावमती एजुकेशन हब है. उन्होेेंने बताया कि, सांसद रहते समय उन्होेंने एमआईडीसी को बढावा दिया. आज वह एमआईडीसी फलफुल रही है. यहां नए उद्योग आ रहे है. यहां पर सबसे बडा कपडा मार्केट बना, जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा है कि, गलत माहोैल को दूर कर सही लोगों का साथ देना चाहिए. पांच वर्ष में एकबार वोट देते है, इसका गलत इस्तेमाल न हो इसपर राजनीति न की जाए, यह सोचने की नौबत अमरावती जिले में आयी है. विकास के लिए पार्टी भुलकर सभी जनप्रतिनिधि साथ में कदम बढाए, इससे जिले का अच्छा विकास हो सकता है. शहर में दुर्भाग्य से गालीगलौज का माहोैल बना. इस बात को जनता अच्छे से समझ ले, ऐसा भी आह्वान उन्होंने साक्षात्कार के माध्यम से किया.

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