मेलघाट के 71 गांव में ‘फोर-जी’ का जाल
कनिक्टिवीटी की शिकातय रहने वाले गांव के लिए बीएसएनएल के प्रयास
अमरावती/दि.1– आदिवासी बहुल क्षेत्र के रुप में पहचाने जाने वाले मेलघाट में फोन और इंटरनेट की रेंज न मिलने की शिकायतें आय दिन रहती है. लेकिन अब इस समस्या का निवारण करने के लिए बीएसएनएल ने प्रयास शुरु किए हैं. चिखलदरा और धारणी तहसील के 71 गांव में फोर-जी का जाल बिछाया जा रहा है.
मेलघाट यह पयर्टन दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण क्षेत्र है. घना जंगल और उंची पहाडियों के कारण यहां वन्यजीवों का वास्तव्य भी बडी संख्यां में है. इस कारण इस परिसर की रचना भी उंची है. नदी-नाले और वनसंपदा भी इस परिसर में बडी मात्रा में है. इस कारण मानसून में निर्माण होने वाले नैसर्गिक संकट का सामना करने के लिए यहां सुलभ सुविधा होना भी आवश्यक है. इसी के लिए बीएसएनएल ने प्रयास शुरु किए हैं. अनेक बार कोई भी नैसर्गिक आपदा आने पर स्थानीय यंत्रणा को जिलास्तर पर राजस्व और आपदा निवारण यंत्रणा के साथ संपर्क करना पडता है. लेकिन इंटरनेट का जाल कमजोर रहने से यह संपर्क इसके पूर्व नहीं हो पाता था. इस कारण अनेक दुविधा का सामना भी संबंधित यंत्रणा को अब तक करना पडा है. लेकिन अब वैसी दुविधा निर्माण नहीं होगी, ऐसा बीएसएनएल का कहना है. इसके लिए सभी 71 गांव में उंचे टॉवर निर्माण का काम शुरु किया गया है. 8 गांवों में यह काम पूर्ण भी हो गया है. यह यंत्रणा अस्तित्व में आने के बाद मेलघाट में मोबाइल और इंटरनेट की गति की दुविधा दूर हो जाएगी. इस कारण नागरिकों को होने वाली परेशानी अब कम होने वाली है.
* आठ गांवों में टॉवर खडे हुए
मेलघाट के 71 गांव में फोर-जी का जाल बिछाने का काम केंद्र शासन के आत्मनिर्भर भारत प्रकल्प के तहत शुुरु किया गया है. इसके तहत अब तक डिजिटल विलेज हरिसाल, बारुतांडा, चाकर्दा, खार्या टेंभरु, कोटंबी, नागझीरा, दाभाखेडा, ढाकरमल ऐसे 8 गांव में टॉवर का निर्माण पूर्ण हो गया है.
* दिसंबर तक होगा काम पूर्ण
मेलघाट समेत चांदूर रेलवे, वरुड, मोर्शी, नांदगांव खंडेश्वर तहसील में भी ‘फोर-जी’ की सेवा दी जाने वाली है. इसके लिए कुल 91 टॉवर खडे किए जा रहे है. जून 2024 तक यह सेवा शुरु हो जाएगी. इसके पूर्व दिसंबर के अंत तक सभी टॉवर खडे हो जाएंगे.
– यू. गुल्हाने,
महाप्रबंधक, बीएसएनएल