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राज्य के राजनीतिक भूकंप में चार ‘संजय’ भारी

चारों ‘संजय’ का है विदर्भ क्षेत्र से वास्ता

अमरावती/दि.22- शिवसेना के वरिष्ठ नेता व मंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा बगावत का झंडा बुलंद किये जाते ही राज्य की राजनीति में भूकंप आ गया है और इस भूकंप में विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले चार ‘संजय’ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई है. ये चार ‘संजय’ यानी मेहकर के सेना विधायक डॉ. संजय रायमूलकर, बुलडाणा के सेना विधायक संजय गायकवाड, दिग्रस के सेना विधायक व पूर्व मंत्री संजय राठोड तथा जलगांव जामोद के भाजपा विधायक संजय कुटे है.
उल्लेखनीय है कि, विधान परिषद का चुनावी नतीजा घोषित होते ही शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे कई सेना विधायकों को अपने साथ लेकर नॉट रिचेबल हो गये. बाद में पता चला कि, वे अपने समर्थक विधायकों को लेकर गुजरात के सूरत पहुंच गये थे. जहां से आज सुबह इन सभी बागी विधायकों के सूरत से निकलकर गुवाहाटी पहुंच जाने समाचार सामने आया. शिंदे के साथ रहनेवाले विधायकों में बुलडाणा के सेना विधायक संजय गायकवाड व मेहकर के सेना विधायक डॉ. संजय रायमूलकर का समावेश है. वहीं शिंदे समर्थक विधायकों की सूची में सेना विधायक एवं पूर्व मंत्री संजय राठोड के नाम का भी समावेश था, लेकिन कल पूरे दिनभर चले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच संजय राठोड के मुंबई में ही रहने और मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में राठोड के उपस्थित रहने की खबर सामने आयी.
वहीं दूसरी ओर शिवसेना में हुई इस बगावत का फायदा उठाने के लिए भाजपा भी पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रही है और शिवसेना से बगावत करनेवाले एकनाथ शिंदे सहित सेना के बागी विधायकों से संपर्क साधने की जिम्मेदारी भाजपा द्वारा अपने विधायक संजय कुटे पर सौंपी गई है. जिसके चलते विधायक संजय कुटे गत रोज सूरत पहुंचे. जहां पर उनकी मंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा भी हुई. साथ ही उन्होंने गुजरात केे भाजपा नेताओं से भी संपर्क किया.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, बुलडाणा जिले के 2 व यवतमाल जिले के 1 सेना विधायक इस समय ‘नॉट रिचेबल’ बताये जा रहे है. इन दोनों जिलों में शिवसेना के ही सांसद है. परंतु वाशिम-यवतमाल क्षेत्र की सांसद भावना गवली और बुलडाणा के सांसद प्रताप जाधव को इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं रहने की बात सामने आयी है. ऐसे में इन दोनों जिलों के सेना पदाधिकारी व कार्यकर्ता काफी संभ्रम में दिखाई दे रहे है कि, आखिर वे किसकी भूमिका का समर्थन करे.

* कांग्रेस के भी 10 विधायक बगावत की तैयारी में
इस समय जहां एक ओर सेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के करीब तीन दर्जन विधायकों द्वारा बगावत कर दिये जाने के चलते शिवसेना सहित महाविकास आघाडी की सरकार में पहले ही हडकंप मचा हुआ है. वहीं अब पता चला है कि, महाविकास आघाडी का हिस्सा रहनेंवाली कांग्रेस के भी दस विधायक पार्टी छोडने की मानसिकता में दिखाई दे रहे है. गत रोज खुद महाविकास आघाडी के मंत्री एवं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस बारे में संकेत दिये है. जिसके चलते अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, राज्यसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव केे नतीजों ने महाविकास आघाडी के भीतर चल रहे अंतर्कलह व टकराव की स्थिति को पूरी तरह से उजागर कर दिया. जब दोनों ही चुनाव में सत्ताधारी दल के विधायकों ने आघाडी प्रत्याशी की बजाय विपक्ष के प्रत्याशियों को मतदान किया और भाजपा प्रत्याशियों की जीत हुई. वहीं अब पता चला है कि, मंत्री विजय वडेट्टीवार के नेतृत्व में ही पार्टी के दस विधायकों द्वारा ‘इधर से उधर’ होने की तैयारी की जा रही है. साथ ही साथ कांग्रेस के विधानसभा के गुटनेता बालासाहब थोरात भी अपने पद से इस्तीफा देने की मानसिकता में बताये जा रहे है. ऐसे में साफ है कि, शिवसेना के साथ-साथ अब कांग्रेस भी बिखराव की कगार पर दिखाई दे रही है. विधान परिषद चुनाव में पार्टी प्रत्याशी चंद्रकांत हंडोरे की अनपेक्षित हार एवं चुनावी नतीजे के बाद तेजी से घटित हो रहे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि, विधान परिषद के लिए कांग्रेस की ओर से क्या रणनीति तय की गई थी यह मुझे अब तक कुछ समझ में नहीं आ रहा.

 

 

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