जिले की चार तहसीलें सहायता राशि से वंचित
अचलपुर, दर्यापुर, भातकुली व अंजनगांव सूर्जी का समावेश
अमरावती/दि.2- जिले की अचलपुर, दर्यापुर, भातकुली व अंजनगांव सूर्जी इन चार तहसीलों के किसानों को अब तक सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है. जिसके चलते इन क्षेत्रों के किसानों द्वारा सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया जा रहा है. साथ ही मूसलाधार बारिश व अतिवृष्टि के चलते नुकसान होने के बावजूद अब तक मदद क्यों नहीं दी गई, यह सवाल पूछा जा रहा है. पता चला है कि, दर्यापुर तहसील के केवल 387 किसानों को ही मदद मिली है. वहीं इस तहसील के अन्य किसानों सहित शेष तीन तहसीलों में अतिवृष्टि की वजह से फसलों का नुकसान ही नहीं होने की रिपोर्ट प्राप्त होने की वजह से उनके लिये कोई सहायता राशि सरकार से नहीं आने की बात स्थानीय प्रशासन द्वारा बताई गई है.
उल्लेखनीय है कि, जिले में अतिवृष्टि की वजह से सभी तहसीलों में खेती-किसानी का अच्छा-खासा नुकसान हुआ है. जिसके चलते किसान काफी परेशानी व दिक्कत में फंस गये और उनकी दीवाली काली होने का खतरा भी पैदा हो गया. ऐसी स्थिति में दीपावली के पहले सरकारी सहायता दिये जाने की घोषणा हुई और किसानों के बैंक खातों में सहायता राशि जमा करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई. ऐसे में जिले के सभी आपदा प्रभावित किसानों को सहायता मिलने की अपेक्षा थी. किंतु अचलपुर, भातकुली व अंजनगांव सूर्जी तहसीलों सहित दर्यापुर तहसील के कुछ गांवों को छोडकर अन्य गांवों के किसानों तक दीपावली के बाद भी मदद नहीं पहुंचने के चलते किसानों में संभ्रम का वातावरण देखा गया. वहीं इसके बाद इन क्षेत्र के किसानों को सहायता से वंचित रखे जाने के संदर्भ में प्रशासन द्वारा बताई गई वजह पता चलने पर क्षेत्र के किसानों में अच्छा-खासा संताप निर्माण हो गया.
बता दें कि, राज्य सरकार द्वारा दी गई सहायता राशि के चलते जिले की 11 तहसीलों के 2 लाख 91 हजार 919 किसानों के लिए 533 करोड 14 लाख 65 हजार 314 रूपयों की सहायता मिली है. वहीं भातकुली, अंजनगांव सुर्जी व अचलपुर तहसीलों के सभी किसानों के साथ ही दर्यापुर तहसील के कुछ गांवों को छोडकर अन्य गांवों के किसान इस सहायता राशि से वंचित है. इन सभी क्षेत्रों के किसानों का कहना है कि, बाढ व बारिश की वजह से उनका भी खेती-किसानी में काफी नुकसान हुआ है. लेकिन प्रशासन द्वारा उनके नुकसान का सर्वेक्षण और पंचनामा ही नहीं किया गया है. जिसका खामियाजा अब उन्हें उठाना पड रहा है.