अमरावती

परतवाडा-अमरावती-यवतमाल-करंजी मार्ग फोरलेन करें

किरण पातुरकर की अपनी ही पार्टी की सरकार से मांग

अमरावती/दि.5-परतवाड़ा-अमरावती-यवतमाल-करंजी यह रास्ता राष्ट्रीय महामार्ग घोषित कर उसे फोरलेन किया जाए, ऐसी मांग भारतीय जनता पार्टी अमरावती के शहराध्यक्ष व एमआइडीसी इंडस्ट्रीयल असोसिएशन के अध्यक्ष किरण पातुरकर ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस एवं सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री रविंद्र चव्हाण से की है.
पातुरकर ने भेजे गए निवेदन में कहा है कि यह रास्ता तैयार होने पर करंजी, अमरावती, बैतुल व समृद्धि महामार्ग (शिवणी रसुलापुर, शिंगणापुर त. नांदगांव खंडेश्वर) यह जोड़ा जाएगा. जिसके चलते उत्तर में मध्यप्रदेश व दक्षिण में तेलंगाना भी एक-दूसरे से इस रास्ते द्वारा जोड़े जाएंगे. फिलहाल परतवाड़ा से अमरावती यह राज्य महामार्ग दोरास्ता होकर इस रास्ते की देखभाल सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग द्वारा की जा रही है. यह रास्ता पर काफी भीड़ रहती है. जिसके चलते समय अधिक लगता है व दुर्घटना होने का भय रहता है. अमरावती शहर की पहचान कपड़ों के लिए व संतरा उत्पादन के लिए बड़े बाजारपेठ के रुप में है. जिसके चलते दूर-दूर से लोग अमरावती आते हैं. यह रास्ता दुरस्ता होने से बैतुल, खंडवा, परतवाड़ा, यवतमाल से लोगों को अमरावती आना तकलीफदायक होता है. इसलिए दुर्घटनाएं भी बड़े पैमाने पर होती है.
सरकार ने समृद्धि महामार्ग का पहला चरण शिर्डी तक शुरु किया है. दूसरा चरण शीघ्र ही शुरु होने वाला है. समृद्धि महामार्ग से अमरावती व यवतमाल यह दोनों शहर साधारणतः 45 कि.मी. दूरी पर है. और इस महामार्ग को जोड़ने के लिए परतवाड़ा, अमरावती व यवतमाल यह दोरास्ता राज्य महामार्ग होने से समृद्धि महामार्ग तक पहुंचने में समय अधिक लगता है. दुर्घटनाओं की संभावना भी रहती है.
किरण पातुरकर ने पत्र में कहा है कि अमरावती-यवतमाल-परतवाड़ा यह विदर्भ के महत्वपूर्ण शहर है और उन्हें यदि एक-दूसरे से चार पदरी महामार्ग से जोड़ा गया तो मध्यप्रदेश के बैतुल व खंडवा एवं तेलंगाना के हैदराबाद एकदूसरे से जोड़े जाकर अमरावती जिले के व्यापारियों की समस्या हल होकर विदर्भ की आर्थिक स्थिति में सुधार होने में मदद हो सकती है. जिसके चलते परतवाड़ा-अमरावती-नेर- यवतमाल-करंजी इन रास्तों को राष्ट्रीय महामार्ग के रुप में घोषित कर चौरास्ता करने पर विचार किया जाए, ऐसा होने पर परतवाड़ा-अमरावती- यवतमाल मार्ग के बड़े पेड़ों को तोड़ने की भी आवश्यकता नहीं होगी.इस तरह की डिजाईन भी तैयार करने की मांग उन्होंने की है. साथ ही इस रास्ते का नक्शा व डिजाईन भी निकालकर उन्होंने भेजी है.

Related Articles

Back to top button