मृत महंत को जीवित बताकर चैरिटी कमिश्नर से फ्रॉड
जिला न्यायालय का सीपी को जांच का हुक्म
* मामला डीसीपी साली को सौंपा, 15 दिनों में कर देंगे हुक्म की तामील-सीपी
अमरावती/दि.25- अंबा देवी परिसर के बालाजी मंदिर संस्थान के मृत महंत लालदास गुरु मथुरादास उर्फ लालमन पांडे को जीवित दर्शाकर शहर के कुछ वकीलों को साथ लेकर राकेश पांडे ने स्वयं को संस्थान का विश्वस्त नियुक्त कर लिया था. इस बारे में महंत के मानस पुत्र एड. राजीव गुप्ता की शिकायत पर जिला व सत्र न्यायालय ने पुलिस आयुक्त को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. दो सप्ताह में सीपी को अपनी कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट के सामने देनी है. खबर है कि सीपी नवीनचंद्र रेड्डी ने आज ही इस मामले में आयुक्तालय में बैठक लेकर सीटी कोतवाली के थानेदार व अन्य अफसरान से चर्चा की. कानूनी पहलूओं को डिसकस किया. डीसीपी विक्रम साली को पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं. सीपी ने अमरावती मंडल को बताया कि कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है. कोर्ट के आदेश का पालन होगा. कागजात का अवलोकन और जांच डीसीपी साली कर रहे हैं.
* क्या है प्रकरण
बालाजी संस्थान (पंजीयन संख्या 1814) के महंत लालदास उर्फ लालमन रामखिलावन पांडे मुख्य विश्वस्त थे. 1 मई 2021 को उनका निधन हो गया. एक माह बाद राकेशकुमार पांडे ने एड. प्रमोद बोथरा के माध्यम से सहायक धर्मदाय आयुक्त कार्यालय के 23 जून 2021 का ेआवेदन दाखिल किया. जिसमें महंत ने 14 जून 2021 को मुख्य ट्रस्टी पद का त्यागपत्र देने और उसका नोटरी कर सम्मति पत्र, प्रतीज्ञा पत्र, पुर्सिस दाखिल किया. सहायक धर्मदाय आयुक्त ने सभी कागजात अवलोकन पश्चात राकेश पांडे का आवदेन मंजूर कर उन्हें मुख्य ट्रस्टी नियुक्त कर दिया.
* राजीव गुप्ता को ऐतराज
महंत के मानस पुत्र एड. राजीव गुप्ता को इस बारे में जानकारी मिली. उन्होंने देखा कि राकेश पांडे ने बनावटी और झूठे कागज पत्र तैयार कर संस्थान में स्वयं को नियुक्त कर लिया है. जिस पर गुप्ता ने आपत्ति उठाई. उन्होंने विगत 2 सितंबर 2021 को सीटी कोतवाली में शिकायत दी. तत्कालीन थानेदार नीलिमा आरज ने संबंधित प्रकरण में उच्च न्यायालय के निर्देशानुरुप जांच की. कुछ दिनों में तत्कालीन एसीपी भारत गायकवाड ने प्रकरण की जांच कर आयुक्त कार्यालय मामला भेज देने का पत्र एड. राजीव गुप्ता को भेजा. उपरांत मामला आयुक्त कार्यालय में प्रलंबित है.
* निचली अदालत ने ठुकराया
राजीव गुप्ता ने प्रकरण प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की कोर्ट में दायर करना चाहा. उन्होंने धारा 156 (3) के अनुसार इस मामले में कार्रवाई की विनंती कोर्ट से की. किंतु निचली अदालत ने उनका आवेदन नामंजूर किया. तब गुप्ता ने जिला व सत्र न्यायालय में रिविजन याचिका दायर की.
* कोर्ट का 16 अक्तूबर को आदेश
जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 5 ने गत 16 अक्तूबर को संबंधित प्ररकण में सबूतों को ध्यान में रखकर प्रतिपक्षी राकेश पांडे, एड. आशीष कोठारी, एड. आकाश मालू, एड. नितिन कोल्हटकर और एड. प्रमोद बोथरा के विरुद्ध दायर आवेदन पर आदेश जारी किया. जिसके अनुसार पुलिस आयुक्त को दो सप्ताह में प्रकरण का निपटरा करना है. शिकायतकर्ता का समाधान नहीं हुआ तो धारा 156 (3) के अनुसार जांच व कानूनी कार्रवाई करने का आदेश में उल्लेख है. राजीव गुप्ता की तरफ से एड. पंकज ताम्हणे ने संबंधित आदेश की काफी गत 19 अक्तूबर को सीपी को सौंपी. सीपी रेड्डी ने बताया कि इस प्रकरण में पहले जांच हो चुकी है. सहायक आयुक्त को अहवाल मांगा जा रहा है. विधि अधिकारियों से योग्य सलाह लेकर कार्य किया जाएगा.