अमरावती

समग्र शिक्षा अभियान के तहत होगा नि:शुल्क पुस्तकों व गणवेश का वितरण

शाला के पहले दिन विद्यार्थियों को मिलेंगे गणवेश व पुस्तके

अमरावती/दि.19- समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत शालेय पाठ्यपुस्तकों व स्वाध्याय पुस्तिकाओं का बालभारती द्वारा विद्यार्थियों को नि:शुल्क वितरण किया जाता है. साथ ही पात्र लाभार्थी छात्र-छात्राओं को शालेय शिक्षा विभाग द्वारा गणवेश का भी वितरण किया जाता है. इस हेतु शालेय शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष कुछ ऐसा नियोजन किया जा रहा है, ताकि शैक्षणिक सत्र के पहले ही दिन शाला खुलते ही विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश व नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जा सके. जिसके लिए जिला परिषद ने बालभारती के पास करीब 9 लाख 89 हजार 757 पुस्तकों की मांग दर्ज करायी गई थी, जिनकी आपूर्ति सरकार एवं बालभारती द्वारा कर दी गई है. साथ ही पात्र लाभार्थी छात्र-छात्राओं हेतु नि:शुल्क गणवेश भी उपलब्ध कराये जा रहे है.
उल्लेखनीय है कि, शैक्षणिक सत्र के पहले दिन विद्यार्थियोें को नई पुस्तके व नये गणवेश उपलब्ध कराने पर विद्यार्थियों में पढाई को लेकर जोश व आनंद का निर्माण होता है. ज्ञात रहे कि, गत वर्ष कोविड संक्रमण की वजह से पैदा हुई दिक्कतों के चलते पुस्तकों की छपाई काफी विलंब से हुई थी. ऐसे में विद्यार्थियों को पुस्तके उपलब्ध कराने में भी देरी हुई थी. किंतु इस बार कोविड संक्रमण का असर काफी हद तक घट गया है और नया शैक्षणिक सत्र इस वर्ष अपने तय समय पर ही शुरू होगा. इस बात के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने नये शैक्षणिक वर्ष को ध्यान में रखते हुए अपना काम शुरू कर दिया है और शैक्षणिक सत्र के पहले ही दिन विद्यार्थियों के हाथ में पुस्तकें उपलब्ध कराने को लेकर नियोजन किया जा रहा है. जिसके तहत प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी शाला शुरू होने से पहले जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षा विभाग ने बालभारती के पास पाठ्यपुस्तकोेें को लेकर मांग दर्ज करायी है. साथ ही शाला शुरू होने के पहले ही दिन सभी विद्यार्थियों को पुस्तक वितरित करने का लक्ष्य शिक्षा विभाग द्वारा तय किया गया है, साथ ही विद्यार्थियों को शाला के पहले ही दिन नि:शुल्क गणवेश वितरित करने का भी नियोजन किया जा रहा है.

* जिले में विद्यार्थी संख्या व किताबों की जरूरत
इस वर्ष जिले में कक्षा 1 ली से 5 वीं तक 1 लाख 12 हजार 775 विद्यार्थी है. जिनके लिए 4 लाख 55 हजार 905 पुस्तकों की मांग बालभारती से की गई है. वहीं कक्षा छठवीं से आठवीं में पढनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 81 हजार 998 है. जिनके लिए 5 लाख 33 हजार 890 पुस्तकें बालभारती से मांगी गई है. शिक्षा विभाग के मुताबिक अमरावती जिले में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है.

* कक्षा 1 ली के विद्यार्थियों को दफ्तर के बोझ से छुट्टी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कक्षा 1 ली के सभी विषयों के लिए एक ही पुस्तक रहेगी और प्रत्येक तीन माह में यह पुस्तक बदलेगी, यानी कक्षा 1 ली के बच्चों को केवल एक पुस्तक लेकर ही स्कुल में जाना पडेगा और उन पर स्कुली बैग का कोई बोझ नहीं डाला जायेगा.

नि:शुल्क पुस्तक लाभार्थी
1,82,069 – मराठी माध्यम
42,451 – उर्दू माध्यम
1,809 – हिंदी माध्यम

* किसे मिलेगी पाठ्यपुस्तके
कक्षा 1 ली से 5 वीं तथा कक्षा 6 वीं से 8 वीं में पढनेवाले सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का लाभ दिया जाता है और सरकार द्वारा तय किये गये नियम के अनुसार पात्र लाभार्थी रहनेवाले विद्यार्थियों को सभी पाठ्यपुस्तके नि:शुल्क तौर पर उपलब्ध करायी जाती है.

* 59 हजार से अधिक विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश
नि:शुल्क गणवेश के लिए पात्र रहनेवाले विद्यार्थियों को नये शैक्षणिक सत्र में दो शालेय गणवेश दिये जायेंगे. जिसके लिए प्रति गणवेश 300 रूपये के हिसाब से दो गणवेश हेतु शालाओं को 600 रूपये का अनुदान दिया जाता है और शाला व्यवस्थापन समिती द्वारा संबंधित विद्यार्थियों को गणवेश की आपूर्ति की जाती है. इसके लिए अमरावती जिले के 3 करोड 59 लाख 34 हजार रूपये का अनुदान उपलब्ध कराया गया है.

* कब तक मिलेगी पुस्तकें
जिला परिषद प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा नि:शुल्क पुस्तकों के लिए समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से बालभारती के पास पुस्तकों के सेट की मांग की गई थी. जिसके अनुसार बालभारती द्वारा पुस्तकों की आपूर्ति की गई है. जिसका तहसील निहाय वितरण शुरू रहने की जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है. इस समय जिले की सभी 14 तहसीलों में पाठ्यपुस्तकों को पंचायत समिती के स्तर पर पहुंचाया जा रहा है.

* दो वर्ष रही कोरोना की दिक्कत
विगत दो वर्षों से कोविड संक्रमण के चलते बंद रहनेवाली शालाएं अब पूरी क्षमता के साथ शुरू हो गई है. किंतु गत वर्ष विद्यार्थियों को नि:शुल्क गणवेश व नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का लाभ नहीं हुआ था. किंतु इस बार 27 जून को शाला शुरू होने के पहले ही दिन विद्यार्थियों को दोनों प्रकार का लाभ मिलेगा. ऐसी जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है.

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