अमरावतीमहाराष्ट्र

अनाथों सहित आत्महत्याग्रस्त किसानों के परिवार के बच्चों को शिक्षा नि:शुल्क!

संत गाडगेबाबा की स्वप्नपूर्ति के लिए विद्यापीठ ने उठाया महत्वपूर्ण कदम

अमरावती /दि. 26– संत गाडगेबाबा के नाम से रही अमरावती विद्यापीठ में उनके उपदेश पर अमल होने के लिए अनाथ विद्यार्थियों के सहित आत्महत्याग्रस्त परिवार के सदस्यों को शुल्क माफी की सहूलीयत दी जानेवाली है. सिनेट और व्यवस्थापन परिषद ऐसे दोनों प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस निर्णय पर अमल करने की रचना तैयार करने के लिए विद्यापीठ ने एक समिति का गठन किया है.
सामाजिक बंधुभाव रखनेवाले प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई व प्रा. कैलास चव्हाण के प्रयासो से यह बात अस्तित्व में आनेवाली है. दोनो ही विद्यापीठ अधिसभा के सदस्य है. प्राचार्य डॉ. गवई ने अनाथ विद्यार्थी बाबत तथा प्रा. चव्हाण ने आत्महत्याग्रस्त किसानों के बच्चों के लिए जानकारी रखी थी. दोनो घटको के विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा न रहने से विद्यापीठ प्रशासन द्वारा संत गाडगेबाबा के दशसूत्री के एकसूत्र के रुप में यह बात स्वीकारने का अनुरोध किया था. सिनेट में मंजूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव विद्यापीठ के व्यवस्थापन परिषद के पास भेजा गया. इसमें भी मंजूरी मिलने से अब इस पर प्रत्यक्ष अमल किया जानेवाला है. लेकिन इसके पूर्व रचना निश्चित करनी रहने से इसके लिए विद्यापीठ ने एक समिति का गठन किया ैहै. यह समिति जल्द ही रचना निश्चित कर वैसी रिपोर्ट विद्यापीठ को प्रस्तुत करनेवाली है.
* आत्महत्या रोकने के प्रयास
किसानों की आत्महत्या के कारण अमरावती विभाग चर्चा में आया है. इस ओर देश का ध्यान केंद्रित किया है. किसान आत्महत्या रोकने के लिए संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ ने इसके पूर्व भी प्रयास किए है. राष्ट्रीय सेवा योजना में शामिल रहे विद्यार्थियों के माध्यम से किसान परिवार का सर्वेक्षण और उस आधार पर दयनीय स्थिति रहे किसानों का समुपदेशन, ऐसा प्रकल्प इसके पूर्व विद्यापीठ ने चलाया था. उन परिवार के विद्यार्थियों को शुल्क में सुविधा देने का उनका आगामी चरण है.
* आगामी सत्र से अमल
इस प्रस्ताव पर आगामी शैक्षणिक सत्र से अमल किया जानेवाला है. इसके लिए सभी महाविद्यालय के प्राचार्यों को पत्र भेजकर पदवी व उसके आगे की शिक्षा लेनेवाले अनाथ विद्यार्थियों की संख्या मंगवाई गई है. साथ ही प्रत्येक महाविद्यालय द्वारा वहां शिक्षा ले रहे आत्महत्याग्रस्त परिवार के विद्यार्थियों की संख्या भी भेजी जाए ऐसा कहा है.

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