अमरावती

गोकुलम में पशुओं का नि:शुल्क चिकित्सा शिविर कल

डॉ. हेमंत मुरके व विनय बोथरा ने दी जानकारी

अमरावती/दि.18 – राज्य के एकमात्र गौरक्षण जहां पशुओं की देखभाल के साथ उन पर चिकित्सा भी की जाती है, ऐसे कठोरा-चांदूर बाजार मार्ग स्थित गोकुलम में आगामी रविवार, 19 दिसंबर को एक दिवसीय नि:शुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है. 22वें चिकित्सा शिविर में गाय, बैल, भैंस, बकरी, भेंड, कुत्ते जैसे विभिन्न पशुओं का रोग निदान शल्यक्रिया व औषधोपचार किया जाएगा. फिलहाल इस शिविर के लिए 210 पशुओं का चिकित्सा हेतु पंजीयन किया गया है. यह जानकारी गोकुलम के प्रमुख डॉ. हेमंत मुरके व विनय बोथरा ने प्रेसवार्ता में दी.
स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए डॉ. मुरके व बोथरा ने बताया कि, कठोरा-चांदूर बाजार मार्ग पर स्थित गोकुलम गौरक्षण में गोकुलम के साथ मुंबई के आदी जीन युवक चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से यह शिविर लिया जा रहा है. अब तक विभिन्न राज्यों में गोकुलम के 21 शिविर पूर्ण हो चुके हैं. जिसमें स्थानीय पशु चिकित्सों के साथ गोकुलम की टीम ने अपनी सेवाएं दी. विदर्भ में पहली बार इस प्रकार के भव्य नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश के कोने-कोने से 225 डॉक्टरों की टीम सेवा देगी. इनमें 65 सर्जन का समावेश है. गौसेवा क्षेत्र में कार्यरत दानदाता, सामाजिक कार्यकर्ता व गणमान्यों की उपस्थिति में यह शिविर लिया जा रहा है. केवल यही नहीं, जरुरतमंद पशु पालकों को गोकुलम की ओर से ब्लैंकेट, पशुओं के लिए मिनरल मिक्चर, औषधियां उपलब्ध करवायी जाएंगी. यहां तक की जिन पशुओं की शल्यक्रिया होगी, उनकी देखभाल और औषधियों की जिम्मेदारी भी गोकुलम द्बारा उठायी जा रही है. शिविर का उद्घाटन रविवार, 19 दिसंबर की सुबह 10 बजे विभिन्न मान्यवरों की उपस्थिति में होगा.
गोकुलम में फिलहाल 350 गायें हैं. अब तक 3 हजार 500 गोमाताओं पर उपचार किया गया है. जिनमें से 375 गाय सुदृढ होने के पश्चात किसानों को सौंपी गयी हैं. विशेष यह कि, गोकुलम में आयोजित शिविर में विभिन्न कारणों से अपने पैर खो चुके पशुओं कोजयपुर फुट लगाया जाएगा. शिविर में 6 में से 3 पशुओं की चिकित्सा होगी. ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों द्बारा शिविर का लाभ लेने का अनुरोध आयोजकों ने किया है. प्रेसवार्ता मेें देवदत्त शर्मा, भारत मोहता, हितेश संघवी, चिंतन अदानी, सागर सावला, नीलेश रायचुरा, मोसमीबेन शाह, बेलाबेन मेहता, डॉ. सुनील सूर्यवंशी, विजय शर्मा आदि उपस्थित थे. इस उपक्रम को सफल बनाने डॉ. करुणा मुरके, जसवंतराज लुनिया, डॉ. वेदांत व डॉ. भक्ति मुरके सहयोग दे रहे हैं.

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