अमरावती /दि. २४– जैन तेरापंथ संघ के ११ वें आचार्य तुलसी के अनुव्रत अनुषाशता युग प्रधान आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री आलोककुमारजी मुनिश्री हीम कुमारजी मुनिश्री लक्ष्य कुमारजी द्वारा रविवार २६ फरवरी को सुबह ९ बजे से ११ बजे तक बडनेरा रोड स्थित श्री वर्धमान जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित नि:शुल्क सेमिनार का आयोजन किया है. अमरावती के समस्त जनमानस जिसमें महिला, पुरुष, विद्यार्थी बेटियां, बहुएं, व्यवसायी एवं प्रोफेशनल को आज के इस दैनिक जीवन के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में अपने अस्तित्व को बनाए रखने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इन सभी के बीच भौतिकवाद की चकाचौंध में इंसान भी बदल रहा है, सोच बदल रही है और उसका रवैया कार्य का तरीका सभी बदल रहा है. जिससे की समाज भी बदल रहा है. युग बदल रहा है. ऐसी स्थिति में मनुष्य स्वार्थ, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा आदि मनोवृत्ति के कारण अपनतव का भाव आपसी सहअस्तित्व भूल रहा है. जैसे मुझे सुख प्रिय है, वैसा भी औरों को भी प्रिय है. यह भूलकर वह आत्मकेंद्रीत हो गया है. जिससे वह चिंता, अवसाद ग्रस्त होकर अनेकों मानसिक व्याधियों के ग्रस्त हो गया है. अस्वस्थ हो गया है. स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है. इसलिए अणुव्रत आंदोलन द्वारा स्वास्थ्यव्यक्ति द्वारा स्वस्थ समाज का निर्माण करता है. ऐसा करने के लिए धर्म जात-पात से ऊपर उठ कर सभी जनमानस के लिए नि:शुल्क सेमिनार श्री वर्धमान जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित किया गया है. इस संदर्भ में एक सभा का आयोजन किया गया. जिसमें उक्त निर्णय लिया गया. सभा में सुरेश मुणोत, अनिल कोठारी, चंदू सोजतिया, सुभाष भंडारी, प्रकाश बैद, संजय आचलिया, अनिल सुराणा, सुरेश समदडिया, प्रकाश बोकडिया, सौरभ सेठिया, सुशील बोकडिया, नरेश कंठालिया, विनोद जांगडा, सुशील सेठिया, खींवसरा, इंदर सुराणा, प्रेम बोकड़िया, आदि सदस्यों ने शहर के समस्त समाज के जनमानस के लिए उपरोक्त कार्यक्रम का आयोजन कर सभी से उपस्थित का आह्वान किया है. यह सेमिनार नि:शुल्क है. और सभी के लिए खुला है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानव-मानव बने व इंसान में इंसानियत जागे, यह है.