अमरावती

जिला अस्पताल में 10 बालकों पर नि:शुल्क शस्त्रक्रिया

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की सफलता

अमरावती/दि.14 – सुनाई न देने अथवा बातचीत करते न आनेवाले बालकों पर शस्त्रक्रिया करने के लिए लाखों रुपए का खर्च आता हैं. लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसे विविध उपक्रम से यह शस्त्रक्रिया नि:शुल्क की जाती हैं. जिले में कॉक्लियर इम्प्लांट शस्त्रक्रिया 10 बालकों पर नि:शुल्क की जा रही हैं. इस कारण इन बालकों को सुनाई भी देगा और बोलने भी लगेंगे. कॉक्लियर इम्प्लांट शस्त्रक्रिया बालकों पर की जाती हैं. इस शस्त्रक्रिया के लिए 20 हजार से 5 लाख रुपए तक खर्च आता हैं. यह संपूर्ण खर्च राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल ने किया हैं.
बालक का जन्म होने के बाद उसे सुनाई न देता हो तो उसे बालने में तकलीफ होती हैं. क्योंकि उसने कुछ सुना न रहने से बालने की शैली ही पता नहीं चलती, ऐसे बालकों को सुनाई दे इसके लिए श्रवण यंत्र दिए जाते हैं. जन्म से ही बातचीत न कर सकने वाले 0 से 2 वर्ष के आयु के बालकों की जिलास्तर पर कान, नाक, घसा विशेषज्ञ के जरिए जांच की जाती हैं. जांच के बाद कॉक्लियर इम्प्लांट शस्त्रक्रिया की आवश्यकता रहे बालकोें पर राज्यस्तर से सामंजस्य करार हुए निजी अस्पताल में शस्त्रक्रिया की जाती हैं. कॉक्लियर इम्प्लांट शस्त्रक्रिया का खर्च करीबन 5 लाख 20 हजार हैं. यह महंगी शस्त्रक्रिया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क की जाती हैं. जिले में अभी तक कुल 10 बालकों को पर कॉक्लियर इम्प्लांट शस्त्रक्रिया नि:शुल्क की गई हैें. साथ ही 0 से 10 वर्ष आयु के 13 बालकों को अत्याधुनिक श्रवणयंत्र नि:शुल्क दिया गया हैं. साथ ही हृदयविकार 65 व अन्य 153 ऐसे कुल 218 शस्त्रक्रिया 7 माह में की गई हैं.

अन्य बालकों पर भी नि:शुल्क उपचार

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले में 1 अप्रैल 2013 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया गया. जिले में कुल 32 दल कार्यरत हैं. आंगनवाडी व शाला के बालकों की स्वास्थ्य जांच की जाती हैं. इसमें 0 से 6 वर्ष की आयु के आंगनवाडी के 2 लाख 22 हजार 913 बालकों की और 6 से 18 वर्ष आयु के शालेय 1 लाख 76 हजार 718 विद्यार्थी ऐसे कुल 3 लाख 99 हजार 631 जांच की गई. साथ ही 3 लाख 4 हजार 601 बालकों पर मामूली उपचार किया गया हैं.

हृदय तथा अन्य शस्त्रक्रिया नि:शुल्क

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग 1 से 18 वर्ष की आयु तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्वास्थ्य सेवा देता हैं. इस योजना के तहत बालकों की हृदय तथा अन्य शस्त्रक्रिया नि:शुल्क की जाती हैं. बातचीत और सुनाई न देने वाले 2 वर्ष की आयु के बालकों की महंगी शस्त्रक्रिया नि:शुल्क की जाती हैं. जिले में ऐसे 10 बालकों की सफल शस्त्रक्रिया की गई हैं.

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