नाम के लिए नि:शुल्क इलाज, सरकारी अस्पताल के पास निजी मेडिकल स्टोअर क्यों?
सरकारी अस्पताल में नहीं मिलती कई दवाईयां, मरीजों के परिजनों को बाहर से खरीदनी पडती है
अमरावती/दि.20 – गरीब व सर्वसामान्य वर्ग से वास्ता रखने वाले लोगबाग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पर निर्भर होते है. सरकारी अस्पतालों में रोजाना सैकडों मरीज इलाज के लिए आते है. जहां पर उनका पूरा इलाज नि:शुल्क होना अपेक्षित होता है. लेकिन कभी-कभी इन मरीजों को सरकारी अस्पताल में आवश्यक दवाईयां नहीं मिलती. जिसके चलते उनके परिजनों को अस्पताल के बाहर रहने वाले निजी मेडिकल स्टोअर से महंगी दवाईयां खरीदकर लानी पडती है, जिसके लिए उन्हें अपनी जेब से पैसा खर्च करना पडता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, सरकारी अस्पतालों में केवल नाम के लिए नि:शुल्क इलाज होता है.
उल्लेखनीय है कि, सरकारी अस्पताल में सरकारी औषध भंडार भी रहता है. जहां से सरकारी अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों के लिए दवाईयां उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन सबसे बडा सवाल यह है कि, सरकारी औषध भंडार रहने के बावजूद सरकारी अस्पताल के आसपास निजी मेडिकल स्टोअर की जरुरत क्योें पडती है. इसका सीधा जवाब यह है कि, कई बार सरकारी औषध भंडार में आवश्यक दवाईयां उपलब्ध ही नहीं होती. जिसकी वजह से मरीजों के रिश्तेदारों को अस्पताल के बाहर रहने वाले निजी मेडिकल स्टोअर से दवाईयां खरीदनी पडती है.
* जिला सामान्य अस्पताल के पास है 5 मेडिकल स्टोअर
स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल में समूचे जिले से गरीब व सर्व समाान्य वर्ग के मरीज इलाज हेतु भर्ती होते है. इस अस्पताल में भी सरकारी औषध भंडार है और अस्पताल के बाहर 4 से 5 निजी मेडिकल स्टोअर भी है. जहां पर जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों के परिजन दवाईयां खरीदते देखे जा सके है.
* ओपीडी के लिए ये दवाईयां जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं
– मानसिक रोग
जिला सामान्य अस्पताल के औषधी भंडार में फिलहाल मानसिक बीमारियों से संबंधित दवाईयों की किल्लत है. जिसकी मांग अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से की गई.
– त्वचा रोग
त्वचा से संबंधित विभिन्न बीमारियों के लिए आवश्यक रहने वाली दवाईयां भी फिलहाल जिला सामान्य अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.
– मुख से संबंधित बीमारियां
मुंह और दांत दुखने से संबंधित बीमारियां भी जिला सामान्य अस्पताल में उपलब्ध नहीं रहने के चलते मरीजों को बाहर मेडिकल से खरीदकर लाना पडता है.
– आंखों से संबंधित बीमारी
आंखों से संबंधित बीमारियों पर लगने वाले विविध ड्राप की भी सरकारी अस्पताल में किल्लत है. ऐसे में यह दवाईयां भी बाहर से खरीदनी पडती है.
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* आईपीडी में दवाईयां उपलब्ध
इस संदर्भ में जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन का कहना है कि, अस्पताल के आंतररुग्ण विभाग यानि आईपीडी में भर्ती करने वाले मरीजों हेतु आवश्यक सभी तरह की दवाईयों का स्टॉक अस्पताल में उपलब्ध है और किसी भी मरीज को बाहर से दवाई मंगाने की जरुरत नहीं है.
* महंगी दवाईयां बाहर से ही
वहीं कई मरीजों के परिजनों का कहना है कि, कुछ बीमारियों पर लगने वाली दवाईयां थोडी महंगी होती है, जो अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं होती, ऐसे में इन महंगी दवाईयों के लिए बाहर निजी मेडिकल स्टोअर में ही जाना पडता है और अपने पैसों से महंगी दवाईयां खरीदकर लानी पडती है.
* सरकारी अस्पताल में मरीजों को महंगी से महंगी दवाईयां भी उपलब्ध कराई जाती है और अस्पताल के औषध भंडार में सभी तरह की बीमारियों से संबंधित दवाईयां उपलब्ध है. इसके अलावा कौन व्यक्ति कहां पर निजी मेडिकल लगाता है, यह तय करने का अधिकार सरकारी अस्पताल प्रशासन के पास नहीं है.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्यचिकित्सक