* हव्याप्र मंडल की चाइल्ड लाइन की पहल
अमरावती/दि.20– सीता और गीता (हेमामालिनी), चलबाज़ (श्रीदेवी), बेटा (माधुरी दीक्षित), ऐसी अनेक फिल्मे में सौतेली माँ का अन्याय देखने को मिलता है. आखिरकार इस फिल्मो की समाप्ति के साथ सब कुछ ठीक हो जाता है जिस की वजह से सौतेली माँ के अन्याय की संवेदना भी समाप्त हो जाती है. लेकिन, जिन लोगों को असल जिंदगी में अपनी सौतेली मां का जुल्म सहना पड़ता है, उनके लिए जीना किसी दुख से कम नहीं है. ऐसे शोषितो लोगो के लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल की चाइल्ड हेल्पलाइन जिम्मेदारी के साथ काम कर उन्हें जीवन जीने की स्वतंत्रता के साथ अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है. हाल ही में इस चाइल्ड लाइन ने एक नाबालिग लड़की और उसके मानसिक रूप से बीमार मां को उसकी सौतेली मां की अन्याय से छुड़ाया है. अन्याय के दलदल को सेहती युवती ने संतोष व्यक्त किया कि ’चाइल्ड लाइन’ के हमारे लिए फ़रिश्ते से काम नहीं है.
बच्चे भगवान के घर का फूल और मां ममता की छाया हैं. लेकिन जब स्वार्थ और ईर्ष्या की विकृति प्रबल होती है, तो कई महिलाएं मातृत्व की महिमा को बनाए नहीं रख पाती हैं. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही सामने आया. पत्नी को मानसिक रूप से बीमार और छोटी बच्ची की जिम्मेदारी देखकर एक व्यक्तिने दूसरी शादी कर ली. सोचा था कि संसार को मदद की जाएगी, लेकिन इस दूसरी सौतेली मां ने अपना असली रंग दिखाते हुए छोटी बच्ची पर घर के काम की जिम्मेदारी डाल दी. मानसिक रूप से बीमार बच्ची की मां को एमआईडीसी में काम पर भेजा देती थी. इतना ही नहीं, युवती और उसकी मानसिक रूप से बीमार मां को दूसरी सौतेली मां रोज मारती, पीटती थी. हर दिन जब लड़की और उसकी मानसिक रूप से बीमार माँ का जीवन कठिन होता जा रहा था, इस दौरान उन्होंने श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दिन, रात चौबीसों घंटे निःशुल्क आपातकालीन सेवा चाइल्ड इमरजेंसी सर्विस चाइल्ड लाइन 1098 को सूचना प्रदान की है. इस सूचना के आधार पर चाइल्ड लाइन अमरावती के सदस्य तुरंत संबंधित स्थान पर पहुंचे और लड़की से मिलने पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. लड़की के मुताबिक, मां के मानसिक रूप से बीमार होने के कारण पिता ने दूसरी शादी कर ली. जब से सौतेली मां ने घर में पैर रखा है, तब से आए दिन अन्याय हो रहा है, जैसे कि लड़की और उसकी मां को पीटना, घर के सारे काम करना. लड़की और उसकी मानसिक रूप से बीमार मां को एमआयडीसी अमरावती में हर दिन काम करते हैं.
इस बारे में जानकारी के अनुसार बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने लड़की और उसकी मां को तुरंत काम से मुक्त कर दिया. चाइल्ड लाइन टीम अमरावती ने उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया. चूंकि लड़की और उसकी जन्म मां को देखभाल और सुरक्षा की सख्त जरूरत थी, लड़की को शासकीय मुलींचे बालगृह अमरावती और मां को महिला आधार भिक्षुकरी आश्रम केंद्र, बडनेरा में आश्रय प्रदान किया गया था. इसके बाद लड़की के पिता को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और चेतावनी दी गई.
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, मंडल के सचिव प्रा. डॉ. माधुरीताई चेंडके, चाइल्ड लाइन के निदेशक डॉ. नितिन काले, बाल कल्याण समिति सदस्य, अंजलि गुलाक्षे, आधार केंद्र के बसवन्नाथे, चाइल्डलाइन समन्वयक अमित कपूर, काउंसलर सपना गजभिये, टीम सदस्य मीरा राजगुरे, पंकज श्रृंगारे, सरिता राउत, अजय देशमुख, शंकर वाघमारे, ऋषभ मुंडे और अभिजीत ठाकरे के मार्गदर्शन में उन्होंने शोषित और वंचितों को आजादी दी. इस प्रेरक कार्य के लिए चाइल्डलाइन को हर स्तर से बधाई दी जा रही है.