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ठंड पसार रही पांव, ठिठूरन बढी

जगह-जगह जल रहे अलाव, गर्म कपडों की मांग व बिक्री हुई तेज

अमरावती/दि.6- विगत कुछ दिनों से पारा लगातार नीचे की ओर लुढक रहा है और तापमान घटने की वजह से ठंड का जोर बढ रहा है. जिसके चलते अब ठिठूरन बढने लगी है तथा शहर सहित ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह पर अलाव जलते भी दिखाई देने लगे है. इसके साथ ही अब ठंड से बचने हेतु लोगों द्वारा गर्म कपडों का भी प्रयोग किया जाने लगा है. जिसके चलते गर्म व उनी कपडों की दुकानों पर ग्राहकों की अच्छी-खासी भीडभाड दिखाई देने लगी है.

* ठंड बढते ही चिखलदरा पहुंच रहे पर्यटक

अमूमन विदर्भ के एकमात्र हिल स्टेशन चिखलदरा में बारिश के मौसम दौरान तथा नव वर्ष की पूर्व संध्या पर पर्यटकों की अच्छी-खासी भीडभाड रहती है. किंतु इस समय बारिश का मौसम खत्म हो चुका है और नये वर्ष का आगमन होने में करीब एक माह का समय बाकी है. किंतु गुलाबी ठंड द्वारा दस्तक दिये जाते ही मौसम का मजा लेने के लिए पर्यटकों की भीड चिखलदरा पहुंच रही है. जहां पर इन दिनों कडाके की ठंड पडने के साथ ही सुबह लंबे समय तक कोहरे की चादर छायी रहती है. साथ ही इस समय चिखलदरा के आसपास स्थित पहाडों और घाटियों में हरियाली फैली हुई है. जिसके चलते यहां पर चहुुंओर नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्य दिखाई देते है. ऐसे में ठंड के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए अनेकों पर्यटक चिखलदरा पहुंच रहे है. जिसके चलते यहां के गाविलगड किले सहित सभी दर्शनी पॉइंटस् पर पर्यटकों की अच्छी-खासी भीडभाड दिखाई दे रही है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन के चलते करीब पौने दो वर्ष तक चिखलदरा को पर्यटकों के लिए पूरी तरह से बंद रखा गया था. ऐसे में लंबे समय तक प्रकृतिप्रेमी पर्यटक इस पर्वतीय क्षेत्र में घुमने-फिरने से वंचित रहे. जिसके चलते अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अनुमति मिलते ही पर्यटकों की भीड अब चिखलदरा पहुंचने लगी है. वहीं इससे पहले दुरूस्ती संबंधी कामों के चलते पर्यटकों हेतु बंद किये गये गाविलगड किले को भी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. साथ ही वन विभाग द्वारा जंगल सफारी की सेवा भी शुरू कर दी गई है. ऐसे में पर्यटन नगरी चिखलदरा में एक बार फिर रौनक लौट आयी है.

* रात के समय ठंड बढने की संभावना

अरब सागर में चक्रावाती हवाओं का प्रभाव कम होने के चलते अब समूचे राज्य में वातावरण पूरी तरह से खुला हुआ है. जिसकी वजह से आगामी एक-दो दिनों के दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में रात के समय न्यूनतम तापमान में कमी आकर ठंड का प्रमाण बढ सकता है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक राज्य में इस समय न्यूनतम तापमान औसत से 2 से 6 डिग्री सेल्सियस से अधिक है. जिसके चलते दिसंबर माह में अपेक्षित रहनेवाली ठंड अब भी महसूस नहीं हो रही. किंतु आगामी दो-तीन दिनों में न्यूनतम तापमान अपने औसत स्तर या उससे भी नीचे जाने की पूरी संभावना है. जिसके चलते रात के समय ठंड का प्रभाव काफी हद तक बढ सकता है.

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