चपाटा मिर्ची में आई तेजी, लाल मिर्ची के भी काजू-बादाम के तरह बढे दाम
इस वर्ष भारी वर्षा का नतीजा, डेढ गुना हुई बढोत्तरी
अमरावती/दि.10 – इस वर्ष हुई मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि के कारण खरीफ फसलों का जिस तरह नुकसान हुआ है. उसी तरह मिर्ची के उत्पादन पर भी परिणाम दिखाई दिया है. मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश से आवक कम होने के कारण लाल मिर्ची के दाम काफी बढ गये है. साथ ही चपाटा मिर्ची में भी काफी तेजी आई है.
इस वर्ष मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस अतिवृष्टि का परिणाम मिर्ची के उत्पादन पर भी होने से मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश से आवक कम होने के कारण कोल्ड स्टोअरेज में माल कम बचा है. इस कारण मिर्ची के दाम काफी बढ गए है. जिले में तेजा सी-5, चपाटा मिर्ची की बिक्री की जाती है. इस बार गावरानी मिर्ची के दाम दोगुने बढ गये है. जबकि चपाटा 921 रुपए किलो से बेची जा रही है. आंध्रप्रदेश में सर्वाधिक मिर्ची का उत्पादन होता है. इस राज्य के वारंगल और खम्माम में अधिक उत्पादन होता है. लेकिन महाराष्ट्र राज्य की तरह आंध्र प्रदेश में भी भारी वर्षा और अतिवृष्टि होने से इसका परिणाम मिर्ची उत्पादन पर पडा है. इसी कारण लाल और चपाटा मिर्ची में बेतहाशा बढोत्तरी हुई है.
* व्यवसाय में दिनोंदिन हो रहा बदलाव
मिर्ची व्यवसाय में दिनोंदिन बदलाव देखने मिल रहा है. कभी अतिवृष्टि, तो कभी कम दाम के कारण व्यवसायियों को काफी घाटा सहन करना पड रहा है. आंध्र प्रदेश में हुई भारी वर्षा के कारण उत्पादन कम होने से इस बार मिर्ची के भाव में वृद्धि हुई है.
– गुणवंत बागडे, व्यापारी अमरावती.
* गृहिणियों पर भी विचार करने की नौबत
घर में हर दिन खाना बनाते समय तिखा और मीठा अनिवार्य रहता है. लेकिन पिछले 2-3 माह में मिर्ची के दाम बढने से खाने में तिखे का कितना इस्तेमाल करना यह अब घर की गृहिणियों को विचार करने की नौबत आ गई है. घर के सदस्यों को तिखें के बिना स्वाद खाने में नहीं आता. इस कारण मजबूरन महंगी हुई मिर्ची भी खरीदनी पडती है.
– योगिता ढवले, बडनेरा.