अमरावतीमहाराष्ट्र

बार-बार बिजली खंडित होने से नागरिक परेशान

रात में मच्छरों का आतंक, दिन में तेज धूप

* नागरिकों के स्वास्थ पर हो रहा असर
नांदगांव खंडेश्वर/दि. 7 – स्थानीय बिजली विभाग की लापरवाही के चलते बार-बार बिजली खंडित होने से नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. रात में मच्छरों का आतंक और दिन में तेज धूप सहन करनी पड रही है. जिससे नागरिकों के स्वास्थ पर असर हो रहा है. बिजली की आंखमिचौली के चलते पंखे बंद रहने की वजह से गर्मी की मार झेलनी पड रही है. रात में बिजली गई तो दूसरे दिन ही वापस लौटती है. घंटो नागरिकों को बिजली का इंतजार करना पडता है.
खेती के लिए मोटर पंपों को 8 घंटे की बिजली दी जानी चाहिए थी. लेकिन नांदगांव खंडेश्वर कार्यालय केवल 4 घंटे की बिजली दे रहा है. इस सीमित समय में सिंचाई कर पाना मुश्किल हो गया है और फसलें खराब होने का खतरा बढ रहा है. बार-बार बिजली कटने से ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं भी हो रही हैं.
विद्युत विभाग ने दो साल पहले रेणुकापुर सबस्टेशन से मंगरुल चवाला तक हाईटेंशन बिजली कनेक्शन का प्रस्ताव भेजा था. जिसे मंजूरी भी मिल गई थी. लेकिन 2 साल बीत जाने के बावजूद काम शुरु नहीं हुआ हैं. स्थानीय अधिकारी इस पर ध्यान देने के बजाय अपनी ही दुनिया में व्यस्त हैं. नागरिकों ने इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों से ध्यान देने की मांग की है.
कई जगहों पर बिजली विभाग के कर्मचारी काम के प्रति लापरवाह रहते है और निजी वायरमैन से काम करवाते हैं. अनस्किल्ड वायरमैन के काम के दौरान दुर्घटनाएं होती है. लेकिन अधिकारी इस पर भी ध्यान नहीं देते, ऐसी घटनाओं को रोकने और बिजली की समस्या को हल करने के लिए नागरिकों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

* कभी भी गुल हो जाती है बिजली
ग्रामीण इलाकों में दिनभर में कभी भी बिजली कट जाती है. जिससे बिजली से चलनेवाले उपकरण काम नहीं करते. छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस गर्मी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड रहा है. सायबर कैफे, जेरॉक्स सेंटर, कोल्ड ड्रिंक और विद्युत उपकरण बेचनेवाले व्यवसायों को भी नुकसान हो रहा है. जब नागरिक शिकायत करते हैं, तो स्थानीय बिजली कार्यालय से बताया जाता है कि, बिजली आपूर्ति ऊपर से बंद है. जबकि फ्यूज उडने या ट्रांसफार्मर खराब होने से कोई संबंध नहीं होता.

* मौजूद नहीं रहते अधिकारी व कर्मी
नांदगांव खंडेश्वर में बिजली आपूर्ति अनियमित रहती है. स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण यह समस्या गंभीर होती जा रही है. अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय में मौजूद नहीं रहते और अपने कामों को लेकर बेपरवाह हैं. विद्युत विभाग में तकनीकी खराबियां बढती जा रही हैं, लेकिन इन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. खराब ट्रांसफार्मर और उडे हुए फ्यूज जैसी समस्याएं आम हो गई है.

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