दोस्त मुझे तो फंसाया, दूसरे को मत फंसाना
वॉट्सएप पर स्टेटस रखकर बैंक मैनेजर ने की आत्महत्या
* कई दिनों से तनाव में था विठ्ठल सदार
वाशिम/दि.03– ‘दोस्त मुझे तो फंसाया, लेकिन किसी और को मत फंसाना’ इस आशय का भावनात्मक संदेश अपने वॉट्सएप स्टेटस पर रखते हुए बैंक मैनेजर रहने वाले विठ्ठल मधुकर सदार (28) नामक युवक ने विगत बुधवार 31 जनवरी को छत्रपति संभाजी नगर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. विठ्ठल सदार के परिवार द्वारा आरोप लगाया गया है कि, पटवारी पदभर्ती में एक दोस्त द्वारा अपने साथ जालसाजी किये जाने से व्यथित होकर विठ्ठल ने यह आत्मघाती कदम उठाया.
जानकारी के मुताबिक वाशिम जिले की रिसोर्ट तहसील अंतर्गत खडकी सदार में रहने वाले किसान परिवार से वास्ता रखने वाला विठ्ठल सदार विगत करीब 8 वर्ष से संभाजी नगर में रह रहा था. जहां पर औरंगपुरा गुलमंडी क्षेत्र में अपने 4 दोस्तों के साथ एक फ्लैट में रहते हुए वह स्पर्धा परीक्षा की तैयारी कर रहा था. साथ ही एक बैंक में मैनेजर के तौर पर काम भी किया करता था. परंतु वह विगत कुछ दिनों से काफी तनाव में था और बुधवार की सुबह उसने अपने साथ रहने वाले एक दोस्त को यह कहते हुए भगवान विठ्ठल की मूर्ति लाने हेतु कहा कि, भगवान विठ्ठल उस पर रहने वाले सभी संकटों को दूर करेंगे. लेकिन उस दोस्त के बाहर जाते हुए विठ्ठल सदार ने अपने मोबाइल को फार्मेट किया और सीम को तोडकर मोबाइल फोड दिया. इससे पहले उसके वॉट्सएप स्टेटस पर रखते हुए सभी को छोडकर जाने की बात कही तथा अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
इस बीच विठ्ठल सदार का वॉट्सएप स्टेटस देखकर उसके कुछ दोस्त तुरंत उसके फ्लैट पर पहुंचे. लेकिन तब तक विठ्ठल सदार की मौत हो चुकी थी. पश्चात पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को अंतिम संस्कार हेतु उसके पैतृक गांव खडकी सदार लाया गया. जहां पर उसके परिवार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक विठ्ठल के जरिए उसके पुणे में रहने वाले एक दोस्त ने पटवारी पदभर्ती के लिए कई विद्यार्थियों से लाखों रुपयों की रकम ली थी. इस मामले में आगे चलकर जालसाजी होने के चलते विठ्ठल सदार काफी हद तक तनाव का शिकार हो गया था. जिसके चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया. इस शिकायत के आधार पर सिटी चौक पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है.
* मेरी आत्महत्या ही तुम्हारे लिए सजा होगी
आत्महत्या से पहले वॉट्सएप स्टेटस पर विठ्ठल सदार ने लिखा था कि, ‘दोस्त मेरी जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी, लेकिन तुने मेरे साथ जो धोखेबाजी की उससे केवल मैं ही नहीं, बल्कि एक माता-पिता का आधार जा रहा है, मैं तो सबकुछ छोडकर जा रहा हूं, क्योंकि तुने जो कुछ किया उसका इतना भारी बोझ मैं उठा नहीं पाउंगा, लेकिन तुने मेरे साथ जो कुछ किया वह किसी और के साथ मत करना, मेरी आत्महत्या ही तेरी सजा है और मेरी आत्महत्या का कारण भी तू है, मैं ऐसे बीच में तूम सबको और एक व्यक्ति को भी छोडकर जा रहा हूं’