अमरावतीमहाराष्ट्र

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में मित्रों का रहा विशेष महत्व

कथावाचक बालव्यास पं. अक्षय अनंत गौड का प्रतिपादन

* सतीधाम मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का अंतिम दिन
* माहेश्वरी महिला मंडल का आयोजन
अमरावती/दि. 2– भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में मित्रों का विशेष महत्व रहा है. बाल्यवस्था में उन्होंने मित्रों के साथ घर-घर जाकर माखन से भरी मटकियों को फोडकर माखन चुराया. यह मित्रता केवल बाल्यवस्था तक सीमित नहीं रही बल्कि युवावस्था में भी उन्होंने अपनी मित्रता को बनाए रखा. यही कारण है कि, गरीबी में जीनेवाले सुदामा का उद्धार कर उन्होंने मित्रता का परिचय दिया, ऐसा प्रतिपादन राजस्थान के नागौर के कथावाचक बालव्यास पं. अक्षय अनंत गौड ने व्यक्त किया.
वे स्थानीय रायली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में पितृपक्ष के पुण्य पर्व पर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा श्रवण करवा रहे थे. जिसमें उन्होंने बताया कि, भगवान कृष्ण ने सुदामा प्रसंग के माध्यम से मित्रता किस प्रकार होनी चाहिए उसका एक उदाहरण प्रस्तुत किया है. सुदामा जहां गरीब होने के बाद भी उसने अपने मित्र के समक्ष अपनी परिस्थिति का वर्णन नहीं किया. लेकिन मित्र के साथ खाली हाथ नहीं जाना चाहिए, उसे कोई ना कोई भेंट वस्तु दी जाए. जो मनुष्यरुपी समाज का नियम है, उसका पालन जहां एक तरफ सुदामा ने किया, वहीं दूसरी ओर परिस्थिति का अनुमान लगाकर उसे सुधारने के लिए जो दूसरे मित्र भगवान श्रीकृष्ण ने भेंट दी यह सृष्टि द्वारा निर्मित एक नियम का पालन है. केवल यहीं नहीं मित्रता यह स्वार्थ के लिए नहीं होनी चाहिए, उसे निस्वार्थ भाव से निभाना चाहिए तभी इसका फल दोनों को ही मिलता है, ऐसा बालव्यास पं. अक्षय अनंत गौड महाराज ने श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग के दौरान मित्रता के मर्म को बताने का प्रयास कथा के अंतिम दिन किया.
सतीधाम मंदिर के प्रांगण में रात 9 बजे से श्रीमद् भागवत कथा हवन का आयोजन किया गया था. जिसमें माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्षा संगीता टवाणी व राजकुमार टवाणी, संयोजिका सरिता सोनी, शिवप्रसाद सोनी, किरण मुंधडा, किशोर मुंधडा, सरिता व मनोज सोमाणी, सविता व धीरजकुमार नावंदर, सुनीता व प्रवीण करवा, संजय शाह, चंदा व रमेश साबू, कांता व ओमप्रकाश राठी, शशि व देवकिसन मुंधडा, आशीष व दीप्ति मुंधडा, रेनू व रविकुमार केला, प्राची व अभिषेक चांडक, वैशाली व श्रीनिवास टवाणी, शोभा व विनोद राठी के साथ स्व. रघुनाथदास व तुलसीबाई मुंधडा, स्व. श्यामसुंदर राठी, स्व. बुलाखीदास व लीलादेवी केला, स्व. विजयकुमार टवाणी, स्व. रामेश्वरदेवी हेडा. स्व. रामनारायण करवा, स्व. विठ्ठलदास राठी, स्व. शंकरलाल सोमाणी, स्व. गंगाबिसन व आशाबाई नावंदर, स्व. कौशल्यादेवी सावना, स्व. जगदीशकुमार चांडक, स्व. लीलाबाई मुंधडा, स्व. माला मुंधडा, स्व. मोतीलाल व सुलोचना शाह के परिजनों ने भी हवन में सहभागी होकर 21 दंपति ने हवन में पूर्णाहुति दी.
कथा की समाप्ति पर प्रसादी का वितरण में मुन्ना सोनी, गोविंदा, सुनील मंत्री, संजय भूतडा, विशाल लढ्ढा, संजय शाह, कैलाश साहू, आकाश किंदरके ने विशेष सहयोग दिया. माहेश्वर पंचायत अंतर्गत माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा सतीधाम मंदिर में आयोजित सात दिवसीय कथा के आयोजन में सतीधाम मंदिर व्यवस्थापक अजय झुनझुनवाला तथा जय जोशी व उनके सहयोगियों ने सहयोग दिया. जिसमें माहेश्वरी महिला मंडल ने उनका आभार व्यक्त किया. साथ ही दैनिक यजमान, प्रसाद यजमान व मुख्य यजमान तथा राजस्थान के मुंडवा निवासी नारायणीबाई बंग का विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया गया.
कथा के सफल आयोजन के लिए माहेश्वरी पंचायत अंतर्गत श्री माहेश्वरी महिला मंडल अध्यक्षा संगीता टवाणी, सचिव नीशा जाजू, कोषाध्यक्षा सरोज चांडक के साथ संयोजिका सरिता सोनी, सहसंयोजिका शशि मुंधडा, रेनु केला, वनीता डागा, किरण मुंधडा, उषा मंत्री, माधुरी सोनी ने अथक प्रयास किए. कथा स्थल पर सुशीला चांडक, एड. आशा मंत्री, नवयुवक मंडल अध्यक्ष डॉ. विभोर सोनी, सुश्री मंगलाश्री, बिंदा मणियार, बिहारीलाल बूब, ओमप्रकाश चांडक, चंचल तापडिया, भरत तापडिया, शोभा बजाज, उषा करवा, आशा लढ्ढा, माधवी सिकची, उर्मिला कलंत्री, कविता भट्टड, सुनीता राठी, गायत्री सोमाणी, कोमल सोनी, पुष्पा काबरा, सुनीता सोनी, किरण मंत्री, हेमा भट्टड, श्रद्धा राठी, सुनीता लढ्ढा, सोनाली राठी, पूजा मालाणी, संगीता मालाणी, ममता मुंधडा, पूजा नावंदर, रजनी बूब, प्रणिता भट्टड, ललिता सोनी, लता सिकची, रश्मी नावंदर, श्यामा चांडक, प्रतिभा मुंधडा, मीना गांधी, जयश्री लोहिया, शोभा सारडा, शीतल भट्टड, ज्योति पनपालिया, अमिता जयस्वाल, लता सिकची, गायत्री डागा, सुशीला चांडक, अरुणा भट्टड, हेमा भट्टड, कंचन झंवर, कविता मोहता, कविता राठी, सविता नावंदर, हेमा गट्टाणी, चंदा साबू, किरण मुंधडा, उषा मंत्री, वैशाली टवाणी, शारदा टवाणी, तारा काकाणी, पूजा तापडिया, मनोरमा बियानी, चंदा साबू, सुरेश साबू, शोभा राठी, उषा राठी, शीतल भट्ट, विजया राठी, सरोज राठी, बबिता टावरी, ज्योति करवा, सुरेश करवा, किरण लाहोटी, निलिमा मंत्री, कांता राठी, सुनीता करवा, सरला मुंधडा, तिलोत्तमा मुंधडा, सुषमा गांधी, संध्या केला, गीत लाहोटी, राधा काकाणी, संगीता राठी, कल्पना लढ्ढा, मधुबाला लढ्ढा, सुनील मंत्री, अमन सोनी, योगेश, करवा, कल्पेश भट्टड, सीए पूर्वेश राठी, अभिषेक चांडक, मोहित सारडा, नटवर झंवर, सुनील मंत्री, कमल सोनी, राजकुमार टवानी, गिरीश डागा, नितिन सारडा, संजय भट्टड, संजय शाह, कैलाश साहू, सुंदरलाल केला, दिनेशकुमार केला, प्रकाश केला, रविकुमार केला, अनुराग केला, गोविंद केला, अंश केला, संध्या केला, रेखा केला, नेहा केला, उर्मिला केला, स्वरा केला, प्रभा झंवर, प्रतीक्षा टवाणी सहित बडी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष उपस्थित थे.

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