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* सरकार से भी मिलता है भरपूर अनुदान
* किसानों की आय हो सकती है दोगुनी
अमरावती /दि. 10– किसानों को उनके खेतों से मिलनेवाले रोजगार व आर्थिक उत्पन्न को बढाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण राष्ट्रीय रोजगार योजना शुरु की गई है. इस योजना के जरिए किसानों के व्यक्तिगत खेतों पर सलग व मुंडेर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसके तहत वर्ष 2024-25 के दौरान 2009 हेक्टेअर क्षेत्र में फल बागान लगाए गए है. इस योजना के चलते जिले में फलोत्पादन का बुआई क्षेत्र बढने में सहायता हो रही है.
फलों की फसलों का उत्पादन बढाने हेतु सुक्ष्म सिंचाई का प्रयोग तथा व्यवसायिक दृष्टि से नियोजन करने के चलते उत्पादन में वृद्धि होकर निर्यात को गति मिल रही है. साथ ही इस योजना के चलते किसानों के हाथों को काम व रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. फलोत्पादन से अच्छी-खासी आय होती है और बाजार में उपज को दाम भी अच्छे मिलते है. जिसके चलते यह योजना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.
जिले में मनरेगा अंतर्गत 54 तरह के फल वृक्षों की बुआई की जाती है. साथ ही इस योजना के तहत किसानों को अनुदान भी मिलता है. जिससे किसानों को दोगुना लाभ होता है.
* मनरेगा से फलोत्पादन को प्रोत्साहन
बेभरोसे वाले मौसम का नुकसान खरीफ व रबी सीजन के फसलों को होता है. जिसके चलते भविष्य में फलोत्पादन के लिए रहनेवाले अवसरों को ध्यान रखते हुए सरकार ने मनरेगा अंतर्गत फल बागानों हेतु अनुदान दिया है.
* मनरेगा अंतर्गत कितने हेक्टेअर में फलबाग
मनरेगा के तहत अमरावती तहसील में 156, भातकुली में 10, नांदगांव खंडे. में 129, चांदुर रेलवे में 140, धामणगांव रेलवे में 83, मोर्शी में 253, वरुड में 160, तिवसा में 152, चांदुर बाजार में 246, अचलपुर में 212, दर्यापुर 6, अंजनगांव सुर्जी में 117, चिखलदरा में 141 तथा धारणी तहसील में 199 हेक्टेअर क्षेत्र में फल बागान साकार किए गए है.
* कौनसे वृक्ष लगाएं जा सकते है.
इस योजना के तहत संतरा, आम, अनार, नीबू, बेल, सीताफल, आंवला, इमली, जामून, बांबू, जट्रोफा, कडीपत्ता, नीम, सहजन, पानपिंपरी, ड्रैगन फूड, एवाकॅडो, चंदन, चारोली, तुती, सिसव, महुआ, सुबबूल गुलमोहर व करौंदे सहित 59 प्रकार फल झाड लगाएं जा सकते है.
* कितना मिलता है अनुदान
मनरेगा अंतर्गत फल बाग लगाने हेतु पहले वर्ष 50 फीसद, दूसरे वर्ष 30 फीसद व तीसरे वर्ष 100 फीसद अनुदान की रकम योजना के जरिए किसानों को मिलती है.
* किसानों के लिए यह योजना बेहद लाभदायक है. इसके जरिए आय व रोजगार का दोहरा फायदा होता है. जिसके चलते किसानों ने इस योजना का लाभ लेना चाहिए.
– ज्ञानेश घ्यार, उपजिलाधीश, रोगायो.