ट्रैवल्स व्यवसाय पर गहराया ईंधन दरवृद्धि का संकट
व्यवसाय ठप होने की कगार पर, 10 से 11 हजार का अतिरिक्त खर्च
अमरावती/दि.16 – ईंधन दरवृद्धि से जहां जीवनाश्यक वस्तुओं पर महंगाई और अधिक बढने की संभावना जताई जा रही है, वहीं निजी ट्रैवल्स व्यवसाय पर भी उसका बडे पैमाने में असर पडा है. महंगे रोड टैक्स, फिटनेस, मेंटेनन्स व टोल टैक्स जैसे खर्च का सामना कर रहे ट्रैवल्स व्यवसाय पर अब ईंधन दरवृद्धि से संकट गहराया है. जिससे कई ट्रैवल्स संचालक सडक पर गाडियां दौडाने में असमर्थ हो रहे है. जिससे यह व्यवसाय ठप होने की कगार पर है.
कोरोना महामारी के कारण पहले ही स्कूल-कॉलेज बंद है, उसमें अधिकांश लोग वर्क आफ होम कर रहे हैं. जिससे विद्यार्थियों के साथ ही निजी नौकरियां करने वाले यात्रियों की संख्या कम हुई है. मुंबई, पुणे व सुरत से नागपुर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या कम होने से निजी ट्रैवल्स व्यवसाय पर असर पडा है. पहले नागपुर से पुणे आने जाने के लिए डीजल के लिए 22 हजार रुपए खर्च आता था, लेकिन ईंधन वृद्धि से 33 हजार रुपए खर्च हो रहा है. उसमें ज्यादा टिकिट भाडे पर कोई भी यात्री यात्रा करने तैयार नहीं है. इसीलिए ऐसी स्थित में करें तो क्या करें यह प्रश्न ट्रैवल्स व्यवसायियों के समक्षम है.
यात्रियों को भुगतना होगा खामियाजा
ईंधन वृद्धि के बाद से 40 फीसदी ट्रैवल्स संचालक गाडियां चलाने में असमर्थ है, क्योंकि महंगी टिकट पर कोई यात्रा करने तैयार नहीं है और टिकट की दरें कम करें तो खर्च से कम कलेक्शन रहेगा. 3 महीने का रोड टैक्स भरने के साथ फिटनेस, मेटनेन्स, टोल टैक्स जैसी चीजों की भारी भरकम रकम देने हर कोई असमर्थ है. राज्य सरकार निजी ट्रैवल्स संचालक की अनदेखी करती आ रही है, उन्हेें न तो सुरक्षित स्टापेज दिया जा रहा है, और ना ही कोई सुविधा. इसी अडियल रवैये से परिवहन विभाग ने शिवशाही को डूबो दिया है. टािईमंग के साथ साफ सुधरी व भरोसेमंद यात्रा जैसी सुविधा देने वाले ट्रैवल्स व्यवसाय ठप होने से यात्रियों को उसका खामियाजा भुगतना होगा.
– मेराज खान पठान, अध्यक्ष,
जिला ट्रैवल्स एसो.
50 फीसदी नुकसान झेल रहे संचालक
कोरोना महामारी के कारण सडक पर ट्राफिक कम होने से 50 फीसदी लोग ही ट्रैवल्स में यात्रा कर रहे हैं. 30 सिटर बस में सिर्फ 12 से 13 यात्रियों को लेकर यात्रा करनी पड रही है, यात्रा में होने वाला खर्च भी बडी मुश्किल से निकल रहा है, उसमें ईंधन के दामों में वृद्धि से पूरा कारोबार ही ठप पड जाएगा. केंद्र सरकार ने डीजल के दामों को कम करना चाहिए.
– मनोज उल्हे, संचालक, ट्रैवल्स
व्यवसाय बर्बाद होने के कगार पर
निजी ट्रैवल्स पर पहले ही अलग-अलग टैक्स लगाकर टैवल्स यात्रा को सरकार ने महंगा कर दिया है, उसमें कोरोना की मार झेल रहे इस व्यवसाय में यात्रियों की कमी के कारण खर्च की लागत तक नहीं निकल पा रही है. ईएमआई व अन्य कारणों से संकट में घिरे ट्रैवल्स व्यवसाय को बर्बाद करने पर तुले हुए है. ईंधन वृद्धि से व्यवसाय करना और अधिक कठिन हो गया है.
– दिलीप छुटलानी, ट्रैवल्स संचालक