प्रकल्प ग्रस्त मजदुरों की मांग जल्द करें पुरी
रतन इंडिया कंपनी के प्रकल्पग्रस्त कर्मचारियों की मांग
अमरावती/ दि. 25 – रतन इंडिया कंपनी में काम करने वाले प्रकल्पग्रस्त कर्मचारियों का वेतन वृध्दी मुद्दा लगभग 2 वर्षो से शुरू है. इन कर्मचारियों को अभी तक वेतन वृध्दी का लाभ तथा कंपनी में काम नहीं मिल पाने के चलते न्याय की गुहार लेकर जिलाधिकारी से कर्मचारियों ने मांग की है. कि कामगार उपायुक्त के पास यह मुद्दा रहने से वे ढिलाई दिखा रहे है और कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है.
शुक्रवार जिलाधिकारी को सौंपे निवेदन के माध्यम से रतन इंडिया कंपनी के प्रकल्प ग्रस्त कर्मचारियों ने कहा कि प्रकल्पग्रस्त कर्मचारियों के वेतन वृध्दी का मुद्दा यह लगभग 2 वर्षो से शुरू है. मगर प्रकल्पग्रस्त कर्मचारियों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है. कामगार आयुक्त के पास रतन इंडिया कंपनी के प्रकल्पग्रस्तों के वेतन वृध्दी के संदर्भ में बैठकों का दौर शुरू है. मगर कामगार उपायुक्त की ओर से बैठकों का समय बढ़ाया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि कामगार उपायुक्त की ओर से कंपनी का पक्ष लिया जा रहा है. जिसके कारण प्रकल्प ग्रस्त कर्मचारियों में रोष नजर आ रहा है. रतन इंडिया कंपनी प्रकल्प ग्रस्त कर्मचारियों को हमेशा ही बांटने का कार्य कर रही है. 25 प्रकल्प ग्रस्त कर्मचारियों को नौकरी की प्रतिक्षा है. बावजूद इसके कंपनी बाहर से कर्मचारियों की भर्ती कर रही है. बार बार निवेदन देने के बावजूद भी प्रकल्पग्रस्तों को न्याय नहीं मिल पाने की वजह से प्रकल्प ग्रस्त कर्मचारी हतबल हो चुके है. निवेदन में प्रकल्प ग्रस्तों को न्याय देने की मांग इस समय की गयी. निवेदन देते समय प्रफुल्ल तायडे, विनोद पांडे, रोशन थिमकर, दिपक यावले, देवानंद इंगोले, अतुल तायडे, प्रविण खंडारे, अनुदास भोसले, अजय खंडारे, सुनिल खंडारे, चेतन रोडे आदि उपस्थित थे.